पटना: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी को लेकर विपक्षी एकजुटता की महत्वपूर्ण बैठक मुंबई में होने जा रही है. सूत्रों के अनुसार 31 अगस्त और 1 सितंबर को दो दिवसीय बैठक हो सकती है. बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के सूत्रधार नीतीश कुमार रहे हैं. पटना में 23 जून को जो बैठक हुई उससे पहले नीतीश कुमार ने सभी महत्वपूर्ण विपक्षी दल के नेताओं से उनके राज्य में जाकर मुलाकात की और एक मंच पर लाने के लिए सबको मनाया.
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संयोजक के नाम पर सहमति नहीं बनीः पटना में 15 दल एक साथ बैठे थे. सभी ने बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने की सहमति दी. उसके बाद बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक हुई. उसमें 26 दल शामिल हुए. गठबंधन का नाम 'इंडिया' भी तय हो गया. 11 सदस्यीय कमेटी बनाने की घोषणा भी हुई. लेकिन, ना तो पटना की बैठक में और ना ही बेंगलुरु की बैठक में संयोजक को लेकर सहमति बन पाई और ना ही सीट शेयरिंग पर चर्चा हुई. अब मुंबई की बैठक में दोनों मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
मुंबई की बैठक में कई मुद्दों पर होगा फैसलाः इस बीच नीतीश कुमार के संयोजक बनाने की फिर से चर्चा जोर पकड़ रही है. इसका बड़ा कारण हाल ही में दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर लालू यादव से राहुल गांधी की मुलाकात. लालू यादव शुरू से नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रयास कर रहे हैं. राहुल गांधी के साथ बैठक में संयोजक सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना जदयू और आरजेडी सूत्रों के तरफ से व्यक्त की जा रही है. राजद और जदयू नेताओं का कहना है कि मुंबई की बैठक में संयोजक और सीट शेयरिंग सहित कई मुद्दों पर फैसला हो जाएगा.
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संयोजक का फैसला सभी दलों को करना हैः आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है मुंबई बैठक से विपक्षी एकजुटता की स्थिति और स्पष्ट होगी. वहीं नीतीश कुमार के नजदीकी और जदयू विधान पार्षद संजय गांधी का कहना है कि नीतीश कुमार की मुंबई की बैठक में भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के सूत्रधार हैं और एकजुटता को अंतिम मुकाम तक पहुंचाएंगे. बीजेपी को 2024 में हराएंगे संयोजक का फैसला सभी दलों को करना है.
"लालू यादव और राहुल गांधी की मुलाकात महत्वपूर्ण है. जो चर्चा हो रही है उसके हिसाब से नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की कोशिश लालू कर रहे हैं. क्योंकि कांग्रेस जब चाहेगी तभी संभव होगा. ऐसे में लालू यादव राहुल गांधी को बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें लालू यादव का स्वार्थ भी है. क्योंकि, नीतीश कुमार संयोजक बनते हैं तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री कुर्सी के और करीब हो जाएंगे. नीतीश कुमार का प्रधानमंत्री पद की दावेदारी की तरफ एक कदम और बढ़ जाएगा."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विश्लेषक
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सीट शेयरिंग के फार्मूले पर मंथन: मुंबई की बैठक का आयोजन उद्धव ठाकरे कर रहे हैं. पिछली दोनों बैठकों में सीट शेयरिंग पर चर्चा नहीं हुई है. लेकिन इस बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर रणनीति तैयार होगी. राज्यों में सीट शेयरिंग का क्या फार्मूला होगा इस पर चर्चा के लिए मंथन हो रहा है. मुंबई की बैठक में इस पर सब की सहमति लेने की कोशिश होगी. नीतीश कुमार इस काम में भी लगे हुए हैं. लेकिन, सबकी नजर इस पर है कि मुंबई की बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक बनने पर सबकी सहमति बन पाती है या नहीं.