पटना: बिहार में एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा में आपसी खींचतान दिख रहा है. एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा में दो राय है. गृह मंत्री अमित शाह और सुशील मोदी के बयान के बाद विपक्ष ने अब चुटकी लेना शुरू कर दिया है. अमित शाह ने बयान में कहा था कि पूरे देश में एनआरसी लागू होना चाहिए. हालांकि एनडीए के सहयोगी जदयू एनआरसी के मुद्दे पर अपनी अलग राय रख रही है. जदयू के बयान का समर्थन करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा.
मामले पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और आरजेडी नेताओं का कहना है कि एनआरसी एक विवादित मुद्दा है. लेकिन इस मुद्दे पर भाजपा में ही दो राय है. देश के गृह मंत्री पूरे देश में एनआरसी लागू करने की बात कर रहे हैं लेकिन उपमुख्यमंत्री बिहार में एनआरसी लागू न हो, इसकी वकालत कर रहे हैं. इन मुद्दों पर भाजपा और जदयू सिर्फ कुर्सी के लिए आम लोगों को बेवकूफ बना रही है.
NRC के मुद्दे पर भाजपा में खींचतान
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि बीजेपी पहले यह साफ करे कि देश में एनआरसी लागू होगा या नहीं. क्योंकि गृह मंत्री का बयान कुछ और है और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी अपनी अलग राय रखते हैं. उन्होंने कहा कि एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा में ही आपस में खींचतान है.
देश में दंगा कराना चाहते हैं अमित शाह- हम
विजय यादव ने सुशील कुमार मोदी पर हमला करते हुए कहा कि बिहार में एनडीए का गठबंधन जदयू से है. सुशील मोदी नीतीश कुमार के हर मुद्दे का समर्थन करते हैं क्योंकि वह नीतीश कुमार को कष्ट नहीं देना चाहते. विजय यादव ने कहा कि अमित शाह जिन्हें बांग्लादेशी कह रहे हैं. भारत सरकार ने उन्हें वोट देने का अधिकार दिया है. एनआरसी के मुद्दे पर अमित शाह पूरे देश में दंगा फसाद कराना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अब अन्य राज्यों में भी विधानसभा का चुनाव होना है. ऐसे में अमित शाह एनआरसी के मुद्दे को लेकर दंगा फसाद कराकर वोट की राजनीति करना चाह रहे हैं.
'NRC के मुद्दे पर लोगों को भरमा रही बीजेपी और जदयू'
वहीं, आरजेडी नेता विजय प्रकाश ने कहा कि बीजेपी और जदयू एनआरसी के मुद्दे पर लोगों को भ्रमित कर रही है. लोकसभा चुनाव के समय में इनलोगों ने जनता से जो वादा किया था उसे पूरा नहीं किया. अब लोगों को भटकाने के लिये भारतीय जनता पार्टी एनआरसी का मुद्दा उठा रही है. आरजेडी नेता ने कहा देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है. सरकार को अर्थव्यवस्था पर चर्चा करनी चाहिए. लेकिन बीजेपी और नीतीश कुमार कुर्सी पर चिपके रहने के लिए इस तरह के विवादित मुद्दों के माध्यम से लोगों को भटकाना चाह रहे हैं.