पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसको लेकर राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर प्रदेश के 11 जिले में फिर से लॉकडाउन लगाया है. राजधानी पटना में सबसे ज्यादा केस की पुष्टि हो रही है. संक्रमण का प्रसार ऐसा है कि अब यह केवल बाहर से आए लोगों या आम लोगों तक ही नहीं रहा.
कई जिले के डीएम और एसपी के अलावे अस्पतालों में काम करने वाले दर्जनों डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ संक्रमित हैं. मंत्रियों-नेताओं तक भी संक्रमण पहुंच गया है. यहां तक कि विधानसभा के सभापति भी सपरिवार संक्रमित पाए गए थे. ऐसे में अब सरकार की ओर से कोरोना बचाव को लेकर किये जा रहे दावे को राजनीतिक दल सवाल उठाने लगे हैं.
'कंटेनमेंट जोन की संख्या 4 गुना से अधिक'
राजधानी पटना संक्रमित मरीजों के साथ राज्य का कोरोना हब बनते जा रहा है. बीते एक महीने में पूरे बिहार में कंटेनमेंट जोन की संख्या 4 गुना से अधिक बढ़ी है. इससे बिहार में संक्रमितों की संख्या का अंदाजा लगाया जा सकता है. 11 जून को पूरे बिहार में 325 कंटेनमेंट जोन था. 30 जून को यह आंकड़ा 1025 तक पहुंच गया. 7 जुलाई को कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 1314 हो गया और अब यह आंकड़ा 16 सौ से भी अधिक हैं.
बता दें कि सरकारी आंकड़े के मुताबिक अब तक बिहार में कंटेनमेंट जोन की संख्या 2 हजार अधिक हो चुकी है. लेकिन पिछले 28 दिनों तक एक भी कोरोना केस नहीं मिलने के कारण 400 से अधिक कंटेनमेंट जोन डी नोटिफाई भी हो चुके हैं.
'संक्रमण के आंकड़े को छुपा रही सरकार'
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए विपक्ष भी सरकार पर कई तरह के आरोप लगा रही है. आरजेडी मुख्य प्रवक्ता भाई विरेंद्र ने नीतीश सरकार पर कोरोना की कम जांच और संक्रमण के आकड़े छुपाने के आरोप लगाए. संक्रमण के आंकड़े इस बात को पुख्ता करते हैं कि बिहार सरकार कोरोना से रहात-बचाव प्लान बनाने में विफल रहे. उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री आवास ही सुरक्षित नहीं है तो अन्य जगहों के बारे में आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि कोरोना जांच की क्षमता बिहार में 10 हजार हो गई है.लेकिन अभी तक एक भी दिन इतने जांच नहीं हुए हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री की ओर से कोरोना जांच का लक्ष्य 15 हजार रखा गया है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इस लक्ष्य से अभी काफी दूर है.11 जून को सबसे अधिक 9108 टेस्ट किया गए थे. पिछले 1 सप्ताह में बिहारभर में कोरोना जांच लगभग 6 हजार से 7 हजार के बीच रहा था.
'अनलॉक के बाद फिर तेजी से फैलेगा संक्रमण'
इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददता ने विशेषज्ञ डॉ. डीएम दिवाकर से बात की तो उन्होंने बताया कि अनलॉक होते बिहार में संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुए थे. इस दौरान संक्रमण के मामले लगभग तीन गुणा तक बढ़े थे. उन्होंने बताया कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने एकबार फिर से लॉकडाउन लागू किया है. इसका कुछ असर तो हो सकता है. लेकिन लॉकडाउन समाप्त होने के बाद संक्रमण फिर से तेजी से बढ़ेगा. क्योंकि, सरकार इसको लेकर सही ढंग से प्लान नहीं कर रही है. बिहार का हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बहुत बढ़िया नहीं है. ऐसे में स्थिति बिगड़ने के बाद, अंजाम भयावह हो सकते हैं.
'हालात पर सरकार की नजर'
बिहार सरकार के योजना विकास मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है कि लॉकडाउन से स्थिति को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी. क्योंकि कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा था. यह सरकार का सही फैसला है. वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री अरुण सिन्हा बताते हैं कि पटना सहित पूरे बिहार में संक्रमण के फैलने के कारण ही सरकार का यह फैसला लेना पड़ा है. जान के साथ जीवन यापन को लेकर भी सरकार विचार कर रही है.
लगातार बढ़ रहे कंटेनमेंट जोन
बता दें कि संक्रमितों की संख्या के साथ पटना में कंटेनमेंट जोन की संख्या लगातार बढ़ रही है. पटना के बाढ़ को छोड़कर सभी अनुमंडल में कंटेनमेंट जोन बना हुआ है. जिनकी कुल संख्या 90 से अधिक हो चुकी है. हालांकि, 65 कंटेनमेंट जोन अब तक डिनोटिफाई भी हुए हैं. इस तरह अब तक केवल पटना में 155 कंटेनमेंट जोन बने हुए हैं.
पांच अनुमंडल में इस प्रकर से हैं कंटेनमेंट जोन:-
पटना सिटी में 20, पटना सदर में 34, दानापुर में 21, मसौढ़ी में 7 और पालीगंज में 8 कंटनेमेंट जोन हैं.
बिहार सरकार के कामकाज पर असर
गौरतलब है कि वर्तमान समय में बिहार में 1 दिन में लगभग प्रतिदिन 700 से अधिक कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो रही है. बिहार में रिकवरी रेट भी घटा है. इसी के बाद पटना सहित एक दर्जन से अधिक जिलों में लॉकडाउन लगाया गया है. बिहार में अभी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने में भी काफी समय लग रहा है.
हालांकि, अब राहत यह है कि कोरियन कंपनी के रैपिड कीट से जांच जल्द शुरू होने वाला है. इस कीट से मात्र आधे घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट मिलने लगेगा. लॉकडाउन के कारण सरकार के कामकाज पर भी जबरदस्त असर है. मुख्यमंत्री खुद क्वरंटाइन हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अब तक नहीं हुई है. सीएम अधिकारियों को फोन पर निर्देश दे रहे हैं. कुछ प्रेस विज्ञप्ति भी सीएम हाउस से जारी हो रहा है. लेकिन बैठकें बंद है.