पटनाः बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान स्पीकर विजय सिन्हा और नीतीश कुमार में हुई नोकझोंक के बाद दोनों के बीच गतिरोध तो खत्म हो गया, लेकिन सदन में गतिरोध जारी है. विपक्षी सदस्य (Opposition On Nitish Kumar Vijay Sinha Issue Resolve) इस मुद्दे को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं और सदन की कार्यवाही बाधित की जा रही है. विपक्ष इस बात पर अड़ा है कि सदन की गरिमा का ख्याल रखते हुए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए.
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सदन में हुई नोकझोंक की घटना के बाद विपक्ष लगातार सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर निशाना साधने में लगा है. जबकि मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुपचुप तरीके से विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ बैठक कर सुलह कर ली. इस दौरान उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी बैठक में शामिल थे, लेकिन विपक्ष इस तरीके से हुई सुलह को मानने के लिए तैयार नहीं है और सदन में इसको लेकर हंगामा मचा हुआ है. विपक्ष के नेता तो अब यहां तक कहने लगे हैं कि भाजपा और जदयू के बीच मैच फिक्स है, ये सब जो सदन में हो रहा है ये सही नहीं है.
'जिस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष को अपमानित किया, उससे सदन की गरिमा गिरी है. मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए और पूरे मसले पर सदन में चर्चा की जानी चाहिए. सरेआम सदन में आसन का अपमान किया गया और रात के अंधेरे में कौन सी सुलह हो गई. सिर्फ सदन का टाइम बर्बाद किया गया. इससे तो यही समझा जाएगा कि भाजपा और जदयू के बीच मैच फिक्स था'- महबूब आलम, भाकपा माले
वहीं, राजद विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार माफी नहीं मांगेंगे, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा और हम सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे. मुख्यमंत्री के व्यवहार से सदन की गरिमा गिरी है. इस पूरे मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि राजद नेताओं ने सदन की कार्रवाई में हिस्सा भी लिया और वो लोग कटौती प्रस्ताव भी लाए. लेकिन सदन की कार्यवाही नहीं चलने देने की बात कह रहे हैं.
बता दें कि बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के बीच तकरार ने विवाद खड़ा कर दिया था और अध्यक्ष सदन में नहीं आ रहे थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अध्यक्ष के साथ सुलह करनी पड़ी और सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई. विजय सिन्हा ने कार्यवाही में हिस्सा भी लिया लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे. ऐसे में सोमवार को सीएम ने सदन में कहा कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. बार-बार इस तरह से इस मुद्दे को सदन में उठाना सही नहीं है. हम न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं. विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है. इस दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी.
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स्पीकर पर बिफरे नीतीश: सीएम ने इस दौरान सदन में कहा था कि सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाता है. सदन में नहीं जाता है. कृपया करके ज्यादा मत करिए जो चीज जिस का अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. इस मामले को अकारण आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. आप संविधान देख लीजिए संविधान क्या कहता है.
सदन में हुई इस घटना के बाद विपक्ष और बीजेपी के नेता लगातार सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) पर निशाना साधने लगे. मंगलवार को विजय सिन्हा सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए थे. उनके आसन पर नहीं बैठने से मामला तूल पकड़ने लगा था. उसके बाद मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुपचुप तरीके से विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ बैठक की. उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे बैठक में शामिल थे. जिसके बाद ये खबर सामने आई कि दोनों के बीच सुलह हो गई. अब कोई नाराजगी नहीं है. लेकिन सुलह को लेकर अब तक दोनों तरफ से किसी बड़े नेता का कोई बयान नहीं आया है.
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