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शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग का तुगलकी फरमान, विपक्ष ने उठाए सवाल..

बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor ban in Bihar) नीतीश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. सरकार सख्ती से शराबबंदी को लागू करना चाहती है. लेकिन, उत्पाद विभाग के ताजा फैसले से शराबबंदी कानून पर ही सवाल उठने लगे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार में शराबबंदी कानून
बिहार में शराबबंदी कानून
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Published : Feb 28, 2022, 10:59 PM IST

पटना: नीतीश कुमार बिहार में सख्ती से शराब बंदी कानून को लागू करना चाहते हैं. शराबबंदी को लागू करने के लिए कड़े कानून भी बनाए गए हैं. नीतीश कुमार शराबबंदी को सफल बनाने के लिए समाज सुधार यात्रा (Samaj Sudhar Yatra) भी कर रहे हैं, लेकिन उत्पाद विभाग के फैसले ने सबको चौंका दिया है. उत्पाद विभाग के फैसले के मुताबिक अब बिहार में शराब पीने वाले जेल नहीं जाएंगे. उनको केवल शराब माफियाओं (Liquor Prohibition Law in Bihar) की जानकारी देनी होगी उनकी जानकारी पर अगर कार्रवाई होती है और शराब माफिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है तो वैसी स्थिति में शराब पीने वाले छूट जाएंगे.

ये भी पढ़ें- नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, शराब पीने वाले अब नहीं जाएंगे जेल

विपक्ष ने इसे नशे में लिया गया फैसला (Opposition on Liquor prohibition law in Bihar ) बताया है. सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि ''सरकार के जो फैसले आए हैं इससे ये पता चलता है कि सरकार ने ये स्वीकार कर लिया है कि उनके शराबबंदी कानून में खामियां है. सरकार का फैसला बिल्कुल तुगलकी है. इस फैसले से बिहार में नए तरह की समस्या उत्पन्न होगी और शराब माफिया निर्दोष लोगों की हत्या भी कर सकते हैं.''

राजद विधायक अख्तरुल इमान शाहीन ने कहा कि ''सरकार का यह फैसला हास्यास्पद है और मुझे यह लगता है कि यह नशे में लिया गया फैसला है. सरकार पर शराबबंदी का नशे की हद तक जुनून है. इस बात को जितना तूल दिया जा रहा है उससे ज्यादा तूल दिए जाने की जरूरत नहीं है.''

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि ''शराबबंदी को सरकार ने मखौल बना दिया है. अपने ही कानून का यह लोग मजाक बना रहे हैं. शराब पीने वालों को अगर शराब बंदी है तो छोड़ा क्यों जाएगा. बिहार में शराबबंदी लागू नहीं है, जिसके कारण राजस्व का बहुत नुकसान हो रहा है. हम तो चाहते हैं कि आप तीन गुना शराब की कीमत कर दीजिए, ताकि कोई शराब को ना पी सकें.''

वीआईपी पार्टी के विधायक राजू सिंह ने कहा है कि ''सरकार की स्पष्ट नीति है कि बिहार में शराबबंदी हो. शराबबंदी के लिए माफियाओं को पकड़ने की आवश्यकता है. अभी तो केवल प्यादे ही पकड़े जा रहे हैं. नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी को सफल बनाना चाहते हैं इसके लिए वह कड़े कानून ला रहे हैं. इस कानून से शराब माफिया कार्रवाई की जद में आएंगे.''

भाजपा विधायक संजय सिंह ने कहा है कि ''सरकार शराबबंदी के मुद्दे पर ढृढ़ संकल्पित है. शराबबंदी से बिहार की महिलाएं और बच्चे इतने खुशहाल हैं और इस निर्णय से जश्न मना रहे हैं. शराबबंदी से बेहतर नतीजे सामने आए हैं. गांव में सामाजिक परिवर्तन आया है और इस फैसले से भी शराब माफियाओं पर नकेल डालने में आसानी होगी.''

बता दें कि बिहार में शराब पीने वाले अब जेल जाने से बच सकते हैं, लेकि्न शराबी को केवल शराब माफियाओं की जानकारी देनी (Liquor prohibition law in Bihar) होगी. उनके द्वारा बतायी बात अगर सही होगी और उनकी जानकारी पर शराब माफिया की गिरफ्तारी हुई तो वे जेल जाने से बच जाएंगे. उत्पाद विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी कृष्ण कुमार सिंह ने ये जानकारी दी है. उन्होंंने बताया कि जेलों में बढ़ती शराबियों की संख्या के मद्देनजर ये बड़ा फैसला लिया गया है. पुलिस और मद्यनिषेध विभाग को नीतीश सरकार ने समीक्षा बैठक के बाद ये अधिकार दिया है.

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पटना: नीतीश कुमार बिहार में सख्ती से शराब बंदी कानून को लागू करना चाहते हैं. शराबबंदी को लागू करने के लिए कड़े कानून भी बनाए गए हैं. नीतीश कुमार शराबबंदी को सफल बनाने के लिए समाज सुधार यात्रा (Samaj Sudhar Yatra) भी कर रहे हैं, लेकिन उत्पाद विभाग के फैसले ने सबको चौंका दिया है. उत्पाद विभाग के फैसले के मुताबिक अब बिहार में शराब पीने वाले जेल नहीं जाएंगे. उनको केवल शराब माफियाओं (Liquor Prohibition Law in Bihar) की जानकारी देनी होगी उनकी जानकारी पर अगर कार्रवाई होती है और शराब माफिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है तो वैसी स्थिति में शराब पीने वाले छूट जाएंगे.

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विपक्ष ने इसे नशे में लिया गया फैसला (Opposition on Liquor prohibition law in Bihar ) बताया है. सीपीएम विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि ''सरकार के जो फैसले आए हैं इससे ये पता चलता है कि सरकार ने ये स्वीकार कर लिया है कि उनके शराबबंदी कानून में खामियां है. सरकार का फैसला बिल्कुल तुगलकी है. इस फैसले से बिहार में नए तरह की समस्या उत्पन्न होगी और शराब माफिया निर्दोष लोगों की हत्या भी कर सकते हैं.''

राजद विधायक अख्तरुल इमान शाहीन ने कहा कि ''सरकार का यह फैसला हास्यास्पद है और मुझे यह लगता है कि यह नशे में लिया गया फैसला है. सरकार पर शराबबंदी का नशे की हद तक जुनून है. इस बात को जितना तूल दिया जा रहा है उससे ज्यादा तूल दिए जाने की जरूरत नहीं है.''

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि ''शराबबंदी को सरकार ने मखौल बना दिया है. अपने ही कानून का यह लोग मजाक बना रहे हैं. शराब पीने वालों को अगर शराब बंदी है तो छोड़ा क्यों जाएगा. बिहार में शराबबंदी लागू नहीं है, जिसके कारण राजस्व का बहुत नुकसान हो रहा है. हम तो चाहते हैं कि आप तीन गुना शराब की कीमत कर दीजिए, ताकि कोई शराब को ना पी सकें.''

वीआईपी पार्टी के विधायक राजू सिंह ने कहा है कि ''सरकार की स्पष्ट नीति है कि बिहार में शराबबंदी हो. शराबबंदी के लिए माफियाओं को पकड़ने की आवश्यकता है. अभी तो केवल प्यादे ही पकड़े जा रहे हैं. नीतीश कुमार बिहार में शराबबंदी को सफल बनाना चाहते हैं इसके लिए वह कड़े कानून ला रहे हैं. इस कानून से शराब माफिया कार्रवाई की जद में आएंगे.''

भाजपा विधायक संजय सिंह ने कहा है कि ''सरकार शराबबंदी के मुद्दे पर ढृढ़ संकल्पित है. शराबबंदी से बिहार की महिलाएं और बच्चे इतने खुशहाल हैं और इस निर्णय से जश्न मना रहे हैं. शराबबंदी से बेहतर नतीजे सामने आए हैं. गांव में सामाजिक परिवर्तन आया है और इस फैसले से भी शराब माफियाओं पर नकेल डालने में आसानी होगी.''

बता दें कि बिहार में शराब पीने वाले अब जेल जाने से बच सकते हैं, लेकि्न शराबी को केवल शराब माफियाओं की जानकारी देनी (Liquor prohibition law in Bihar) होगी. उनके द्वारा बतायी बात अगर सही होगी और उनकी जानकारी पर शराब माफिया की गिरफ्तारी हुई तो वे जेल जाने से बच जाएंगे. उत्पाद विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी कृष्ण कुमार सिंह ने ये जानकारी दी है. उन्होंंने बताया कि जेलों में बढ़ती शराबियों की संख्या के मद्देनजर ये बड़ा फैसला लिया गया है. पुलिस और मद्यनिषेध विभाग को नीतीश सरकार ने समीक्षा बैठक के बाद ये अधिकार दिया है.

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