पटनाः बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र में पहले दिन जातीय सर्वे रिपोर्ट को लेकर मुद्दा गर्म रहा. सदन की कार्यवाही के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने मीडिया को दिए बयान में जातीय सर्वे रिपोर्ट का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मेरा समर्थन है, लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं है. उन्होंने सर्वे रिपोर्ट पर सदन में बहस कराने की मांग की है.
'विधायकों को अध्ययन के लिए रिपोर्ट दें': विधानसभा के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में जातीय सर्वे का प्रतिवेदन लाया जाएगा. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले रिपोर्ट को विधायक को दिया जाए ताकि उसका अध्यन कर बेहतर बहस हो सके, लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ये जातीय सर्वे है या जातीय जनगणना है. विधायकों को अध्ययन के लिए रिपोर्ट नहीं दिया गया.
"कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में जातीय सर्वे को लाया गया. हमने सदन के अंदर खुलकर इसका समर्थन किया. हमारे 14 मंत्रियों ने कैबिनेट में भी इस बजट को पास किए. कल इसका प्रतिवेदन लाया जाएगा, लेकिन सरकार से मांग करते हैं कि इसके लिए समय दें ताकि बहस हो सके. हम चाहते हैं कि जातीय सर्वे पर बेहतर बहस हो, लेकिन इनकी मंशा में हमेशा खोट रहती है." -विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
सर्वे रिपोर्ट पर चुनावी रणनीति बनाने का आरोपः नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि जातीय सर्वे पर लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं सरकार पंचायत स्तर पर पब्लिक डोमन में रिपोर्ट को डालें ताकी इसमें सुधार हो सके. इस दौरान विजय सिन्हा ने सरकार पर चुनावी रणनीति में रिपोर्ट का उपयोग करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता देख रही है
माले नेता पर बरसेः इस दौरान विजय सिन्हा ने सदन में वामदल के द्वारा इजराइल-फिलिस्तीन में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने की मांग पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सदन में नई परम्परा रखी जा रही. युद्ध में मारे गए लोगों के प्रति हम संवेदना रखते हैं. भारत में आतंकवाद के कारण कई लोग मरे, उनके प्रति इन्होंने संवेदना व्यक्त नहीं की. माले नेताओं की ओर इशारा करते कहा इन्हें किस तरह से बोलने की छूट दी गई.
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