ETV Bharat / state

50 हजार में शव का सौदा करने वालों पर तेजस्वी का तंज- '17 साल से बिहार में NDA सरकार, फिर भी ये हाल' - समस्‍तीपुर में बेटे के शव के लिए भीख मांगता पिता

बिहार के समस्‍तीपुर में बेटे के शव को सदर अस्पताल से लेने के लिए पिता के भीख मांगने (Helpless Parents Begging In Samastipur) के मामले में बिहार सरकार की हर तरफ आलोचना हो रही है. अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर एनडीए सरकार पर निशाना साधा है. पढ़ें पूरी खबर...

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
author img

By

Published : Jun 10, 2022, 10:21 AM IST

पटनाः बिहार के समस्तीपुर सदर अस्पताल में एक युवक के शव (Post mortem Worker Asked 50 Thousand For Dead Body) को देने के एवज में पिता से 50 हजार रिश्वत मांगने के मामले में नीतीश सरकार की चौतरफा फजीहत हो रही है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Opposition Leader Tejashwi Yadav) ने इस मामले पर नीतीश सरकार को घेरा है. अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि 17 वर्षों से बिहार में एनडीए सरकार है. आठ वर्षों से एनडीए की डबल इंजन की सरकार है. फिर भी बिहार का ये हाल है.

ये भी पढ़ें-VIDEO: '50 हजार दो और बेटे का शव ले जाओ'.. बिहार में लाचार मां-बाप मांग रहे भीख

तेजस्वी यादव ने लिखा कि '17 वर्षों से बिहार में NDA की सरकार है. 8 वर्षों से NDA की डबल इंजन सरकार है. 40 में से 39 लोकसभा सांसद NDA के है. NDA को बिहार एवं बिहारियों से इससे अधिक और क्या चाहिए. जिससे कि चोर दरवाजे से सत्ता में आए जुमलेबाज लोग बिहार से गरीबी, बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार समाप्त कर सके'?

'सुशासन' के दावे पर उठे सवालः आपको बता दें कि तेजस्वी यादव से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी इस खबर को ट्वीट करते हुए इसे मानवता को शर्मशार करने वाला बताया है और बिहार सरकार के 'सुशासन' के दावे पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'मानवता शर्मसार, फिर भी नीतीश कुमार जी का सुशासन का दावा बरकरार'. इस मामले को लेकर सुशासन सरकार की हर तरफ आलोचना हो रही है. सभी मीडिया संस्थानों ने बिहार की शर्मसार करने वाली इस खबर को प्रमुख्ता से दिखाया था, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच शुरू की गई. हालांकि शव देने के बदले गरीब परिजन से 50 हजार मांगने वाले पोस्टमॉर्टम कर्मी ने अपने उपर लगे इस आरोप को गलत बताया है.

देखें वीडियो

25 मई से घर से लापता था युवकः दरअसल, ताजपुर थाना क्षेत्र के कस्बे आहर गांव निवासी महेश ठाकुर का मानसिक रूप से विक्षिप्त 25 वर्षीय पुत्र 25 मई से घर से लापता हो गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला. 7 जून को उन्हें जानकारी मिली कि मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में एक अज्ञात युवक के शव को पुलिस ने बरामद किया है. जिसके बाद वो मुसरीघरारी थाना पहुंचे. थाना से जानकारी दी गई कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. तब वो सदर अस्पताल पहुंचे और वहां अपने बेटे का शव मांगा, लेकिन वहां मौजूद कर्मी ने शव देने से इंकार कर दिया.

ये भी पढ़ेंः 'मानवता शर्मशार, फिर भी नीतीश कुमार जी का सुशासन का दावा बरकरार'

छह जून को मिला था अज्ञात शवः बताया जाता है कि मुसरीघरारी थाना पुलिस ने छह जून को एनएच- 28 से बेझाडीह जाने वाली पीसीसी सड़क पर एक शव बरामद किया था. सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम के बाद पहचान नहीं होने के कारण 72 घंटे तक उसे सुरक्षित रखा गया. बुधवार को जब मृतक के परिजन सदर अस्पताल पहुंचे, तो शव को देखकर पहचान गए. मृतक की पहचान ताजपुर थाना क्षेत्र के कस्बे आहर गांव निवासी महेश ठाकुर के पुत्र संजीव ठाकुर के रूप में हुई. लेकिन परिजनों का आरोप है कि पहचान के बाद भी पोस्‍टमार्टम हाउस के कर्मी ने शव देने से इंकार कर दिया और 50 हजार रुपये की मांग की. जिनके पास दाह संस्कार तक करने के लिए पैसे नहीं थे, वो 50 हजार शव के बदले देने के लिए कहां से लाते. मजबूरन मां बाप ने गांव में आकर घर-घर भीख मांगना शुरू कर दिया.

क्या है सिविल सर्जन का कहनाः वहीं, सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम कर्मी से पूछताछ की गई है. कर्मी ने राशि की मांग से इंकार किया है. मुसरीघरारी पुलिस द्वारा आवेदन देने के बाद शव वाहन से शव घर भेज दिया गया है. जिसके बाद परिवार ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया है. रही बात पैसे मांगने की तो 50 हजार नहीं मांगा होगा, हजार पांच सौ मांगा होगा. लेकिन इतना भी नहीं मांगना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल गलत है. ये सरकारी कर्मचारी है और इसके लिए उसको बकायदा वेतन मिलता है.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


पटनाः बिहार के समस्तीपुर सदर अस्पताल में एक युवक के शव (Post mortem Worker Asked 50 Thousand For Dead Body) को देने के एवज में पिता से 50 हजार रिश्वत मांगने के मामले में नीतीश सरकार की चौतरफा फजीहत हो रही है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बाद अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Opposition Leader Tejashwi Yadav) ने इस मामले पर नीतीश सरकार को घेरा है. अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि 17 वर्षों से बिहार में एनडीए सरकार है. आठ वर्षों से एनडीए की डबल इंजन की सरकार है. फिर भी बिहार का ये हाल है.

ये भी पढ़ें-VIDEO: '50 हजार दो और बेटे का शव ले जाओ'.. बिहार में लाचार मां-बाप मांग रहे भीख

तेजस्वी यादव ने लिखा कि '17 वर्षों से बिहार में NDA की सरकार है. 8 वर्षों से NDA की डबल इंजन सरकार है. 40 में से 39 लोकसभा सांसद NDA के है. NDA को बिहार एवं बिहारियों से इससे अधिक और क्या चाहिए. जिससे कि चोर दरवाजे से सत्ता में आए जुमलेबाज लोग बिहार से गरीबी, बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार समाप्त कर सके'?

'सुशासन' के दावे पर उठे सवालः आपको बता दें कि तेजस्वी यादव से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी इस खबर को ट्वीट करते हुए इसे मानवता को शर्मशार करने वाला बताया है और बिहार सरकार के 'सुशासन' के दावे पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'मानवता शर्मसार, फिर भी नीतीश कुमार जी का सुशासन का दावा बरकरार'. इस मामले को लेकर सुशासन सरकार की हर तरफ आलोचना हो रही है. सभी मीडिया संस्थानों ने बिहार की शर्मसार करने वाली इस खबर को प्रमुख्ता से दिखाया था, जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच शुरू की गई. हालांकि शव देने के बदले गरीब परिजन से 50 हजार मांगने वाले पोस्टमॉर्टम कर्मी ने अपने उपर लगे इस आरोप को गलत बताया है.

देखें वीडियो

25 मई से घर से लापता था युवकः दरअसल, ताजपुर थाना क्षेत्र के कस्बे आहर गांव निवासी महेश ठाकुर का मानसिक रूप से विक्षिप्त 25 वर्षीय पुत्र 25 मई से घर से लापता हो गया था. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला. 7 जून को उन्हें जानकारी मिली कि मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में एक अज्ञात युवक के शव को पुलिस ने बरामद किया है. जिसके बाद वो मुसरीघरारी थाना पहुंचे. थाना से जानकारी दी गई कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. तब वो सदर अस्पताल पहुंचे और वहां अपने बेटे का शव मांगा, लेकिन वहां मौजूद कर्मी ने शव देने से इंकार कर दिया.

ये भी पढ़ेंः 'मानवता शर्मशार, फिर भी नीतीश कुमार जी का सुशासन का दावा बरकरार'

छह जून को मिला था अज्ञात शवः बताया जाता है कि मुसरीघरारी थाना पुलिस ने छह जून को एनएच- 28 से बेझाडीह जाने वाली पीसीसी सड़क पर एक शव बरामद किया था. सदर अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम के बाद पहचान नहीं होने के कारण 72 घंटे तक उसे सुरक्षित रखा गया. बुधवार को जब मृतक के परिजन सदर अस्पताल पहुंचे, तो शव को देखकर पहचान गए. मृतक की पहचान ताजपुर थाना क्षेत्र के कस्बे आहर गांव निवासी महेश ठाकुर के पुत्र संजीव ठाकुर के रूप में हुई. लेकिन परिजनों का आरोप है कि पहचान के बाद भी पोस्‍टमार्टम हाउस के कर्मी ने शव देने से इंकार कर दिया और 50 हजार रुपये की मांग की. जिनके पास दाह संस्कार तक करने के लिए पैसे नहीं थे, वो 50 हजार शव के बदले देने के लिए कहां से लाते. मजबूरन मां बाप ने गांव में आकर घर-घर भीख मांगना शुरू कर दिया.

क्या है सिविल सर्जन का कहनाः वहीं, सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. पोस्टमार्टम कर्मी से पूछताछ की गई है. कर्मी ने राशि की मांग से इंकार किया है. मुसरीघरारी पुलिस द्वारा आवेदन देने के बाद शव वाहन से शव घर भेज दिया गया है. जिसके बाद परिवार ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया है. रही बात पैसे मांगने की तो 50 हजार नहीं मांगा होगा, हजार पांच सौ मांगा होगा. लेकिन इतना भी नहीं मांगना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल गलत है. ये सरकारी कर्मचारी है और इसके लिए उसको बकायदा वेतन मिलता है.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.