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NRC को लेकर विपक्ष की अमित शाह को सलाह- कुछ बोलने से पहले साथी दलों से कर लें बात

सदन में एनआरसी के मुद्दे पर अमित शाह के बयान के बाद विपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. विपक्ष का कहना है कि सभी मुद्दों पर जदयू और बीजेपी की अलग-अलग राय रहती है. ऐसे में कुछ भी बोलने से पहले अमित शाह को अपनी पार्टी के लोगों से विचार कर लेना चाहिए.

NRC के मुद्दे पर फिर गरमाई सियासत
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Published : Nov 21, 2019, 3:14 PM IST

पटना: असम में एनआरसी लागू करने के बाद अब एनडीए सरकार इसे देशभर में लागू करने की तैयारी में है. बुधवार को देश के गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में एनआरसी लागू करने पर बयान देने के बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है.

राजद का कहना है कि भाजपा की कथनी और करनी में काफी अंतर है. राजद विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा धर्म विशेष के लोगों को टारगेट पर ले रही है. भाजपा हमेशा से धर्म और जाति की राजनीति करती आ रही है. वो कभी भी देश की सभी जनता के बारे में नहीं सोचती. विजय प्रकाश ने कहा कि जिस तरह से जनता दल यूनाइटेड के प्रशांत किशोर ने एनआरसी के मुद्दे पर सवाल उठाया है, इससे उनका गठबंधन कटघरे में खड़ा है.

patna
कांग्रेस नेता मदन मोहन झा

केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना
विजय प्रकाश से केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी मुद्दों पर जदयू और बीजेपी की अगल राय रहती है, लेकिन सत्ता की कुर्सी पर चिपके रहने के लिये दोनों एक साथ हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से तीन तलाक, राम मंदिर और एनआरसी जैसे मुद्दों पर भाजपा और जदयू में अंतर्द्वंद है, ये सारा ढोंग सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए है. राज्य की जनता इन चीजों को अब समझ चुकी है.

बयान देते विपक्ष के नेता

ये भी पढ़ें-शराबबंदी के बढ़ते मामलों से HC नाराज, सरकार से पूछा- अब तक क्यों लंबित हैं इतने केस

कांग्रेस का अमित शाह को सलाह
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता मदन मोहन झा ने कहा कि अमित शाह को कुछ भी बोलने से पहले अपनी पार्टी के नेताओं और गठबंधन के साथियों से विचार कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर उनकी पार्टी के लोगों की अलग-अलग राय रहती है. ऐसे में वो जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि बुधवार को सदन में अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी लागू करने में किसी भी धर्म को चिन्हित नहीं किया जाएगा. यानी सिर्फ मुस्लिम ही नहीं अन्य धर्म के लोग भी एनआरसी के दायरे में आएंगे.

पटना: असम में एनआरसी लागू करने के बाद अब एनडीए सरकार इसे देशभर में लागू करने की तैयारी में है. बुधवार को देश के गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में एनआरसी लागू करने पर बयान देने के बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है. विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है.

राजद का कहना है कि भाजपा की कथनी और करनी में काफी अंतर है. राजद विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा धर्म विशेष के लोगों को टारगेट पर ले रही है. भाजपा हमेशा से धर्म और जाति की राजनीति करती आ रही है. वो कभी भी देश की सभी जनता के बारे में नहीं सोचती. विजय प्रकाश ने कहा कि जिस तरह से जनता दल यूनाइटेड के प्रशांत किशोर ने एनआरसी के मुद्दे पर सवाल उठाया है, इससे उनका गठबंधन कटघरे में खड़ा है.

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कांग्रेस नेता मदन मोहन झा

केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना
विजय प्रकाश से केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी मुद्दों पर जदयू और बीजेपी की अगल राय रहती है, लेकिन सत्ता की कुर्सी पर चिपके रहने के लिये दोनों एक साथ हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से तीन तलाक, राम मंदिर और एनआरसी जैसे मुद्दों पर भाजपा और जदयू में अंतर्द्वंद है, ये सारा ढोंग सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए है. राज्य की जनता इन चीजों को अब समझ चुकी है.

बयान देते विपक्ष के नेता

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कांग्रेस का अमित शाह को सलाह
इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता मदन मोहन झा ने कहा कि अमित शाह को कुछ भी बोलने से पहले अपनी पार्टी के नेताओं और गठबंधन के साथियों से विचार कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर उनकी पार्टी के लोगों की अलग-अलग राय रहती है. ऐसे में वो जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि बुधवार को सदन में अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी लागू करने में किसी भी धर्म को चिन्हित नहीं किया जाएगा. यानी सिर्फ मुस्लिम ही नहीं अन्य धर्म के लोग भी एनआरसी के दायरे में आएंगे.

Intro:आसाम में एनआरसी लागू करने के बाद अब मोदी की एनडीए सरकार इसे देश में लागू करने की तैयारी में है। बुधवार को देश के गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एनआरसी लागू करने पर बयान दिया। अमित शाह ने कहा कि एनआरसी लागू करने में किसी भी धर्म को नहीं चिन्हित किया जाएगा। यानी सिर्फ मुस्लिम ही नहीं अन्य धर्म के लोग भी एनआरसी के दायरे में आएंगे।
अमित शाह के इस बयान के बाद देश की राजनीति गरमा गई है।
राजद का कहना है कि भाजपा के कहने और कथनी में काफी अंतर है। तो वहीं कांग्रेस कहती है कि यह जो कहते हैं वह कभी नही करते।


Body:राजद विधायक विजय प्रकाश कहते हैं कि एनआरसी के मुद्दे पर भाजपा धर्म विशेष लोगों को टारगेट पर ले रही है। भाजपा हमेशा से धर्म और जात की राजनीति करते आ रही है। वह कभी भी देश के सभी जनता के बारे में नहीं सोचती।
राजद का यह भी कहना है कि जिस तरह से जनता दल यूनाइटेड के प्रशांत किशोर ने एनआरसी के मुद्दे पर सवाल उठाया है उससे उनका गठबंधन कटघरे में खड़ा है।
राजद ने सीधा मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि जिस तरह से तीन तलाक राम मंदिर और एनआरसी ऐसे मुद्दों पर भाजपा और जदयू में अंतर्द्वंद है। लेकिन सत्ता की कुर्सी से चिपके रहने के लिए दोनों एक साथ हैं। विजय प्रकाश कहते हैं कि राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा की अलग राय जदयू की अलग राय वही एनआरसी और तीन तलाक जैसे मुद्दे पर भाजपा और जदयू की अलग-अलग राय है। लेकिन यह सारा ढोंग सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए है। राज्य की जनता इन चीजों को अब समझ चुकी है।


Conclusion:वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता मदन मोहन झा कहते हैं कि अमित शाह जो भी बोले उसके पहले अपने पार्टी के नेताओं और गठबंधन के साथियों से विचार कर ले। गृह मंत्री सदन के अंदर झूठ बोल रहे हैं। एनआरसी के मुद्दे पर धर्म के आधार पर किसी को नही बख्शने वाले बयान को कांग्रेस झूठा बता रही है।
कांग्रेस का मानना है कि सिर्फ देश की जनता को इन मुद्दों में उलझा कर भाजपा रखना चाहती है। ताकि जनता मुख्य मुद्दों से भटक कर इन विवादित मुद्दों में उलझी रहे।

गौरतलब है कि आसाम में एनआरसी लागू कर दिया गया है। यहां इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने 1971 तक का समय तय किया था। यानी जो लोग 1971 से पहले का भारतीय होने का सबूत देंगे वहीं भारत में रहेंगे बाकी लोगों को देश छोड़ना पड़ेगा।
सरकार को यकीन था इस दायरे में 30 से 40 लाख लोग चिन्हित होंगे।। लेकिन तकरीबन 20 लाखलोग ही एनआरसी के दायरे में आए। जिनमें से काफी संख्या में हिंदू भी शामिल थे। अब केंद्र सरकार एक बार फिर से एनआरसी लागू करने की तैयारी में फिर से जुट गया है। देखने वाली बात यह होगी कि इस बार इस दायरे में किस तरह के लोगों को शामिल किया जाएगा।
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