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26 अक्टूबर से 'जल जीवन हरियाली महाअभियान' की शुरुआत, विपक्ष ने योजना की सफलता पर जताया संदेह

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता पर काबिज होने के बाद से कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई. अब सीएम जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. 26 अक्टूबर को बड़े स्तर पर इस अभियान की पूरे प्रदेश में शुरुआत की जाएगी.

26 अक्टूबर को 'जल जीवन हरियाली महाअभियान' की शुरुआत
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Published : Oct 14, 2019, 5:20 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 26 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में जल जीवन हरियाली महाअभियान की शुरुआत करेंगे. बिहार सरकार इस महाअभियान पर 3 साल में 24 हजार 524 करोड़ की राशि खर्च करने की तैयारी कर रही है, हालांकि विपक्ष को इसकी सफलता पर संदेह है.

26 अक्टूबर को अभियान की शुरुआत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता पर काबिज होने के बाद से कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई. अब सीएम जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. 26 अक्टूबर को बड़े स्तर पर इस अभियान की पूरे प्रदेश में शुरुआत की जाएगी. सीएम नीतीश के इस अभियान में जल संचय से लेकर हरियाली तक के लिए बड़े स्तर पर काम किए जाएंगे. यूं तो इस अभियान का विशेषज्ञ और विपक्षी दल के नेता भी स्वागत कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष पिछली योजनाओं में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता का हवाला देकर इस योजना के सफल होने पर संदेह जता रहा है.

पेश है रिपोर्ट

3 साल में 24 हजार 524 करोड़ खर्च करेगी सरकार
पिछले 6 महीने से इस अभियान पर नीतीश कुमार लगातार चर्चा कर रहे हैं. बीते दिनों विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के साथ भी इस सिलसिले में बैठक की थी और अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें जारी हैं. सरकार इस अभियान में 3 साल में 24 हजार 524 करोड़ खर्च करेगी. जिसमें ग्रामीण विकास विभाग ही 3 साल में बड़ी राशि खर्च करेगा. इस पूरे अभियान में साल 2019-20 में 5 हजार 870 करोड़ रुपये, 2020-21 में 9 हजार 874 करोड़ और 2021-22 में 8 हजार 780 करोड़ खर्च होंगे. दूसरे विभाग भी एक बड़ी राशि इस अभियान पर खर्च करेंगे.

इसे भी पढ़े- बढ़ते प्रदूषण पर CM ने जताई चिंता, कृषि विभाग को दिए कड़े निर्देश

मुख्यमंत्री खुद करेंगे योजना की निगरानी
जल जीवन हरियाली योजना को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने पूरी ताकत लगा रखी है. योजना के कार्यान्वयन के लिए परामर्श दात्री समिति का गठन भी किया जाएगा. यह समिति राज्य और जिला स्तर पर बनाई जाएगी. राज्य स्तर पर संसदीय कार्य मंत्री इसके अध्यक्ष होंगे तो वही विधानसभा से 15 और विधान परिषद से 5 सदस्य समिति के सदस्य बनेंगे. कार्यकारिणी समिति में दो जानकार भी सदस्य होंगे. मुख्यमंत्री पूरे कार्यक्रम की खुद निगरानी करेंगे

विपक्ष ने उठाए योजना की सफलता पर सवाल
हालांकि इस पूरी योजना को लेकर विपक्ष ने सवाल भी उठाए हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह का कहना है कि पहले से ही बिहार में चल रही हैं कई योजनाएं चाहे मनरेगा हो या फिर सात निश्चय, इन सब में बड़े पैमाने पर अनियमितता जारी है. उसके मद्देनजर जल जीवन हरियाली योजना की सफलता पर भी बड़ा संदेह है.

इसे भी पढ़े- CM नीतीश कुमार ने की बैठक, बाढ़ पीड़ित परिवारों को 6 हजार रूपये देने का ऐलान

पर्यावरण विशेषज्ञ ने बताया स्वागत योग्य कदम
पर्यावरण विशेषज्ञ भी जल जीवन हरियाली अभियान को जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर एक अच्छी शुरुआत मान रहे हैं. हालांकि विशेषज्ञ प्रो. एन. के चौधरी इसे देर से शुरू किया गया अभियान बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसी कोई योजनी शुरु कर रही है तो निश्चित ही इसका स्वागत करना चाहिए. लेकिन इसे सही ढंग से लागू किया जाना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर इसके सफल होने पर संदेह हैं.

चुनावी अभियान से जोड़कर देख रहे हैं जानकार
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस महाअभियान की शुरुआत को चुनावी अभियान से जोड़कर भी देखा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि कि सात निश्चय योजना में सामने आई खामियों और अनियमितता से पैदा हुई लोगों की नाराजगी को रोकने के लिए ही नीतीश ने इस महा अभियान की शुरुआत की है.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 26 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में जल जीवन हरियाली महाअभियान की शुरुआत करेंगे. बिहार सरकार इस महाअभियान पर 3 साल में 24 हजार 524 करोड़ की राशि खर्च करने की तैयारी कर रही है, हालांकि विपक्ष को इसकी सफलता पर संदेह है.

26 अक्टूबर को अभियान की शुरुआत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता पर काबिज होने के बाद से कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की है, जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई. अब सीएम जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. 26 अक्टूबर को बड़े स्तर पर इस अभियान की पूरे प्रदेश में शुरुआत की जाएगी. सीएम नीतीश के इस अभियान में जल संचय से लेकर हरियाली तक के लिए बड़े स्तर पर काम किए जाएंगे. यूं तो इस अभियान का विशेषज्ञ और विपक्षी दल के नेता भी स्वागत कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष पिछली योजनाओं में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता का हवाला देकर इस योजना के सफल होने पर संदेह जता रहा है.

पेश है रिपोर्ट

3 साल में 24 हजार 524 करोड़ खर्च करेगी सरकार
पिछले 6 महीने से इस अभियान पर नीतीश कुमार लगातार चर्चा कर रहे हैं. बीते दिनों विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के साथ भी इस सिलसिले में बैठक की थी और अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें जारी हैं. सरकार इस अभियान में 3 साल में 24 हजार 524 करोड़ खर्च करेगी. जिसमें ग्रामीण विकास विभाग ही 3 साल में बड़ी राशि खर्च करेगा. इस पूरे अभियान में साल 2019-20 में 5 हजार 870 करोड़ रुपये, 2020-21 में 9 हजार 874 करोड़ और 2021-22 में 8 हजार 780 करोड़ खर्च होंगे. दूसरे विभाग भी एक बड़ी राशि इस अभियान पर खर्च करेंगे.

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मुख्यमंत्री खुद करेंगे योजना की निगरानी
जल जीवन हरियाली योजना को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने पूरी ताकत लगा रखी है. योजना के कार्यान्वयन के लिए परामर्श दात्री समिति का गठन भी किया जाएगा. यह समिति राज्य और जिला स्तर पर बनाई जाएगी. राज्य स्तर पर संसदीय कार्य मंत्री इसके अध्यक्ष होंगे तो वही विधानसभा से 15 और विधान परिषद से 5 सदस्य समिति के सदस्य बनेंगे. कार्यकारिणी समिति में दो जानकार भी सदस्य होंगे. मुख्यमंत्री पूरे कार्यक्रम की खुद निगरानी करेंगे

विपक्ष ने उठाए योजना की सफलता पर सवाल
हालांकि इस पूरी योजना को लेकर विपक्ष ने सवाल भी उठाए हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह का कहना है कि पहले से ही बिहार में चल रही हैं कई योजनाएं चाहे मनरेगा हो या फिर सात निश्चय, इन सब में बड़े पैमाने पर अनियमितता जारी है. उसके मद्देनजर जल जीवन हरियाली योजना की सफलता पर भी बड़ा संदेह है.

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पर्यावरण विशेषज्ञ ने बताया स्वागत योग्य कदम
पर्यावरण विशेषज्ञ भी जल जीवन हरियाली अभियान को जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर एक अच्छी शुरुआत मान रहे हैं. हालांकि विशेषज्ञ प्रो. एन. के चौधरी इसे देर से शुरू किया गया अभियान बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसी कोई योजनी शुरु कर रही है तो निश्चित ही इसका स्वागत करना चाहिए. लेकिन इसे सही ढंग से लागू किया जाना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर इसके सफल होने पर संदेह हैं.

चुनावी अभियान से जोड़कर देख रहे हैं जानकार
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस महाअभियान की शुरुआत को चुनावी अभियान से जोड़कर भी देखा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि कि सात निश्चय योजना में सामने आई खामियों और अनियमितता से पैदा हुई लोगों की नाराजगी को रोकने के लिए ही नीतीश ने इस महा अभियान की शुरुआत की है.

Intro:पटना-- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 26 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में जल जीवन हरियाली महा अभियान की शुरुआत करने वाले हैं बिहार सरकार इस महा अभियान पर 3 साल में 24524 करोड़ की राशि खर्च करने की तैयारी कर रही है। इस अभियान में जल संचय से लेकर हरियाली को लेकर बड़े स्तर पर काम किए जाएंगे ऐसे तो इस अभियान का विशेषज्ञ और विपक्षी दल के नेता भी स्वागत कर रहे हैं लेकिन विपक्ष पिछले योजनाओं मैं किए जा रहे बड़े पैमाने पर अनियमितता के अनुभव के आधार पर कहते हैं कि इसके सफल होने पर संदेह है।
पेश है रिपोर्ट---


Body:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 से सत्ता में आने के बाद कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की है जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई और अब जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं 26 अक्टूबर को इस बड़े अभियान की पूरे प्रदेश में शुरुआत हो जाएगी। पिछले 6 महीने से इस अभियान पर नीतीश कुमार लगातार चर्चा कर रहे हैं पिछले दिनों विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों के साथ भी बैठक की थी और अधिकारियों के साथ को लगातार बैठक नीतीश कर रहे हैं । सरकार इस अभियान पर 24524 करोड़ खर्च करने जा रही है जिसमें ग्रामीण विकास विभाग ही 3 साल में बड़ी राशि खर्च करेगी। खर्च होने वाली राशि में 2019- 20 में 5870 करोड़
2020- 21में 9874 करोड और 2021- 22 में 8780 करोड़ खर्च होगा। दूसरे विभाग भी बड़ी राशि इस अभियान पर खर्च करेगा।
इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने हर कार्यक्रम में जल जीवन हरियाली अभियान की चर्चा कर रहे हैं। विपक्षी दल के नेता भी इसे अच्छा अभियान बता रहे हैं क्योंकि जलवायु परिवर्तन से बिहार को भी नुकसान हो रहा है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह का कहना है कि पहले जो योजनाएं बिहार में चल रही हैं चाहे वह मनरेगा की योजना हो या फिर सात निश्चय योजना जितने बड़े पैमाने पर अनियमितता की जा रही है इस अभियान की सफलता पर भी संदेह है।
बाईट-- सदानंद सिंह, वरिष्ठ नेता कांग्रेस।
विशेषज्ञ भी जल जीवन हरियाली अभियान, जलवायु परिवर्तन को देखते हुए एक अच्छी शुरुआत मान रहे हैं लेकिन इसे देर से शुरू किया गया अभियान बता रहे हैं साथ ही इसे सही ढंग से लागू किए बिना इसके सफल होने पर भी संदेह जता रहे हैं।
बाईट-- प्रो एन के चौधरी , विशेषज्ञ।



Conclusion:जल जीवन हरियाली योजना को लेकर नीतीश कुमार पूरी ताकत लगा रखी है योजना के कार्यान्वयन के लिए परामर्श दात्री समिति का गठन भी किया जाएगा । राज्य और जिला स्तर पर यह समिति बनेगी। राज्य स्तर पर संसदीय कार्य मंत्री इसके अध्यक्ष होंगे तो वही विधानसभा से 15 और विधान परिषद से 5 सदस्य समिति के सदस्य बनेंगे । कार्यकारिणी समिति में दो जानकार सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री पूरे कार्यक्रम की खुद निगरानी करते रहेंगे।अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इस महाअभियान की शुरुआत को चुनावी अभियान से जोड़कर भी देखा जा रहा है जानकार तो यही कह रहे हैं कि सात निश्चय योजना में असफलता और लोगों की नाराजगी को देखते हुए नीतीश ने इस महा अभियान की शुरुआत की है।
अविनाश, पटना।
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