ETV Bharat / state

2000 Rupee Note: '2024 चुनाव की है तैयारी'.. 2000 के नोट वापस लेने के फैसले पर बिहार के उद्योगपतियों की राय - Bihar Industries Association

2000 के नोट बंद करने के RBI के फैसले पर बयानबाजी जारी है. विपक्ष जहां इसको लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है तो वहीं बिहार के उद्योगपतियों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. उनका कहना है कि दो हजार के नोट बड़े लोगों के पास होती है, जो अबतक उसका इंतजाम कर चुके होंगे. परेशान गरीब जनता होगी. वहीं इसे 2024 चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है.

Opinion of Bihar industrialists on 2000 Notes
Opinion of Bihar industrialists on 2000 Notes
author img

By

Published : May 20, 2023, 8:32 PM IST

2000 के नोटबंदी के फैसले पर बिहार के उद्योगपतियों की राय

पटना: सरकार ने एक बार फिर से नोटबंदी के तर्ज पर 2000 के नोट वापस लेने का फैसला लिया है. अब 2000 का नोट 30 सितंबर के बाद प्रचलन में नहीं रहेगा. 23 मई से 30 मई तक 2000 के नोटो को बैंकों में वापस करने का समय दिया गया है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामलाल खेतान ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ने दो हजार के नोट को बंद नहीं किया है. 2000 के नोट का प्रचलन बंद करने का फैसला किया है, 30 सितंबर तक समय दिया गया है.

पढ़ें- 2000 Rupee Note: 'RBI ने अच्छा सोचकर ही नोट बंद करने का फैसला लिया', नित्यानंद राय का बयान

'गरीबों पर नहीं होगा कोई असर': रामलाल खेतान ने कहा कि यह राजनीतिक निर्णय है. सरकार का फैसला है. आजादी के बाद से जो भी सरकार रही है जो निर्णय ली है उस निर्णय को देश के सभी नागरिक स्वीकार करते हैं. हर काम में किसी को अच्छा लगता है तो किसी को बुरा लगता है. सरकार जो भी सोचती है वह राष्ट्रहित में होता है. दो हजार के नोटबंदी से व्यपारियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. जिनके पास पैसा ज्यादा है, वह बैंक में जमा कर सकते हैं. जिनके पास कम है वह जाकर चेंज कर सकते हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

"दुखदाई उनके लिए है जिनके पास गैरकानूनी कमाई है. 2016 में जब नोटबंदी हुई थी, सभी लोगों को परेशानी हुई थी. इसलिए सरकार को ध्यान देना चाहिए कि पैनिक ना हो. जब से सूचना मिली है कि 2000 के नोट बंद हो रहे हैं, लोगों ने लेन देन करना बंद कर दिया है. जो छोटे-मोटे दुकानदार हैं, वह 2000 के नोट नहीं ले रहे हैं. इसलिए सरकार को सुविधा बढ़ानी चाहिए जिससे मध्यमवर्गीय लोगों का आसानी से पैसा जमा हो सके."- रामलाल खेतान, अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

'जनता होगी परेशान': वहीं व्यवसायी संगठन के सदस्य कमल रुपानी में बताया कि 2000 के नोट प्रचलन में नहीं रहेगा, यह हास्यास्पद बात है. 2016 में भी नोट बंदी की गई थी, देश की जनता को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी. उन्होंने कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं थी. 2000 के नोट को बंद करने से सभी एक बार फिर से परेशान होंगे.

"कल जैसे ही बड़े-बड़े लोगों को सूचना मिली होगी वो लोग दो हजार के नोटों को व्यवस्थित करने में लग गए होंगे. गरीब, मजदूरों को जो काम करते हैं और पैसा जमा करते हैं उनको परेशानी होगा. बड़े-बड़े पूंजीपतियों को कोई परेशानी नहीं होगी. आगामी 2024 के चुनाव को लेकर तैयारी की जा रही है. लेकिन इससे व्यापारियों के साथ साथ लोगों की परेशानी बढ़ेगी."- कमल रुपानी,अध्यक्ष, व्यवसायी संगठन

2016 में हुई थी नोटबंदी: आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट वापस लेने का फैसला लिया है. ग्राहक 23 मई से लेकर 30 सितंबर के बीच किसी भी बैंक में जाकर नोट बदल सकते हैं. इससे पहले 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की गई थी. पीएम मोदी ने रात को 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए जानकारी दी थी कि रात 12 बजे के बाद पांच सौ और एक हजार के नोट बंद कर दिए जाएंगे. नोटबंदी के फैसले के बाद पूरे देश में अफरा तफरी उत्पन्न हो गई थी.

2000 के नोटबंदी के फैसले पर बिहार के उद्योगपतियों की राय

पटना: सरकार ने एक बार फिर से नोटबंदी के तर्ज पर 2000 के नोट वापस लेने का फैसला लिया है. अब 2000 का नोट 30 सितंबर के बाद प्रचलन में नहीं रहेगा. 23 मई से 30 मई तक 2000 के नोटो को बैंकों में वापस करने का समय दिया गया है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामलाल खेतान ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ने दो हजार के नोट को बंद नहीं किया है. 2000 के नोट का प्रचलन बंद करने का फैसला किया है, 30 सितंबर तक समय दिया गया है.

पढ़ें- 2000 Rupee Note: 'RBI ने अच्छा सोचकर ही नोट बंद करने का फैसला लिया', नित्यानंद राय का बयान

'गरीबों पर नहीं होगा कोई असर': रामलाल खेतान ने कहा कि यह राजनीतिक निर्णय है. सरकार का फैसला है. आजादी के बाद से जो भी सरकार रही है जो निर्णय ली है उस निर्णय को देश के सभी नागरिक स्वीकार करते हैं. हर काम में किसी को अच्छा लगता है तो किसी को बुरा लगता है. सरकार जो भी सोचती है वह राष्ट्रहित में होता है. दो हजार के नोटबंदी से व्यपारियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. जिनके पास पैसा ज्यादा है, वह बैंक में जमा कर सकते हैं. जिनके पास कम है वह जाकर चेंज कर सकते हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

"दुखदाई उनके लिए है जिनके पास गैरकानूनी कमाई है. 2016 में जब नोटबंदी हुई थी, सभी लोगों को परेशानी हुई थी. इसलिए सरकार को ध्यान देना चाहिए कि पैनिक ना हो. जब से सूचना मिली है कि 2000 के नोट बंद हो रहे हैं, लोगों ने लेन देन करना बंद कर दिया है. जो छोटे-मोटे दुकानदार हैं, वह 2000 के नोट नहीं ले रहे हैं. इसलिए सरकार को सुविधा बढ़ानी चाहिए जिससे मध्यमवर्गीय लोगों का आसानी से पैसा जमा हो सके."- रामलाल खेतान, अध्यक्ष, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

'जनता होगी परेशान': वहीं व्यवसायी संगठन के सदस्य कमल रुपानी में बताया कि 2000 के नोट प्रचलन में नहीं रहेगा, यह हास्यास्पद बात है. 2016 में भी नोट बंदी की गई थी, देश की जनता को काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी. उन्होंने कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं थी. 2000 के नोट को बंद करने से सभी एक बार फिर से परेशान होंगे.

"कल जैसे ही बड़े-बड़े लोगों को सूचना मिली होगी वो लोग दो हजार के नोटों को व्यवस्थित करने में लग गए होंगे. गरीब, मजदूरों को जो काम करते हैं और पैसा जमा करते हैं उनको परेशानी होगा. बड़े-बड़े पूंजीपतियों को कोई परेशानी नहीं होगी. आगामी 2024 के चुनाव को लेकर तैयारी की जा रही है. लेकिन इससे व्यापारियों के साथ साथ लोगों की परेशानी बढ़ेगी."- कमल रुपानी,अध्यक्ष, व्यवसायी संगठन

2016 में हुई थी नोटबंदी: आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट वापस लेने का फैसला लिया है. ग्राहक 23 मई से लेकर 30 सितंबर के बीच किसी भी बैंक में जाकर नोट बदल सकते हैं. इससे पहले 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की गई थी. पीएम मोदी ने रात को 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए जानकारी दी थी कि रात 12 बजे के बाद पांच सौ और एक हजार के नोट बंद कर दिए जाएंगे. नोटबंदी के फैसले के बाद पूरे देश में अफरा तफरी उत्पन्न हो गई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.