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मसौढ़ी: खेती कानून के खिलाफ किसान ने किया एक दिवसीय उपवास - Farmer

मसौढ़ी में किसान विधेयक के खिलाफ जनतंत्र समाज सेवी संगठन के बैनर तले एक दिवसीय उपवास का कार्यक्रम किया गया. इस कार्यक्रम में दर्जनों किसान उपवास बैठे. किसानों का कहना है कि नए किसान विरोधी कानून को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

Patna
उपवास
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Published : Dec 24, 2020, 2:49 AM IST

Updated : Dec 24, 2020, 7:15 AM IST

पटना: किसान विधेयक के खिलाफ इन दिनों पूरे देश में लगातार गतिरोध जारी है. इस क्रम में बुधवार को मसौढ़ी अनुमंडल मुख्यालय पर जनतंत्र समाज सेवी संगठन के बैनर तले एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम किया गया. इस कार्यक्रम में दर्जनों किसान उपवास पर रहें. उनका कहना है कि किसान कानून को वापस लेने और नए बिजली कानून को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं.

Patna
जनतंत्र समाज सेवी संगठन

किसानों का विरोध
बता दें कि विभिन्न प्रदेशों के जिलों में किसान कानून का जोरदार विरोध हो रहा है. ऐसे में पटना के मसौढ़ी अनुमंडल कार्यालय पर कई किसान भूख हड़ताल पर बैठ गए है.किसानों की माने तो मोदी सरकार किसान बिल किसान हितैषी नहीं, बल्कि किसानों के लिए एक काला कानून है. जो किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने को लेकर आमदा है, लेकिन हम सभी किसान यह होने नहीं देंगे, भले ही हमारी जान चली जाए. न जाने कितने किसानों की प्राण की आहुति देना पड़े.

देखें रिपोर्ट

आंदोलन रहेगी जारी
गौरतलब है कि एक किसान कानून के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. मसौढ़ी में किसानों ने दिनभर बिना खाए-पिए बैठकर मोदी सरकार के खिलाफ में नारेबाजी की. आंदोलनकारियों ने बताया कि जब तक नए किसान विरोधी कानून को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

पटना: किसान विधेयक के खिलाफ इन दिनों पूरे देश में लगातार गतिरोध जारी है. इस क्रम में बुधवार को मसौढ़ी अनुमंडल मुख्यालय पर जनतंत्र समाज सेवी संगठन के बैनर तले एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम किया गया. इस कार्यक्रम में दर्जनों किसान उपवास पर रहें. उनका कहना है कि किसान कानून को वापस लेने और नए बिजली कानून को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं.

Patna
जनतंत्र समाज सेवी संगठन

किसानों का विरोध
बता दें कि विभिन्न प्रदेशों के जिलों में किसान कानून का जोरदार विरोध हो रहा है. ऐसे में पटना के मसौढ़ी अनुमंडल कार्यालय पर कई किसान भूख हड़ताल पर बैठ गए है.किसानों की माने तो मोदी सरकार किसान बिल किसान हितैषी नहीं, बल्कि किसानों के लिए एक काला कानून है. जो किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने को लेकर आमदा है, लेकिन हम सभी किसान यह होने नहीं देंगे, भले ही हमारी जान चली जाए. न जाने कितने किसानों की प्राण की आहुति देना पड़े.

देखें रिपोर्ट

आंदोलन रहेगी जारी
गौरतलब है कि एक किसान कानून के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. मसौढ़ी में किसानों ने दिनभर बिना खाए-पिए बैठकर मोदी सरकार के खिलाफ में नारेबाजी की. आंदोलनकारियों ने बताया कि जब तक नए किसान विरोधी कानून को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

Last Updated : Dec 24, 2020, 7:15 AM IST
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