पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का जनता दरबार (Janta Darbar) कार्यक्रम चल रहा है. इसमें सीएम लोगों से एक दर्जन विभागों की शिकायतें सुन रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचे हैं. वहीं बिना रजिस्ट्रेशन के पहुंचे लोगों को सुरक्षाकर्मी जनता दरबार में जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. इसके विरोध में एक बुजुर्ग बीच सड़क पर ही लेट गए और बेटे को नौकरी देने की मांग करने लगे.
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बीच सड़क पर लेटे धरना दे रहे लक्ष्मण राय छपरा से आए हैं और अपने बेटे की पुलिस में नौकरी दिलाने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलना चाहते हैं. लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है और जो प्रक्रिया है मुख्यमंत्री से मिलने की वह भी नयी है. इस कारण सुरक्षाकर्मी उन्हें अंदर जाने नहीं दे रहे हैं.
लक्ष्मण राय का कहना है, 'मैंने 20 साल तक लघु जल संसाधन विभाग में काम किया है और उसके बाद छटनी कर दी गई. हाईकोर्ट में भी सुनवाई नहीं हुई और नीतीश कुमार ने भी हमलोगों की मांग नहीं मानी. 2000 में ही हम लोगों की छटनी हो गई थी और मेरे बेटे ने पुलिस में दो बार एग्जाम दिया लेकिन नहीं हुआ. तीसरी बार भी एग्जाम दिया है. मेरी बेटी भी अब शादी के लायक हो गई है. इसीलिए मुख्यमंत्री से मिलकर चाहते हैं कि मेरे बेटे को पुलिस में नौकरी मिल जाए'.
बता दें कि जनता दरबार के बाहर बड़ी संख्या में लोग आज भी पहुंचे हैं. इसमें से कई ने रजिस्ट्रेशन भी करवाया है. लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से जनता दरबार में भाग लेने के लिए कोई सूचना नहीं दी गई है. इससे भी कई लोग नाराज हैं.
बता दें कि मुख्यमंत्री ने 5 साल बाद फिर से जनता दरबार का कार्यक्रम शुरू किया है और अब तक तीन सोमवार को कार्यक्रम हो चुका है यह इस बार का चौथा जनता दरबार का कार्यक्रम है. मुख्यमंत्री ने इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू की खराब परफॉर्मेंस के बाद फिर से जनता दरबार लगाने की घोषणा की थी. कोरोना महामारी के कारण जनता दरबार पहले शुरू नहीं हो पाया था.
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