पटना (बाढ़): एनटीपीसी बाढ़ की सौजन्य से पंडारक में 20 महिला किसानों के लिए तीन दिवसीय आजीविका कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसका समापन हो गया. कार्यशाला में सभी माहिलाओं को मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन की प्रक्रिया के सभी चरणों से अवगत कराया गया और प्रायोगिक कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया. माहिलाओं को इस व्यवसाय के व्यापारिक महत्व की भी जानकारी दी गयी और इस व्यवसाय को आजीविका के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया गया.
कार्यशाला टीएम भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रशिक्षकों द्वारा संचालित की गई. बिहार के प्रख्यात शहद व्यापारी- 'हनी मैन ऑफ़ बिहार' के नाम से मशहूर संजय कुमार चौधरी ने भी बतौर अतिथि प्रशिक्षक सभी महिला किसानों के समक्ष व्यापार संवर्धन के महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया. उन्होंने मधुमक्खी के विभिन्न प्रकार, छत्तों के रखरखाव और उत्पादन हेतु अनुकूल वातावरण के बारे में विस्तार से बताया.
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यह बाढ़ परियोजना की ऐसी तीसरी कार्यशाला थी जिसके माध्यम से परियोजना प्रभावित निवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित और प्रेरित किया गया. इससे पूर्व जैविक खाद और मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. मौजूदा पहल को मिलाकर कुल 60 ग्रामीण कृषक माहिलाओं को रोजगार प्रशिक्षण दिया गया है.