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नारी शक्ति के हाथों में अब शहर की जिम्मेदारी, बड़ी बड़ी मशीनों से चुटकी में कर रहीं काम

पटना में महिलाएं घर में कैद नहीं रहती है. बल्कि अब बड़ी बड़ी मशीनें भी चलातीं है. पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने शहर का जिम्मा अब नारी शक्ति के हाथों में सौंप दिया है. बड़ी-बड़ी मशीनों से महिलाएं चुटकी में काम कर रही है. देखें वीडियो...

नारी शक्ति के हाथों में अब पटना शहर की जिम्मेदारी
नारी शक्ति के हाथों में अब पटना शहर की जिम्मेदारी
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Published : Nov 15, 2022, 9:00 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में अब महिलाएं (Women Will Clean Patna City) शहर की सफाई करते दिखाई देंगी तो हैरान होने की जरूरत नहीं है. अब महिलाएं घर में कैद नहीं रहेंगी, बल्कि बड़ी-बड़ी मशीनों से चुटकी में शहर की सफाई करेंगी. पहली बार महिलाएं मेनहोल और सीवरेज की सफाई कर रही हैं. खास बात यह है कि महिलाएं यह कार्य ट्रेनिंग दिए जाने के बाद आधुनिक साजो सामान के साथ कर रही हैं.

यह भी पढ़ेंः 'मैं.. सो कॉल्ड ग्रेजुएट चायवाली, हद भूल गए थे.. ये बिहार है'.. रोते हुए VIDEO VIRAL

एक साल पहले बनी योजनाः दरअसल इस योजना का आगाज लगभग एक साल पहले हुआ था. तब यह निर्णय लिया गया था कि बिहार के शहरी निकायों में महिला सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी. महिलाओं को सफाई के लिए आधुनिक मशीनें चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. पटना नगर निगम से इसकी शुरुआत की जाएगी. इसमें सफलता मिलने के बाद राज्य के दूसरे शहरी निकायों में इसका विस्तार किया जाएगा.

मेनहोल व सीवरेज की सफाईः राजधानी पटना में 30 महिलाओं को मैनहोल और सीवरेज की सफाई के लिए ट्रेनिंग देकर टीम बनायी गयी है. इन महिलाओं को टीम में बांटा गया है. टीम का नाम गंगा, कावेरी, गोदावरी, सतलुज, गंडक और गोमती रखा गया है. प्रत्येक ग्रुप में 5 महिलाओं को शामिल किया गया है.

इस बार मशीन सफाई पर अंकः ज्ञात हो कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में मशीनों से सफाई के आधार पर भी अंक मिलने हैं. योजना का उद्देश्य शहरी सफाई में मशीनों के इस्तेमाल कर ज्यादा अंक हासिल करने के साथ ही महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उनको रोजगार उपलब्ध कराना भी है. इस कार्य में वैसी गरीब महिलाओं को रोजगार देने पर जोर दिया जा रहा है जो स्लम में रहती हैं.

''इन सभी महिलाओं के घर वाले नगर निगम में कार्य करते थे. इन सभी महिलाओं की ट्रेनिंग करीब 2 महीने तक चली. जिसके बाद यह सारी महिलाएं मशीन के साथ कंफर्टेबल हो गई. महिलाओं को गाड़ियों चलाने की भी ट्रेनिंग दी गई है.'' -पूनम मिश्रा, मास्टर ट्रेनर

''हमें नगर निगम की तरफ से वर्क आर्डर प्राप्त होता है. जिसमें वार्ड के लोकेशन की जानकारी होती है. उस वर्क आर्डर के अनुसार ही मैपिंग की जाती है. शुरू में महिलाओं को झिझक थी कि नहीं कर पाएंगे पर आज के वक्त में यह एक माइलस्टोन बन गया है.'' -मनोज पांडे, टीम के सहयोगी

''नगर निगम ने हमें इस काम के लिए मौका दिया. हम लोग मैकेनिज्म तरीके से यह काम करते हैं. काम करके अच्छा लगता है. ट्रेनिंग के दैरान हमलोगों को मशीन चलाने के लिए सिखाया गया. अब आसानी से काम कर लेते हैं '' -आरती, टीम की मेंबर

पटना: बिहार की राजधानी पटना में अब महिलाएं (Women Will Clean Patna City) शहर की सफाई करते दिखाई देंगी तो हैरान होने की जरूरत नहीं है. अब महिलाएं घर में कैद नहीं रहेंगी, बल्कि बड़ी-बड़ी मशीनों से चुटकी में शहर की सफाई करेंगी. पहली बार महिलाएं मेनहोल और सीवरेज की सफाई कर रही हैं. खास बात यह है कि महिलाएं यह कार्य ट्रेनिंग दिए जाने के बाद आधुनिक साजो सामान के साथ कर रही हैं.

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एक साल पहले बनी योजनाः दरअसल इस योजना का आगाज लगभग एक साल पहले हुआ था. तब यह निर्णय लिया गया था कि बिहार के शहरी निकायों में महिला सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी. महिलाओं को सफाई के लिए आधुनिक मशीनें चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. पटना नगर निगम से इसकी शुरुआत की जाएगी. इसमें सफलता मिलने के बाद राज्य के दूसरे शहरी निकायों में इसका विस्तार किया जाएगा.

मेनहोल व सीवरेज की सफाईः राजधानी पटना में 30 महिलाओं को मैनहोल और सीवरेज की सफाई के लिए ट्रेनिंग देकर टीम बनायी गयी है. इन महिलाओं को टीम में बांटा गया है. टीम का नाम गंगा, कावेरी, गोदावरी, सतलुज, गंडक और गोमती रखा गया है. प्रत्येक ग्रुप में 5 महिलाओं को शामिल किया गया है.

इस बार मशीन सफाई पर अंकः ज्ञात हो कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में मशीनों से सफाई के आधार पर भी अंक मिलने हैं. योजना का उद्देश्य शहरी सफाई में मशीनों के इस्तेमाल कर ज्यादा अंक हासिल करने के साथ ही महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उनको रोजगार उपलब्ध कराना भी है. इस कार्य में वैसी गरीब महिलाओं को रोजगार देने पर जोर दिया जा रहा है जो स्लम में रहती हैं.

''इन सभी महिलाओं के घर वाले नगर निगम में कार्य करते थे. इन सभी महिलाओं की ट्रेनिंग करीब 2 महीने तक चली. जिसके बाद यह सारी महिलाएं मशीन के साथ कंफर्टेबल हो गई. महिलाओं को गाड़ियों चलाने की भी ट्रेनिंग दी गई है.'' -पूनम मिश्रा, मास्टर ट्रेनर

''हमें नगर निगम की तरफ से वर्क आर्डर प्राप्त होता है. जिसमें वार्ड के लोकेशन की जानकारी होती है. उस वर्क आर्डर के अनुसार ही मैपिंग की जाती है. शुरू में महिलाओं को झिझक थी कि नहीं कर पाएंगे पर आज के वक्त में यह एक माइलस्टोन बन गया है.'' -मनोज पांडे, टीम के सहयोगी

''नगर निगम ने हमें इस काम के लिए मौका दिया. हम लोग मैकेनिज्म तरीके से यह काम करते हैं. काम करके अच्छा लगता है. ट्रेनिंग के दैरान हमलोगों को मशीन चलाने के लिए सिखाया गया. अब आसानी से काम कर लेते हैं '' -आरती, टीम की मेंबर

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