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Bihar Police में अब PTC पास कॉन्स्टेबल भी करेंगे अनुसंधान, अधिकतम 7 वर्ष की सजा वाले कांड की करेंगे जांच - PTC pass constable will also do research

बिहार पुलिस में अब पीटीसी पास कॉन्स्टेबल मामले की जांच करेंगे. अधिकतम सात साल की सजा वाले कांडों की जांच कॉन्स्टेबल करेंगे. इसको लेकर गृह विभाग की ओर से सूचना जारी कर दी गई है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इस बात की जानकारी दी.

एडीजीप जितेंद्र सिंह गंगवार
एडीजीप जितेंद्र सिंह गंगवार
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Published : Apr 24, 2023, 8:54 PM IST

एडीजीप जितेंद्र सिंह गंगवार

पटना: पुलिस विभाग में अनुसंधान (Research In Police Department) को दिशा और गति देने के लिए बिहार सरकार के गृह विभाग के द्वारा सूचना जारी की गई है. इसके अंतर्गत पीटीसी पास कॉन्स्टेबल रैंक के कर्मियों को भी अनुसंधान के काम में लगाया जाएगा. यह पीटीसी पास जो कर्मी होंगे वो कम से कम एएसआई में प्रोन्नति के लिए न्यूनतम समय सीमा की जो अवधी दी है, वह उनकी पूरी होनी चाहिए. उसके बाद वह कांडों का अनुसंधान कर सकते हैं. वे सिर्फ 7 वर्षों के अधिकतम सजा वाले कांडों का ही अनुसंधान करेंगे.

ये भी पढ़ें- Anand Mohan Release : पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का नोटिफिकेशन जारी- सूत्र

कॉन्स्टेबल करेंगे कांडों की जांच: बिहार में पहली बार कॉन्स्टेबल को अनुसंधान करने की शक्ति दी जा रही है. अभी फिलहाल 3268 पीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थी हैं. जिसकी सूचना पुलिस अकैडमी से मिली है. ऐसे कॉन्स्टेबल का पुलिस मुख्यालय द्वारा स्थानांतरण किया गया है और वह अपने-अपने जिला में जाकर अब अनुसंधान में मदद करेंगे. बिहार पुलिस अपराधियों को लगातार सजा दिलवाने का भी काम कर रही है. मार्च 2022 में 442 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई. वहीं, मार्च 2023 में 672 अभियुक्तों को सजा हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है.

इस वर्ष अपराधियों को मिली अधिकतम सजा: एडीजी हेड क्वार्टर जितेंद्र सिंह गंगवार के अनुसार इस वर्ष मार्च में हुए 672 अभियुक्तों को सजा में सबसे अधिक अपराधी पटना जिले से हैं. पटना में 150 अभियुक्त हैं, भोजपुर में 71, समस्तीपुर में 56, रोहतास में 22, पूर्णिया में 22 अभियुक्त हैं. मार्च में स्पीडी ट्रायल के माध्यम से कुल 552 कांडों में 672 अपराधियों को सजा दी गई. जिसमें आर्म्स एक्ट में 48 अपराधकर्मी हैं, हत्या में 70 अपराधकर्मी हैं, अपहरण में दो, बलात्कार में 35, एससी/एसटी अधिनियम में 22 और पोस्को एक्ट में 40 अपराधियों को सजा दिलाई गई है.

मामले की हो रही जांच: बिहार शरीफ में हुए बम धमाके मामले पर एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री वहां पर गई हुई है. जांच कर रही है. किस तरह के पदार्थ है, क्या कुछ है. इस घटना में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं दो घायलों की चिकित्सा चल रही है. पुलिस विभाग के सोशल मीडिया साइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक गाना एक पुलिस कर्मी द्वारा अपलोड कर दिया गया था. इस मामले पर एडीजी ने कहा कि उस कर्मी को तत्काल सभी तरह की ड्यूटी से हटा दिया गया है और उससे पूछताछ चल रही है.

कई लोगों को किया गया गिरफ्तार: बिहटा में एक बार फिर से सरकारी कर्मचारी उत्पाद विभाग के कर्मचारियों पर ग्रामीणों ने हमला किया. इस मामले पर जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में बीहटा में दो मामले घटित हुए हैं. पहली घटना हुई परेड गांव में, जहां पर खनन पदाधिकारी के साथ मारपीट की गई. सरकारी कार्यों के निष्पादन में व्यवधान डालने के, वहीं दूसरी घटना बेटा थाना अंतर्गत मुंह से मूसेपुर गांव में जहां पर उत्पाद विभाग के लोग अपने विभागीय कार्य के निष्पादन में गए थे. ऐसे में उन पर ग्रामीणों द्वारा हमला किया गया और वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया.

"खनन अधिकारी के साथ हुए घटना में 4 एफआईआर दर्ज किए गए हैं और 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं कल मूसेपुर गांव में उत्पाद विभाग की टीम पर हुए हमला में 8 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें 6 पुरुष और 2 महिला हैं."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी हेडक्वार्टर

एडीजीप जितेंद्र सिंह गंगवार

पटना: पुलिस विभाग में अनुसंधान (Research In Police Department) को दिशा और गति देने के लिए बिहार सरकार के गृह विभाग के द्वारा सूचना जारी की गई है. इसके अंतर्गत पीटीसी पास कॉन्स्टेबल रैंक के कर्मियों को भी अनुसंधान के काम में लगाया जाएगा. यह पीटीसी पास जो कर्मी होंगे वो कम से कम एएसआई में प्रोन्नति के लिए न्यूनतम समय सीमा की जो अवधी दी है, वह उनकी पूरी होनी चाहिए. उसके बाद वह कांडों का अनुसंधान कर सकते हैं. वे सिर्फ 7 वर्षों के अधिकतम सजा वाले कांडों का ही अनुसंधान करेंगे.

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कॉन्स्टेबल करेंगे कांडों की जांच: बिहार में पहली बार कॉन्स्टेबल को अनुसंधान करने की शक्ति दी जा रही है. अभी फिलहाल 3268 पीटीसी उत्तीर्ण अभ्यर्थी हैं. जिसकी सूचना पुलिस अकैडमी से मिली है. ऐसे कॉन्स्टेबल का पुलिस मुख्यालय द्वारा स्थानांतरण किया गया है और वह अपने-अपने जिला में जाकर अब अनुसंधान में मदद करेंगे. बिहार पुलिस अपराधियों को लगातार सजा दिलवाने का भी काम कर रही है. मार्च 2022 में 442 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई. वहीं, मार्च 2023 में 672 अभियुक्तों को सजा हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है.

इस वर्ष अपराधियों को मिली अधिकतम सजा: एडीजी हेड क्वार्टर जितेंद्र सिंह गंगवार के अनुसार इस वर्ष मार्च में हुए 672 अभियुक्तों को सजा में सबसे अधिक अपराधी पटना जिले से हैं. पटना में 150 अभियुक्त हैं, भोजपुर में 71, समस्तीपुर में 56, रोहतास में 22, पूर्णिया में 22 अभियुक्त हैं. मार्च में स्पीडी ट्रायल के माध्यम से कुल 552 कांडों में 672 अपराधियों को सजा दी गई. जिसमें आर्म्स एक्ट में 48 अपराधकर्मी हैं, हत्या में 70 अपराधकर्मी हैं, अपहरण में दो, बलात्कार में 35, एससी/एसटी अधिनियम में 22 और पोस्को एक्ट में 40 अपराधियों को सजा दिलाई गई है.

मामले की हो रही जांच: बिहार शरीफ में हुए बम धमाके मामले पर एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री वहां पर गई हुई है. जांच कर रही है. किस तरह के पदार्थ है, क्या कुछ है. इस घटना में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं दो घायलों की चिकित्सा चल रही है. पुलिस विभाग के सोशल मीडिया साइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक गाना एक पुलिस कर्मी द्वारा अपलोड कर दिया गया था. इस मामले पर एडीजी ने कहा कि उस कर्मी को तत्काल सभी तरह की ड्यूटी से हटा दिया गया है और उससे पूछताछ चल रही है.

कई लोगों को किया गया गिरफ्तार: बिहटा में एक बार फिर से सरकारी कर्मचारी उत्पाद विभाग के कर्मचारियों पर ग्रामीणों ने हमला किया. इस मामले पर जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में बीहटा में दो मामले घटित हुए हैं. पहली घटना हुई परेड गांव में, जहां पर खनन पदाधिकारी के साथ मारपीट की गई. सरकारी कार्यों के निष्पादन में व्यवधान डालने के, वहीं दूसरी घटना बेटा थाना अंतर्गत मुंह से मूसेपुर गांव में जहां पर उत्पाद विभाग के लोग अपने विभागीय कार्य के निष्पादन में गए थे. ऐसे में उन पर ग्रामीणों द्वारा हमला किया गया और वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया.

"खनन अधिकारी के साथ हुए घटना में 4 एफआईआर दर्ज किए गए हैं और 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं कल मूसेपुर गांव में उत्पाद विभाग की टीम पर हुए हमला में 8 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें 6 पुरुष और 2 महिला हैं."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी हेडक्वार्टर

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