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कोरोना से हाहाकार: NMCH सुप्रिटेंडेंट बोले- ऑक्सीजन की कमी से मर जाएंगे मरीज, मुझे पद मुक्त करे सरकार

एनएमसीएच के अध्यक्ष ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा है. जिसमें वे खुद को अध्यक्ष पद से मुक्त करने का आग्रह कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने एनएमसीएच की खराब व्यवस्था के बारे में भी खुलासा कर दिया है. इस पत्र के बाद हड़कंप मचा हुआ है.

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Published : Apr 18, 2021, 9:21 AM IST

Updated : Apr 18, 2021, 12:24 PM IST

पटनाः "मेरे अथक प्रयास के बावजूद भी ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आ रही है. जिससे दर्जनों भर्ती मरीजों की जान जाने की संभावना बनी रहती है. मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु के पश्चात इसकी सारी जवाबदेही अधीक्षक पर आ जाएगी. अतः मुझे एनएमसीएच के अधीक्षक पद के अतिरिक्त प्रभार से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए." अधीक्षक के इस पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने एनएमसीएच के हालात को बयां भी कर दिया है. बता दें कि यह पत्र शनिवार को एनएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखा है.

यह भी पढ़ें- Bihar Corona Update: शनिवार को अब तक 7870 कोरोना मरीजों की पुष्टि, बाकां में BMP के ASI की गई जान

पद से मुक्त करने का किया आग्रह
बता दें कि शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष और एनएमसीएच के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी और हालात खराब होता देख स्वास्थ्य विभाग को शनिवार को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने लिखा है कि उन्हें उनके पद से मुक्त कर दिया जाए.

सरकार को लिखा गया पत्र
सरकार को लिखा गया पत्र

दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है ऑक्सीजन सिलेंडर
पत्र में उन्होंने पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के हालात को बहुत खराब बताया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि ‘पिछले कुछ दिनों से प्रशासन की ओर से नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पटना में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के भंडार पर नियंत्रण किया जा रहा है. ऑक्सीजन सिलेंडर दूसरे अस्पतालों को भेजा जा रहा है. ऐसे में इस संस्थान में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बड़ी मात्रा में कमी आ रही है. मेरे अथक प्रयास के बावजूद भी ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा बनी हुई है.

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डॉ. विनोद कुमार सिंह, एनएमसीएच प्रभारी अधीक्षक

समय रहते पद से मुक्त किया जाए
उन्होंने लिखा है, अस्पताल में कई मरीज और बच्चे भर्ती हैं. अगर किसी को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी फिर अधीक्षक पर आएगी. इस संबंध में लगातार जानकारी दी गई लेकिन व्यवस्था में दो-तीन दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ. अगर समस्या पर जल्द ध्यान नहीं दिया जाता है तो मरीज दम तोड़ सकते हैं. ऐसे में दर्जनों भर्ती मरीजों की जान जाने की संभावना बनी हुई है. मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की मृत्यु के बाद सारी जवाबदेही अधीक्षक, एनएमसीएच पर आएगी. इसलिए समय रहते मुझे इस पद से मुक्त किया जाए.

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एनएमसीएच

यह भी पढ़ें- NMCH का कारनामा: मरीज को चढ़ा दिया मिनरल वाटर

यह भी पढ़ें- कोरोना मरीज को रेफर करने पर पटना जाने के नहीं थे पैसे, डॉक्टर ने की आर्थिक मदद

यह भी पढ़ें- NMCH: स्वास्थ्य मंत्री कर रहे थे कोविड वार्ड का दौरा, बाहर हो गयी एक संक्रमित की मौत

पटनाः "मेरे अथक प्रयास के बावजूद भी ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा आ रही है. जिससे दर्जनों भर्ती मरीजों की जान जाने की संभावना बनी रहती है. मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु के पश्चात इसकी सारी जवाबदेही अधीक्षक पर आ जाएगी. अतः मुझे एनएमसीएच के अधीक्षक पद के अतिरिक्त प्रभार से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए." अधीक्षक के इस पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने एनएमसीएच के हालात को बयां भी कर दिया है. बता दें कि यह पत्र शनिवार को एनएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखा है.

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पद से मुक्त करने का किया आग्रह
बता दें कि शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष और एनएमसीएच के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी और हालात खराब होता देख स्वास्थ्य विभाग को शनिवार को पत्र लिखा. पत्र में उन्होंने लिखा है कि उन्हें उनके पद से मुक्त कर दिया जाए.

सरकार को लिखा गया पत्र
सरकार को लिखा गया पत्र

दूसरे अस्पतालों में भेजा जा रहा है ऑक्सीजन सिलेंडर
पत्र में उन्होंने पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के हालात को बहुत खराब बताया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि ‘पिछले कुछ दिनों से प्रशासन की ओर से नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पटना में ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता के भंडार पर नियंत्रण किया जा रहा है. ऑक्सीजन सिलेंडर दूसरे अस्पतालों को भेजा जा रहा है. ऐसे में इस संस्थान में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बड़ी मात्रा में कमी आ रही है. मेरे अथक प्रयास के बावजूद भी ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा बनी हुई है.

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डॉ. विनोद कुमार सिंह, एनएमसीएच प्रभारी अधीक्षक

समय रहते पद से मुक्त किया जाए
उन्होंने लिखा है, अस्पताल में कई मरीज और बच्चे भर्ती हैं. अगर किसी को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी फिर अधीक्षक पर आएगी. इस संबंध में लगातार जानकारी दी गई लेकिन व्यवस्था में दो-तीन दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ. अगर समस्या पर जल्द ध्यान नहीं दिया जाता है तो मरीज दम तोड़ सकते हैं. ऐसे में दर्जनों भर्ती मरीजों की जान जाने की संभावना बनी हुई है. मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की मृत्यु के बाद सारी जवाबदेही अधीक्षक, एनएमसीएच पर आएगी. इसलिए समय रहते मुझे इस पद से मुक्त किया जाए.

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एनएमसीएच

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Last Updated : Apr 18, 2021, 12:24 PM IST
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