पटना: 11 जुलाई के प्रदर्शन में शामिल शिक्षकों पर शिक्षा विभाग की कार्रवाई चल रही है और अब तक सैकड़ों शिक्षकों पर कार्रवाई की जा चुकी है. शिक्षक समाज इस कार्रवाई से आक्रोशित है और शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षा विभाग सदन की अवमानना कर रहा है. शिक्षकों के प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए सदन में जो संसदीय कार्य मंत्री ने वक्तव्य दिया उसके विरुद्ध शिक्षा विभाग की कार्रवाई की जा रही है.
सरकार ने नहीं की वार्ता की पहल: बीते 11 जुलाई को नियोजित शिक्षकों ने राज्यकर्मी का दर्जा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद सरकार ने वार्ता का आश्वासन देकर प्रदर्शन को शांत कराया. शिक्षकों के इस प्रदर्शन को 2 सप्ताह से अधिक समय हो गया लेकिन अब तक सरकार की ओर से वार्ता की कोई पहल नहीं की गई है.
'सरकार शिक्षकों के धैर्य को ना समझे कमजोरी': बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षकों का आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है और धरना प्रदर्शन ही विरोध प्रदर्शन नहीं होता है. लगातार सरकार से वह पत्राचार कर रहे हैं और पत्राचार के माध्यम से जल्द वार्ता की अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह सरकार से कहना चाहेंगे कि शिक्षकों के धैर्य को सरकार उनकी कमजोरी ना समझे.
"वार्ता में जितना विलंब होगा सरकार के लिए उतना ही नुकसानदायक होगा. अभी वार्ता को लेकर सरकार को कोई अल्टीमेटम नहीं दिया है लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के ऊपर जिस प्रकार शिक्षा सुधार के नाम पर दमनकारी कार्रवाई हो रही है, उससे शिक्षक समाज आक्रोशित है."- शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, महासचिव, बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ
'संघ से जुड़े शिक्षकों ने आवेदन नहीं किया': शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि जो नई शिक्षक नियमावली बिहार में बनाई गई है उसमें पुस्तकालयाध्यक्षों, शारीरिक शिक्षक, शारीरिक शिक्षा अनुदेशक का कोई प्रावधान नहीं है. इसके अलावा पंचायती राज में कार्यरत शिक्षकों की वरीयता का कोई प्रावधान नहीं है, ना ही माध्यमिक शिक्षकों को उच्च माध्यमिक में पदोन्नति का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि शिक्षक बहाली में भले ही 65000 नियोजित शिक्षकों ने आवेदन किया है लेकिन उनके संघ से जुड़े शिक्षकों ने आवेदन नहीं किया है. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में सरकार को जो आवेदन प्राप्त हुए हैं उससे स्पष्ट है कि नियोजित शिक्षकों ने फॉर्म भरने में रुचि नहीं ली है.
नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा मिले: बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि महागठबंधन सरकार के वादे के अनुरूप सभी नियोजित शिक्षकों को सीधे बिना किसी शर्त के राज्यकर्मी का दर्जा सरकार को अविलंब देना चाहिए. इस मांग को लेकर वह जल्द सरकार से वार्ता की अपील करते हैं. हाल के दिनों में जितने भी नियोजित शिक्षकों के ऊपर प्रदर्शन में शामिल होने के कारण कार्रवाई हुई है सभी को निरस्त किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि नियोजित शिक्षकों को यदि वह राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान करते हैं तो सरकार को ₹1 का भी बोझ नहीं पड़ेगा.