पटना: बिहार में 6 चरणों का चुनाव हो चुका है और अंतिम चरण 19 मई को होगा. इस बार नीतीश कुमार की पार्टी जदयू 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. एनडीए की अहम घटक होने के बावजूद नीतीश कुमार बिना मेनिफेस्टो के ही चुनाव लड़ रहे हैं. इसको लेकर आरजेडी की तरफ से बार-बार निशाना भी साधा गया. तेजस्वी यादव ने ट्वीट के माध्यम से नीतीश कुमार पर तंज कसने में पीछे नहीं रहे. विपक्ष कहता रहा है कि विवादित मुद्दों से बचने के लिए ही नीतीश कुमार ने अपना मेनिफेस्टो जारी नहीं किया है. वहीं, बीजेपी ने जदयू का बचाव किया और जदयू नेताओं ने कहा कि विवादित मुद्दों से पार्टी कभी समझौता ना की है और ना ही करेगी.
अब तो घोषणा पत्र जारी कर दीजिए चाचाजी- तेजस्वी
बिहार में 40 सीटों में से 32 सीटों पर चुनाव हो चुका है और बचे 8 सीटों पर अंतिम चरण में 19 मई को चुनाव होगा. अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार भी समाप्त हो गया है, लेकिन इस बार जदयू की ओर से पार्टी का मेनिफेस्टो जारी नहीं हुआ. यहां तक कि एनडीए की सबसे छोटी पार्टी लोजपा ने भी अपना घोषणा पत्र जारी किया. बीजेपी ने तो संकल्प पत्र जारी किया है लेकिन नीतीश कुमार घोषणा पत्र से बचते रहे. यही कारण है कि विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव लगातार अपने बयानों से और सोशल मीडिया के माध्यम से भी निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि चाचा जी अब अंतिम चरण बचा है, अब तो घोषणा पत्र जारी कर दीजिए.
विवादित मुद्दों पर समझौता नहीं करेगी JDU
जदयू के घोषणा पत्र नहीं जारी करने पर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. जदयू पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि बीजेपी से कई मुद्दों पर विवाद होने के कारण उन मुद्दों से बचने के लिए ही जदयू ने अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया. हालांकि जदयू के नेता लगातार कहते रहे हैं कि दुनिया जानती है कि नीतीश कुमार किसी भी स्थिति में 370, एनआरसी से लेकर सभी विवादित मुद्दों पर समझौता नहीं कर सकते हैं.
BJP ने किया बचाव
मेनिफेस्टो लागू नहीं करने पर बीजेपी ने जदयू का बचाव किया. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र 10 करोड़ लोगों की राय लेने के बाद जारी किया है. जदयू अलग पार्टी है और जदयू के नेता जो काम बिहार में हो रहा है उसकी चर्चा करते हैं. मेनिफेस्टो को लेकर राजनीति के विशेषज्ञ भी कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार यदि घोषणा पत्र लाते तो कई ऐसे मुद्दे जिसे बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में लाया है उन मुद्दों पर विवाद हो सकता था. इसी से बचने के लिए इस बार नीतीश कुमार ने घोषणा पत्र जारी नहीं करना ही उचित समझा.