ETV Bharat / state

LJP में टूट पर JDU की नजर, पांचों सांसदों को पार्टी में शामिल कराने में जुटे नीतीश - लोजपा में टूट पर जदयू की नजर

लोजपा में टूट पर जदयू की नजर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोशिश है कि लोजपा के पांचों विधायक जदयू में शामिल हो जाएं. इसके लिए उन्होंने ललन सिंह को जिम्मेदारी दी है. जदयू के कई नेता पांचों सांसदों से लगातार मिल रहे हैं.

Nitish Kumar and Pashupati Paras
नीतीश कुमार और पशुपति पारस
author img

By

Published : Jun 17, 2021, 7:50 PM IST

पटना: लोजपा में उथल-पुथल मचा है. स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) के नेतृत्व में पांच सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) से अलग हो चुके हैं. वे अपने गुट को असली लोजपा बता रहे हैं. इस टूट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका अहम मानी जा रही है.

यह भी पढ़ें- प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले पशुपति पारस- 'भतीजा तानाशाह हो जाए तो चाचा क्या करेगा'

विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ अभियान चलाया और जदयू उम्मीदवारों को हराने में भूमिका निभाई लोजपा में टूट (LJP Split) को उसी का बदला माना जा रहा है. अब नीतीश कुमार की कोशिश है कि पांचों सांसद जदयू में शामिल हो जाएं. इसलिए ललन सिंह सरीखे नेताओं को लगाया गया है. जदयू के कई नेता पांचों सांसदों से लगातार मिल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट
ललन सिंह ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
जदयू सांसद और वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने लोजपा के पांच सांसदों के चिराग पासवान से अलग होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब यह बात किसी से छिपी नहीं है. उनके अलावा महेश्वर हजारी ने भी स्वर्गीय रामविलास पासवान से परिवारिक रिश्ते होने के कारण अपनी भूमिका निभाई है. कुछ और जदयू नेताओं ने भी इस टूट में अपना योगदान दिया है.

बीजेपी पर दबाव बनाना चाहता है जदयू
पशुपति पारस के नेतृत्व में पांचों सांसद अपने को असली लोजपा बता रहे हैं. वे एनडीए का पार्ट होने की बात कर रहे हैं. सभी ने किसी पार्टी में शामिल होने से फिलहाल इनकार किया है. राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा ने कहा, "जिस प्रकार से लोजपा को लेकर नीतीश कुमार की नाराजगी थी यह तो साफ है कि इस टूट में जदयू की अहम भूमिका है. अब कोशिश है कि सभी को अपने साथ लाकर बीजेपी पर दबाव बनाया जाए."

LJP Split
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

चिराग ने जो किया उसे भोग रहे हैं
"लोजपा में जो कुछ हो रहा है यह उनका अंदरूनी मामला है. उसमें जदयू की कोई भूमिका नहीं है. चिराग पासवान ने जो किया है उसे भोग रहे हैं. यह सब चिराग की हिटलरशाही के चलते हुआ है. अगर कोई हमारी पार्टी और हमारे नेता में आस्था रखते हैं तो उनका स्वागत है."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू

"नीतीश कुमार ने ललन सिंह को पूरे अभियान में लगाया है. इसपर बीजेपी की भी नजर है. बीजेपी में अमित शाह हैं. सबको पता है कि ललन सिंह और अमित शाह में कौन किसपर भारी पड़ सकता है."- राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस

गौरतलब है कि लोजपा को लेकर बीजेपी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है. बिहार बीजेपी के नेताओं ने लोजपा प्रकरण पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है. बीजेपी के नेताओं ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है.

LJP Split
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

संख्या बल बढ़ाने की कोशिश में जदयू
जदयू के पास विधानसभा और लोकसभा में बीजेपी से कम सीट है. बिहार में विधानसभा चुनाव में जदयू को इस बार केवल 43 सीट मिले. बसपा और लोजपा के एक-एक विधायक को जदयू ने अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. इससे संख्या बढ़कर 45 हो गई. विधायक मेवालाल चौधरी के निधन के कारण संख्या घटकर अब 44 हो गई है. जदयू के 16 सांसद हैं.

बीजेपी के 74 विधायक और 17 सांसद हैं. बीजेपी के पास विधानसभा और लोकसभा दोनों जगह जदयू से अधिक सीट है. जबसे नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बनी है यह स्थिति पहली बार है. नीतीश कुमार को यह अधिक खटक रहा होगा. ऐसे में उनकी पूरी कोशिश है कि लोजपा के पांचों बागी सांसद जदयू में आ जाएं. इसके लिए उन्होंने अपने धुरंधर नेताओं को लगाया है.

यह भी पढ़ें- LJP Split Live: पशुपति बने राष्ट्रीय अध्यक्ष, निर्विरोध हुआ चयन

पटना: लोजपा में उथल-पुथल मचा है. स्वर्गीय रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) के नेतृत्व में पांच सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) से अलग हो चुके हैं. वे अपने गुट को असली लोजपा बता रहे हैं. इस टूट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका अहम मानी जा रही है.

यह भी पढ़ें- प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले पशुपति पारस- 'भतीजा तानाशाह हो जाए तो चाचा क्या करेगा'

विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ अभियान चलाया और जदयू उम्मीदवारों को हराने में भूमिका निभाई लोजपा में टूट (LJP Split) को उसी का बदला माना जा रहा है. अब नीतीश कुमार की कोशिश है कि पांचों सांसद जदयू में शामिल हो जाएं. इसलिए ललन सिंह सरीखे नेताओं को लगाया गया है. जदयू के कई नेता पांचों सांसदों से लगातार मिल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट
ललन सिंह ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिकाजदयू सांसद और वरिष्ठ नेता ललन सिंह ने लोजपा के पांच सांसदों के चिराग पासवान से अलग होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब यह बात किसी से छिपी नहीं है. उनके अलावा महेश्वर हजारी ने भी स्वर्गीय रामविलास पासवान से परिवारिक रिश्ते होने के कारण अपनी भूमिका निभाई है. कुछ और जदयू नेताओं ने भी इस टूट में अपना योगदान दिया है.

बीजेपी पर दबाव बनाना चाहता है जदयू
पशुपति पारस के नेतृत्व में पांचों सांसद अपने को असली लोजपा बता रहे हैं. वे एनडीए का पार्ट होने की बात कर रहे हैं. सभी ने किसी पार्टी में शामिल होने से फिलहाल इनकार किया है. राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर अजय झा ने कहा, "जिस प्रकार से लोजपा को लेकर नीतीश कुमार की नाराजगी थी यह तो साफ है कि इस टूट में जदयू की अहम भूमिका है. अब कोशिश है कि सभी को अपने साथ लाकर बीजेपी पर दबाव बनाया जाए."

LJP Split
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

चिराग ने जो किया उसे भोग रहे हैं
"लोजपा में जो कुछ हो रहा है यह उनका अंदरूनी मामला है. उसमें जदयू की कोई भूमिका नहीं है. चिराग पासवान ने जो किया है उसे भोग रहे हैं. यह सब चिराग की हिटलरशाही के चलते हुआ है. अगर कोई हमारी पार्टी और हमारे नेता में आस्था रखते हैं तो उनका स्वागत है."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू

"नीतीश कुमार ने ललन सिंह को पूरे अभियान में लगाया है. इसपर बीजेपी की भी नजर है. बीजेपी में अमित शाह हैं. सबको पता है कि ललन सिंह और अमित शाह में कौन किसपर भारी पड़ सकता है."- राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस

गौरतलब है कि लोजपा को लेकर बीजेपी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है. बिहार बीजेपी के नेताओं ने लोजपा प्रकरण पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है. बीजेपी के नेताओं ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है.

LJP Split
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

संख्या बल बढ़ाने की कोशिश में जदयू
जदयू के पास विधानसभा और लोकसभा में बीजेपी से कम सीट है. बिहार में विधानसभा चुनाव में जदयू को इस बार केवल 43 सीट मिले. बसपा और लोजपा के एक-एक विधायक को जदयू ने अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. इससे संख्या बढ़कर 45 हो गई. विधायक मेवालाल चौधरी के निधन के कारण संख्या घटकर अब 44 हो गई है. जदयू के 16 सांसद हैं.

बीजेपी के 74 विधायक और 17 सांसद हैं. बीजेपी के पास विधानसभा और लोकसभा दोनों जगह जदयू से अधिक सीट है. जबसे नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सरकार बनी है यह स्थिति पहली बार है. नीतीश कुमार को यह अधिक खटक रहा होगा. ऐसे में उनकी पूरी कोशिश है कि लोजपा के पांचों बागी सांसद जदयू में आ जाएं. इसके लिए उन्होंने अपने धुरंधर नेताओं को लगाया है.

यह भी पढ़ें- LJP Split Live: पशुपति बने राष्ट्रीय अध्यक्ष, निर्विरोध हुआ चयन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.