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पत्रकार का सवाल सुन भड़के नीतीश, कहा- फालतू रिसर्च है - CM Nitish Kumar

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Chamki Fever in Muzaffarpur) का मामला पहले भी होता था, लेकिन अब उस पर काफी नियंत्रण है. उन्होंने कहा कि जिन 5 प्रखंडों में अधिक केस आते थे, वहां सभी लोगों के घर बनवा दिए गए हैं. लिहाजा जोधपुर एम्स का रिसर्च सही नहीं है.

चमकी बुखार पर बोले नीतीश कुमार
चमकी बुखार पर बोले नीतीश कुमार
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Published : Dec 13, 2021, 4:12 PM IST

पटना: चमकी बुखार पर जोधपुर एम्स का रिसर्च (Research of AIIMS Jodhpur on Chamki Fever) सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि इसकी एक बड़ी वजह लोगों के घर बनाने में खामिया और इससे तापमान बढ़ना है. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इस पर सवाल उठाया है. उन्होंने इसे फालतू रिसर्च बताया है.

ये भी पढ़ें: ...तो क्या सरकार की सकारात्मक पहल से बिहार में 'चमकी' का असर है कम!

चमकी बुखार को लेकर जोधपुर एम्स के दावे को लेकर पत्रकारों के सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar on Chamki fever) भड़क गए. उन्होंने इसे फालतू रिसर्च बताते हुए कहा कि आप लोग इसके बारे में नहीं जानते होंगे. हमने खुद साल 2019 में वहां जाकर एक-एक चीज को देखा और लोगों का घर बनवाया. रिसर्च करने वालों ने शायद अध्ययन नहीं किया होगा.

चमकी बुखार पर बोले नीतीश कुमार

"एकदम फालतू रिसर्च होगा. 2019 में मुजफ्फरपुर जिले के 5 ब्लॉक को हमलोगों ने चयनित किया, जहां सबसे अधिक केस आए थे. हम खुद हर जगह गए देखने गए कि वहां लोगों का घर बना है या नहीं. सभी का सर्वे हुआ है और सभी का घर बनवाया गया. पता नहीं कौन अध्ययन किया, जाकर देख ले"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पता नहीं कौन अध्ययन किया, जाकर देख ले. हम तो मुजफ्फरपुर के पांचों ब्लॉक की बात कर रहे हैं, जहां पर सबसे अधिक समस्या आई थी. चमकी बुखार तो पहले से आ रहा था, लेकिन बहुत कंट्रोल हुआ था मगर एक बार फिर काफी फैल गया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौ बेड का इमरजेंसी अस्पताल बनवाया गया, सबकुछ अच्छे से काम कर रहा है और किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. पता नहीं रिसर्च में कोई अध्ययन किया गया है या नहीं. हो सकता है कि यह रिसर्च पहले का हो. वो तो अभी बोल रहे हैं, लेकिन हमने तो 2019 में सर्वे करवाकर इस दिशा में काम करवा दिया था.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर: चमकी पर प्रहार! बच्चों को मिलेगी अब मल्टीविटामिन सप्लीमेंट

आपको बताएं कि मुजफ्फरपुर समेत 14 जिलों में कहर बरपाने वाली चमकी बुखार यानी एईएस (Acute Encephalitis Syndrome) का एक बड़ा कारण घर बनाने में खामियां और इससे तापमान बढ़ना है. इससे बचाव के लिए शोध कर रही एम्स जोधपुर की टीम ने प्रभावित इलाकों के घरों का तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री तक अधिक पाया है. इससे बच्चों का माइटोकॉन्ड्रिया (मानव शरीर में ऊर्जा केंद्र) क्षतिग्रस्त हो जाता है.

मुजफ्फरपुर के अत्यधिक चमकी बुखार प्रभावित 3 प्रखंडों मुशहरी, मीनापुर और बोचहां में एम्स जोधपुर की शोध टीम के अध्ययन से यह खुलासा हुआ है. प्रभावित इलाके के 150 घरों में हीट सेंसर की रिपोर्ट के अनुसार, घरों की ऊंचाई 6 से 8 फीट तक ही है. इनमें खिड़कियां भी नहीं हैं, इसलिए दिन और रात में भी बाहर के सामान्य तापमान से घर में 3 से 4 डिग्री तक टेम्प्रेचर अधिक हो जाता है. दिन में जो गर्मी होती है, वह गैस ग्रीन हाउस इफेक्ट की तरह रात तक नहीं निकल पाती है. यह गैस गर्मी को ट्रैप कर लेती है. इसे ट्रैप द सनराइज कहा जाता है. लिहाजा कमरे का तापमान 4 डिग्री तक बढ़ जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया प्रभावित होने से बच्चे चमकी-बुखार से ग्रसित हो जाते हैं.

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पटना: चमकी बुखार पर जोधपुर एम्स का रिसर्च (Research of AIIMS Jodhpur on Chamki Fever) सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि इसकी एक बड़ी वजह लोगों के घर बनाने में खामिया और इससे तापमान बढ़ना है. हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इस पर सवाल उठाया है. उन्होंने इसे फालतू रिसर्च बताया है.

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चमकी बुखार को लेकर जोधपुर एम्स के दावे को लेकर पत्रकारों के सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar on Chamki fever) भड़क गए. उन्होंने इसे फालतू रिसर्च बताते हुए कहा कि आप लोग इसके बारे में नहीं जानते होंगे. हमने खुद साल 2019 में वहां जाकर एक-एक चीज को देखा और लोगों का घर बनवाया. रिसर्च करने वालों ने शायद अध्ययन नहीं किया होगा.

चमकी बुखार पर बोले नीतीश कुमार

"एकदम फालतू रिसर्च होगा. 2019 में मुजफ्फरपुर जिले के 5 ब्लॉक को हमलोगों ने चयनित किया, जहां सबसे अधिक केस आए थे. हम खुद हर जगह गए देखने गए कि वहां लोगों का घर बना है या नहीं. सभी का सर्वे हुआ है और सभी का घर बनवाया गया. पता नहीं कौन अध्ययन किया, जाकर देख ले"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पता नहीं कौन अध्ययन किया, जाकर देख ले. हम तो मुजफ्फरपुर के पांचों ब्लॉक की बात कर रहे हैं, जहां पर सबसे अधिक समस्या आई थी. चमकी बुखार तो पहले से आ रहा था, लेकिन बहुत कंट्रोल हुआ था मगर एक बार फिर काफी फैल गया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौ बेड का इमरजेंसी अस्पताल बनवाया गया, सबकुछ अच्छे से काम कर रहा है और किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. पता नहीं रिसर्च में कोई अध्ययन किया गया है या नहीं. हो सकता है कि यह रिसर्च पहले का हो. वो तो अभी बोल रहे हैं, लेकिन हमने तो 2019 में सर्वे करवाकर इस दिशा में काम करवा दिया था.

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आपको बताएं कि मुजफ्फरपुर समेत 14 जिलों में कहर बरपाने वाली चमकी बुखार यानी एईएस (Acute Encephalitis Syndrome) का एक बड़ा कारण घर बनाने में खामियां और इससे तापमान बढ़ना है. इससे बचाव के लिए शोध कर रही एम्स जोधपुर की टीम ने प्रभावित इलाकों के घरों का तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री तक अधिक पाया है. इससे बच्चों का माइटोकॉन्ड्रिया (मानव शरीर में ऊर्जा केंद्र) क्षतिग्रस्त हो जाता है.

मुजफ्फरपुर के अत्यधिक चमकी बुखार प्रभावित 3 प्रखंडों मुशहरी, मीनापुर और बोचहां में एम्स जोधपुर की शोध टीम के अध्ययन से यह खुलासा हुआ है. प्रभावित इलाके के 150 घरों में हीट सेंसर की रिपोर्ट के अनुसार, घरों की ऊंचाई 6 से 8 फीट तक ही है. इनमें खिड़कियां भी नहीं हैं, इसलिए दिन और रात में भी बाहर के सामान्य तापमान से घर में 3 से 4 डिग्री तक टेम्प्रेचर अधिक हो जाता है. दिन में जो गर्मी होती है, वह गैस ग्रीन हाउस इफेक्ट की तरह रात तक नहीं निकल पाती है. यह गैस गर्मी को ट्रैप कर लेती है. इसे ट्रैप द सनराइज कहा जाता है. लिहाजा कमरे का तापमान 4 डिग्री तक बढ़ जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया प्रभावित होने से बच्चे चमकी-बुखार से ग्रसित हो जाते हैं.

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