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नीतीश ने बिहार के लोगों को मुसीबत की घड़ी में छोड़ दिया : तेजस्वी

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Published : Jun 5, 2020, 11:26 AM IST

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मुसीबत की घड़ी में नीतीश ने राज्यवासियों को छोड़ दिया. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि प्रवासी मजदूरों को बिहार में नहीं घुसने देने और आने पर वापस भेजने की धमकी दी गई.

तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव

पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रवासी मजदूरों को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ नीतीश कुमार 'प्रवासी' शब्द की नैतिकता पर उपदेश देते हैं और दूसरी तरफ अपना असली रंग दिखाते हुए श्रमवीरों को लाठी से पिटवाते हैं, पैदल चलने पर मजबूर करते हैं.

तेजस्वी ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री ने ट्रेन और बस नहीं होने का बहाना कर प्रवासियों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी. क्वारंटाइन सेंटरों में मजदूरों के साथ पशुवत व्यवहार किया गया. उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया गया. क्वारंटाइन सेंटरों में सांप, बिच्छू और छिपकली के बीच प्रवासियों को रखा गया और खाने में सूखा भात, नमक और मिर्च परोसा गया.

'माटीपुत्र श्रमवीरों का लाठी-डंडों से स्वागत कराया जाता है'

तेजस्वी ने कहा, 'लौटकर बिहार आने पर माटीपुत्र श्रमवीरों का लाठी-डंडों से स्वागत कराया जाता है, जबकि दूसरे प्रदेश अपने श्रमवीरों का फूलों से स्वागत कर रहे हैं. सरकारी खामियां बताने पर अधिकारियों द्वारा श्रमिकों पर अत्याचार किया जाता है. उन्हें इलाज और उपचार से वंचित किया जाता है.'

'भ्रष्टाचार की गंगा बहाए जाने' का आरोप'

बिहार में 'मजदूरों के अधिकार के नाम पर करोड़ों की निकासी कर भ्रष्टाचार की गंगा बहाए जाने' का आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा कि कटिहार रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों को पीटा गया है. उन्होंने कहा, 'जिन्होंने 15 वर्षो में एक सुई का कारखाना नहीं लगवाया, वो चुनाव देख अब कारखाने और रोजगार देने की लफ्फाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को बिहार के श्रमवीरों से अविलंब माफी मांगनी चाहिए.'

पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रवासी मजदूरों को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ नीतीश कुमार 'प्रवासी' शब्द की नैतिकता पर उपदेश देते हैं और दूसरी तरफ अपना असली रंग दिखाते हुए श्रमवीरों को लाठी से पिटवाते हैं, पैदल चलने पर मजबूर करते हैं.

तेजस्वी ने यहां कहा कि मुख्यमंत्री ने ट्रेन और बस नहीं होने का बहाना कर प्रवासियों को आर्थिक, मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी. क्वारंटाइन सेंटरों में मजदूरों के साथ पशुवत व्यवहार किया गया. उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया गया. क्वारंटाइन सेंटरों में सांप, बिच्छू और छिपकली के बीच प्रवासियों को रखा गया और खाने में सूखा भात, नमक और मिर्च परोसा गया.

'माटीपुत्र श्रमवीरों का लाठी-डंडों से स्वागत कराया जाता है'

तेजस्वी ने कहा, 'लौटकर बिहार आने पर माटीपुत्र श्रमवीरों का लाठी-डंडों से स्वागत कराया जाता है, जबकि दूसरे प्रदेश अपने श्रमवीरों का फूलों से स्वागत कर रहे हैं. सरकारी खामियां बताने पर अधिकारियों द्वारा श्रमिकों पर अत्याचार किया जाता है. उन्हें इलाज और उपचार से वंचित किया जाता है.'

'भ्रष्टाचार की गंगा बहाए जाने' का आरोप'

बिहार में 'मजदूरों के अधिकार के नाम पर करोड़ों की निकासी कर भ्रष्टाचार की गंगा बहाए जाने' का आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा कि कटिहार रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों को पीटा गया है. उन्होंने कहा, 'जिन्होंने 15 वर्षो में एक सुई का कारखाना नहीं लगवाया, वो चुनाव देख अब कारखाने और रोजगार देने की लफ्फाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को बिहार के श्रमवीरों से अविलंब माफी मांगनी चाहिए.'

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