पटना: जदयू के अंदर मचे घमासान के कारण हाल के दिनों में बिहार का सियासी पारा चढ़ा रहा. शुक्रवार 29 दिसंबर को दिल्ली में हुई जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फेर बदल होने से सियासी माहौल गर्म हो गया है. भारतीय जनता पार्टी, जदयू के एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत पर सवाल उठा रही है.
'एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत को तोड़ा: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के अंदर 'एक व्यक्ति एक पद' का सिद्धांत बनाया है. इसी सिद्धांत का पालन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देते हुए 2020 में आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था. 2021 में आरसीपी सिंह जब केंद्र में मंत्री बन गये तो उनसे इसी सिद्धांत का हवाला देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा ले लिया था. उसके बाद ही ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. लेकिन, अब नीतीश कुमार अब अपने ही बनाए सिद्धांत को तोड़कर फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं.
नीतीश कुमार पर निशाना साध रही बीजेपीः भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि 'जदयू में खाता ना बही जो नीतीश कुमार कहे वही सही. केंद्र में मंत्री बनते ही आरसीपी सिंह को पहले हटाए थे और आज खुद मुख्यमंत्री रहते राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गए हैं.' हालांकि जदयू के वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव कर रहे हैं. राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है की समय और परिस्थिति के अनुसार फैसला लिया जाता है. पार्टी के सभी नेता चाह रहे थे नीतीश कुमार ही फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनें.
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