पटना: जदयू की ओर से पटना के वेटरनरी कॉलेज मैदान में भीम संसद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भीम संसद में आई भीड़ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गदगद दिखे. इसके लिए उन्होंने अशोक चौधरी को बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 18 सालों में मैंने इतनी भीड़ पटना के वेटरनरी कॉलेज मैदान में कभी नहीं देखी है. कहा कि लोगों की इतनी भीड़ उमड़ी है कि मैदान छोटा पड़ गया है.
कार्यक्रम में लोगों की उमड़ी भीड़: भीम संसद में उमड़ी भीड़ ने मुख्यमंत्री और जदयू नेताओं का उत्साह बढ़ा दिया है. ऐसे तो यह कार्यक्रम 5 नवंबर को ही होने वाला था, लेकिन शीतकालीन सत्र शुरू होने के कारण इसे 26 नवंबर तक टाला गया. कार्यक्रम की जिम्मेदारी भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और दलित मंत्रियों के कंधे पर दी गई थी. कार्यक्रम में सीएम को सम्मनित भी किया गया.
भीड़ देख गदगद हुए सीएम नीतीश: बता दें कि इस कार्यक्रम की तैयारी पिछले तीन-चार महीने से की जा रही थी. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अशोक चौधरी के नेतृत्व में जदयू के नेता पूरे बिहार में अभियान चला रहे थे. उमड़ी भीड़ को देखते हुए सीएम ने भी कहा कि पिछले 18 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन जितने भी कार्यक्रम में हम वेटरनरी कॉलेज मैदान आए हैं, इससे अधिक भीड़ कभी नहीं आयी. सीएम ने बापू सभागार में बीजेपी के कार्यक्रम के फेल होने पर तंज भी कसा.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गरीबों की योजना के लिए ढाई लाख करोड़ की जरूरत है, इसलिए केंद्र से विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर पूरे बिहार में अभियान चलाया जाएगा, जिसमें उन्होंने लोगों से हाथ उठाकर समर्थन भी लिया. वहीं उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए और अधिक काम करने का आश्वासन दिया.
'केंद्र सरकार सिर्फ प्रचार प्रसार में लगी है': सीएम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो लोग कोई काम नहीं कर रहे हैं. बिहार को क्या मदद कर रहे हैं? 100 में 60% देते हैं, जिसमें 40% तो बिहार को ही लगाना पड़ता है, लेकिन कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं होता है कि केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से मिलकर काम किया जा रहा है. केंद्र वाले प्रचार-प्रसार में सिर्फ अपना क्रेडिट लेते हैं.
"बिहार के विकास के लिए दो लाख 50 हजार करोड़ रुपए चाहिए, जिसमें 5 साल लगेंगे. लेकिन बिहार को अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो वो काम 2 साल में ही पूरा हो जाएगा. अब बिहार को दर्जा दिलाने के लिए पूरा अभियान चलाया जाएगा. जिसमें आप सभी से साथ देने का आग्रह करेंगे. केंद्र सरकार सेन्ट परसेंट किसी चीज में मदद नहीं करती. 60 परसेंट करती है, 40 परसेंट राज्य का रहता है, लेकिन कहीं नहीं लिखती है कि राज्य सरकार ने भी कुछ किया है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
'नीतीश कुमार ने दलितों के लिए किया काम': जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और दलित विरोधी बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने दलितों के लिए सबसे अधिक काम किया है. अभी जातीय गणना के आधार पर जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी के आधार पर आरक्षण की सीमा को भी बढ़ाया गया है.
कार्यक्रम की सफलता से पार्टी गदगद: लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर सभी दलों की नजर है. हाल में जीतन राम माझी विवाद के कारण नीतीश कुमार पर दलित विरोधी होने का आरोप लग रहा था, लेकिन कार्यक्रम की सफलता ने पार्टी नेताओं को गदगद कर दिया है. नीतीश कुमार और पार्टी नेताओं को लग रहा है कि दलितों का बड़ा वोट बैंक उनके साथ है. बिहार में दलितों की आरक्षण सीमा बढ़ाने के बाद किसी पार्टी की ओर से यह पहला कार्यक्रम था और एक तरह से जदयू ने इसे भुनाने की पूरी कोशिश की है.