पटना: राजद ने एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अप्रशिक्षु शिक्षकों की बर्खास्तगी को लेकर आरजेडी ने कहा कि महागठबंधन प्रत्याशियों को वोट देने के कारण अब नीतीश कुमार उन शिक्षकों से बदला ले रहे हैं.
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि बिहार विधान सभा चुनाव में नियोजित शिक्षकों के नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन का अब सरकार बदला ले रही है. राज्य सरकार शिक्षकों के साथ बदले की कार्रवाई कर रही है. सरकार ने उन्हें प्रताड़ित करने के उद्देश्य से कई आदेश पारित किए हैं. जो इन शिक्षकों के खिलाफ हैं. जबकि सरकार द्वारा पूर्व घोषित उन आदेशों को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया है, जिनसे शिक्षकों को लाभ होने वाला है.
'बर्खास्त करने की जल्दबाजी में क्यों है राज्य सरकार'
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने एक आरटीई का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त किया जा रहा है. जो मार्च 2019 तक प्रशिक्षण प्राप्त नहीं कर सके हैं. जबकि वे दस से पन्द्रह वर्षों से शिक्षक के रूप में सेवारत हैं. "मार्च 2019 से अबतक जब इन्हें नहीं हटाया गया तो अब इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई जा रही है?" राजद प्रवक्ता ने कहा कि व्यवहारिक और मानवीय दृष्टिकोण से इन्हें एक मौका देना चाहिए. अगर पिछले दस-पन्द्रह वर्षों में इन्हें प्रशिक्षित नहीं किया गया तो इसके लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने बताया कि चूंकि जिस समय इनकी नियुक्ति हुई थी उस समय इनके लिए प्रशिक्षण अनिवार्य नहीं था.
'राजद को वोट देने के कारण नीतीश प्रतिशोध ले रहे हैं'
राजद प्रवक्ता ने कहा कि इसी प्रकार शिक्षकों के पदोन्नति के लिए लिखित परीक्षा का प्रावधान किया गया है. जिसमें कहा गया है कि लिखित परीक्षा में 75 % अंक प्राप्त करने वाले को पदोन्नति दी जायेगी. 50 से 74% अंक प्राप्त करने वाले को पुनः परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी. जबकि 50% से कम अंक प्राप्त करने वाले की सेवा समाप्त कर दी जायेगी. राजद नेता ने कहा कि शिक्षकों द्वारा विधानसभा चुनाव में महागठवंधन उम्मीदवारों को दिये गये समर्थन के प्रतिशोध में हीं आनन-फानन में ऐसे आदेश जारी किए गए हैं. अगर राज्य सरकार की मंशा साफ है तो आरटीई के अन्य निर्देशों के अनुपालन में भी इतनी हीं तत्परता दिखाई जाती.
'राज्य सरकार की नीयत साफ नहीं'
गगन ने कहा कि शिक्षा और शिक्षक के प्रति यदि सरकार की नीयत साफ रहती तो उसी के द्वारा 20 - 8 - 20 को अधिसूचित विधालय सेवा नियमावली को लागू करने के लिए भी गंभीरता दिखाई पड़ता. उन्होने कहा कि सेवा नियमावली के नियम 16 के उपनियम ( 4 ) के अधिन अंतर नियोजन ईकाई (अंतर जिला ईकाई ) के दिशा निर्देश का प्रस्ताव तैयार करने हेतु शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरिवर दयाल सिंह की अध्यक्षता में 20-9-20 को हीं एक चार सदस्यीय समिति बनाई गई थी. जिसे एक सप्ताह में प्रस्ताव तैयार करना था. लेकिन सरकार ने समीति के सुझावों को ठंढे बस्ते में डाल दिया.