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बिहार में 40000 करोड़ निवेश का प्रस्ताव लेकिन निवेशकों को लेकर नीतीश सरकार उदासीन

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) कई मौकों पर कह चुके हैं कि सूबे के लोगों रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. बिहार सरकार उद्योगों की स्थापना को लेकर काफी गंभीर है. भारी पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे हैं. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) उद्योगपतियों से मिलकर उन्हें बिहार आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. बिहार सरकार के पास प्रस्ताव भी आ रहे हैं लेकिन राज्य सरकार उद्योगपतियों को फैसिलिटेट करने के प्रति गंभीर नहीं दिखती.

Shahnawaz Hussain
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Published : Jul 18, 2021, 7:30 AM IST

Updated : Jul 18, 2021, 12:45 PM IST

पटना: कोरोना संकटकाल (Corona Pandemic) में बिहार में सबसे ज्यादा निवेश के प्रस्ताव आए है. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) देश के उद्योगपतियों से मिलकर उन्हें बिहार आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. बिहार सरकार के पास प्रस्ताव भी आ रहे हैं लेकिन नीतीश सरकार (CM Nitish Kumar) उद्योगपतियों को फैसिलिटेट करने को लेकर गंभीर नहीं दिखती.

ये भी पढ़ें: पटना के दो महादलित युवक को 42-42 लाख की छात्रवृति, अब अशोका विश्वविद्यालय में करेंगे पढ़ाई

विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया था. ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने का जिम्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के कंधों पर है. शाहनवाज हुसैन को बिहार सरकार में उद्योग मंत्री बनाया गया है. शाहनवाज हुसैन लगातार दूसरे राज्यों का दौरा कर रहे हैं और उद्योगपतियों से मुलाकात कर बिहार में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. कोरोना संकट काल में बिहार में सबसे अधिक निवेश के प्रस्ताव आए हैं. जानकारी के मुताबिक उद्योग विभाग के पास अब तक 40,000 करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव आ चुके हैं. उद्योग मंत्री जितनी तत्परता दिखा रहे हैं, सरकार में वो तत्परता नहीं दिख रही है.

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: बढ़ती महंगाई के खिलाफ RJD का आज व्यापक विरोध प्रदर्शन, सरकार को घेरने की पूरी तैयारी

उद्योगपतियों को फैसिलिटेट करने के लिए सरकारी स्तर पर जो कुछ किए जाने चाहिए, उसे लेकर बिहार सरकार गंभीर नहीं दिखती. इस हालात को लेकर अर्थशास्त्री भी चिंतित हैं. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन महंगी जमीन को लेकर चिंता व्यक्त कर चुके हैं. शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि बिहार के जमीन नोएडा से भी महंगी है. बिहार में औद्योगिक नीति को लेकर सरकार का रवैया ढुलमुल रहा है. सिंगल विंडो सिस्टम को लेकर सरकार सिर्फ अब तक लंबे-चौड़े दावे करती रही है. लैंड बैंक भी मरणासन्न स्थिति में है. लालफीताशाही आज भी चुनौती बनी हुई है.

ये भी पढ़ें: बिहार में बंद पड़े और नए उद्योगों को शुरू करना बड़ी चुनौती- शाहनवाज हुसैन

उद्योग विभाग के प्रयासों से बिहार भाजपा उत्साहित है. पार्टी प्रवक्ता अखिलेश सिंह (BJP Spokesperson Akhilesh Singh) ने कहा है कि शाहनवाज हुसैन के प्रयासों से करोड़ों रुपए के प्रस्ताव निवेश के आए हैं. सरकारी स्तर पर जरूर कुछ बाधाएं हैं, उसे शीघ्र दूर कर लिया जाएगा.
अर्थशास्त्री डॉ. विद्यार्थी विकास का कहना है कि सरकार ने चुनाव के दौरान 19 लाख लोगों को रोजगार देने की घोषणा जरूर की लेकिन उसका रोड मैप अब तक दिखाई नहीं दे रहा है. शाहनवाज हुसैन निवेश के प्रस्ताव जरूर लाए हैं लेकिन जब तक उद्योगपतियों को उचित माहौल नहीं मिलेगा, तब तक वह धरातल पर नहीं उतर पाएगा. विद्यार्थी विकास ने कहा कि बिहार में उद्योगपतियों को सस्ती जमीन उपलब्ध कराने होंगे. सिंगल विंडो सिस्टम को और दुरुस्त करने की जरूरत है. बिहार में बिजली की दर भी महंगी है. उद्योगपतियों को सस्ती बिजली उपलब्ध करानी होगी तभी 19 लाख लोगों को रोजगार देने का सपना सच हो पाएगा.

पटना: कोरोना संकटकाल (Corona Pandemic) में बिहार में सबसे ज्यादा निवेश के प्रस्ताव आए है. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) देश के उद्योगपतियों से मिलकर उन्हें बिहार आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. बिहार सरकार के पास प्रस्ताव भी आ रहे हैं लेकिन नीतीश सरकार (CM Nitish Kumar) उद्योगपतियों को फैसिलिटेट करने को लेकर गंभीर नहीं दिखती.

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विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से 19 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया था. ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने का जिम्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के कंधों पर है. शाहनवाज हुसैन को बिहार सरकार में उद्योग मंत्री बनाया गया है. शाहनवाज हुसैन लगातार दूसरे राज्यों का दौरा कर रहे हैं और उद्योगपतियों से मुलाकात कर बिहार में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं. कोरोना संकट काल में बिहार में सबसे अधिक निवेश के प्रस्ताव आए हैं. जानकारी के मुताबिक उद्योग विभाग के पास अब तक 40,000 करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव आ चुके हैं. उद्योग मंत्री जितनी तत्परता दिखा रहे हैं, सरकार में वो तत्परता नहीं दिख रही है.

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उद्योगपतियों को फैसिलिटेट करने के लिए सरकारी स्तर पर जो कुछ किए जाने चाहिए, उसे लेकर बिहार सरकार गंभीर नहीं दिखती. इस हालात को लेकर अर्थशास्त्री भी चिंतित हैं. उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन महंगी जमीन को लेकर चिंता व्यक्त कर चुके हैं. शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि बिहार के जमीन नोएडा से भी महंगी है. बिहार में औद्योगिक नीति को लेकर सरकार का रवैया ढुलमुल रहा है. सिंगल विंडो सिस्टम को लेकर सरकार सिर्फ अब तक लंबे-चौड़े दावे करती रही है. लैंड बैंक भी मरणासन्न स्थिति में है. लालफीताशाही आज भी चुनौती बनी हुई है.

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उद्योग विभाग के प्रयासों से बिहार भाजपा उत्साहित है. पार्टी प्रवक्ता अखिलेश सिंह (BJP Spokesperson Akhilesh Singh) ने कहा है कि शाहनवाज हुसैन के प्रयासों से करोड़ों रुपए के प्रस्ताव निवेश के आए हैं. सरकारी स्तर पर जरूर कुछ बाधाएं हैं, उसे शीघ्र दूर कर लिया जाएगा.
अर्थशास्त्री डॉ. विद्यार्थी विकास का कहना है कि सरकार ने चुनाव के दौरान 19 लाख लोगों को रोजगार देने की घोषणा जरूर की लेकिन उसका रोड मैप अब तक दिखाई नहीं दे रहा है. शाहनवाज हुसैन निवेश के प्रस्ताव जरूर लाए हैं लेकिन जब तक उद्योगपतियों को उचित माहौल नहीं मिलेगा, तब तक वह धरातल पर नहीं उतर पाएगा. विद्यार्थी विकास ने कहा कि बिहार में उद्योगपतियों को सस्ती जमीन उपलब्ध कराने होंगे. सिंगल विंडो सिस्टम को और दुरुस्त करने की जरूरत है. बिहार में बिजली की दर भी महंगी है. उद्योगपतियों को सस्ती बिजली उपलब्ध करानी होगी तभी 19 लाख लोगों को रोजगार देने का सपना सच हो पाएगा.

Last Updated : Jul 18, 2021, 12:45 PM IST
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