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'जातीय जनगणना' और 'जनसंख्या नियंत्रण' पर NDA में उठने लगी 'चिंगारी', बोली RJD- 'हमारा स्टैंड क्लियर है' - बीजेपी-जेडीयू

बीजेपी के साथ गठबंधन में रहते हुए भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कई मुद्दों पर अपनी अलग राय रखते रहे हैं. फिलहाल जातीय जनगणना और जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जेडीयू-बीजेपी के बीच खटपट है. इन दोनों मुद्दों को लेकर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जो प्रस्ताव लाया गया है, वह एक तरह से बीजेपी को मैसेज देने की कोशिश है. वहीं, आरजेडी को एनडीए पर हमला करने का मौका मिल गया है.

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
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Published : Aug 1, 2021, 8:10 PM IST

पटना: जब से उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) लागू हुआ है, बिहार बीजेपी के नेता भी बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इसके खिलाफ है. वहीं जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर भी केंद्र सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट करने के बाद जेडीयू जातीय जनगणना की खुलकर मांग करने लगी है.

ये भी पढ़ें- 'जातीय जनगणना से समाज में शुरू हो जाएगा विवाद, विपक्ष बताए इसके फायदे'

जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी दोनों मुद्दों पर नीतीश कुमार ने बीजेपी को मैसेज देने की कोशिश की है. बिहार में लंबे समय से बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन है, ऐसे में दोनों बड़े मुद्दे विवाद के बड़े कारण बन रहे हैं. पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि यह हमारा पुराना मुद्दा है.

देखें रिपोर्ट

"पूरे देश में जातीय जनगणना की जरूरत है. इस मुद्दे पर हम कहीं से भी भारतीय जनता पार्टी को मैसेज देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. हमारी पार्टी की यह पुरानी सोच है, हम उस पर कायम हैं"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

वहीं, आरजेडी को एनडीए पर हमला करने का मौका मिल गया है. प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि बीजेपी और जेडीयू में मतभेद अंदर खाने साफ है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर लालू प्रसाद यादव का स्टैंड पहले से साफ है, अब तो तेजस्वी यादव का भी है. जबकि नीतीश कुमार ने अपना स्टैंड बताने में बहुत देर कर दिया है.

"बीजेपी और जेडीयू में अंदरखाने खटपट है, ये कई मुद्दों पर स्पष्ट दिख रहा है. नीतीश कुमार ने ही बिहार में बीजेपी को पैर पसारने का मौका दिया है, ये बात जनता कभी भूल नहीं सकती"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

ये भी पढ़ें- चाचा-भतीजे का जातीय जनगणना वाला राग- 'मैं राह बताऊं, तू आगे चल'

इन दोनों मसलों पर नीतीश कुमार के रुख को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि जेडीयू का स्टैंड दोनों मामले में पहले से बीजेपी से अलग रहा है. वे कहते हैं कि नीतीश कुमार ने जो रुख तैयार किया है, उससे बीजेपी के सामने स्थिति असहज बन रही है.

आपको बताएं कि बीजेपी के नेता लगातार कह रहे हैं कि अब जातीय आधार पर जनगणना की जरूरत नहीं है. आर्थिक आधार पर ही जनगणना होनी चाहिए. हालांकि बीजेपी के नेता फिलहाल नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर बोलने से बच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Caste Census Politics: जाति आधारित जनगणना पर बोले मांझी- जनसंख्या के अनुसार हिस्सा चाहिए

वहीं, नीतीश कुमार के विरोध के कारण बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होगा, यह संभव नहीं दिखता. ऐसे पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो जाए तो वह अलग मामला होगा. दूसरी तरफ जातीय जनगणना को लेकर जिस प्रकार से नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव भूमिका निभा रहे हैं, नीतीश कुमार के लिए इस मुद्दे पर पीछे हटना अब संभव नहीं दिख रहा है. इसलिए नीतीश कुमार ने इन दोनों मुद्दों पर बीजेपी से अलग रुख अपना रखा है. जिस वजह से बीजेपी के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गयी है तो वहीं विपक्ष को हमला करने का मौका भी मिल गया है.

पटना: जब से उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) लागू हुआ है, बिहार बीजेपी के नेता भी बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं लेकिन नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इसके खिलाफ है. वहीं जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर भी केंद्र सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट करने के बाद जेडीयू जातीय जनगणना की खुलकर मांग करने लगी है.

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जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी दोनों मुद्दों पर नीतीश कुमार ने बीजेपी को मैसेज देने की कोशिश की है. बिहार में लंबे समय से बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन है, ऐसे में दोनों बड़े मुद्दे विवाद के बड़े कारण बन रहे हैं. पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि यह हमारा पुराना मुद्दा है.

देखें रिपोर्ट

"पूरे देश में जातीय जनगणना की जरूरत है. इस मुद्दे पर हम कहीं से भी भारतीय जनता पार्टी को मैसेज देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. हमारी पार्टी की यह पुरानी सोच है, हम उस पर कायम हैं"- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जेडीयू संसदीय बोर्ड

वहीं, आरजेडी को एनडीए पर हमला करने का मौका मिल गया है. प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि बीजेपी और जेडीयू में मतभेद अंदर खाने साफ है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर लालू प्रसाद यादव का स्टैंड पहले से साफ है, अब तो तेजस्वी यादव का भी है. जबकि नीतीश कुमार ने अपना स्टैंड बताने में बहुत देर कर दिया है.

"बीजेपी और जेडीयू में अंदरखाने खटपट है, ये कई मुद्दों पर स्पष्ट दिख रहा है. नीतीश कुमार ने ही बिहार में बीजेपी को पैर पसारने का मौका दिया है, ये बात जनता कभी भूल नहीं सकती"- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी

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इन दोनों मसलों पर नीतीश कुमार के रुख को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि जेडीयू का स्टैंड दोनों मामले में पहले से बीजेपी से अलग रहा है. वे कहते हैं कि नीतीश कुमार ने जो रुख तैयार किया है, उससे बीजेपी के सामने स्थिति असहज बन रही है.

आपको बताएं कि बीजेपी के नेता लगातार कह रहे हैं कि अब जातीय आधार पर जनगणना की जरूरत नहीं है. आर्थिक आधार पर ही जनगणना होनी चाहिए. हालांकि बीजेपी के नेता फिलहाल नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर बोलने से बच रहे हैं.

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वहीं, नीतीश कुमार के विरोध के कारण बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होगा, यह संभव नहीं दिखता. ऐसे पूरे देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो जाए तो वह अलग मामला होगा. दूसरी तरफ जातीय जनगणना को लेकर जिस प्रकार से नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव भूमिका निभा रहे हैं, नीतीश कुमार के लिए इस मुद्दे पर पीछे हटना अब संभव नहीं दिख रहा है. इसलिए नीतीश कुमार ने इन दोनों मुद्दों पर बीजेपी से अलग रुख अपना रखा है. जिस वजह से बीजेपी के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गयी है तो वहीं विपक्ष को हमला करने का मौका भी मिल गया है.

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