पटना/नई दिल्ली: एनजीटी ने मुजफ्फरपुर के कांटी थर्मल पावर प्लांट से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण संबंधी याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने को लेकर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाई है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को चेतावनी देते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया है. उन्होंने कहा है कि हम चाहें तो बोर्ड के सदस्य सचिव को जेल भेज सकते हैं.
दरअसल, सत्येन्द्र सहनी ने एनजीटी में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया कि कांटी थर्मल पावर प्लांट के प्रदूषण से आस-पास के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. प्रदूषण के कारण मवेशी भी प्रभावित हो रहे हैं. याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने पिछले 16 अप्रैल को मुजफ्फरपुर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्टेटस रिपोर्ट के लिए तलब किया था.
7 अगस्त को देनी थी स्टेटस रिपोर्ट
स्टेटस रिपोर्ट के लिए एनजीटी ने 7 अगस्त की तारीख तय की थी. इस दिन स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी थी. लेकिन, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रिपोर्ट नहीं सौंपी. जिसके बाद एनजीटी ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक और मौका देते हुए 30 सितंबर को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
अगली सुनवाई 3 फरवरी को
बता दें कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं करने पर एनजीटी ने नाराजगी जाहिर की थी. एनजीटी ने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाते हुए कहा कि हम चाहें तो आदेश की अवहेलना करने पर बोर्ड के सदस्य सचिव को जेल भेज सकते हैं, लेकिन हम एक और मौका दे रहे हैं. मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को होगी.