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बिहार में BCL से क्रिकेट की नई पारी की शुरुआत, बोले खेल मंत्री- 'जारी रहेगा ये सिलसिला'

बिहार में आईपीएल की तर्ज पर बीसीएल यानी कि बिहार क्रिकेट लीग का आयोजन किया गया है. बिहार में इस तरीके का बड़ा आयोजन कभी नहीं हुआ. जिस तरीके से आईपीएल में ऑक्शन होते हैं, मैच होते हैं, उसी तरीके से बिहार क्रिकेट लीग में सभी चीजें हो रही है. बिहार क्रिकेट लीग का आगाज भी हो चुका है. पूर्व क्रिकेटर कपिल देव ने इसकी शुरुआत की.

पटना
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Published : Mar 21, 2021, 10:10 PM IST

पटना: बिहार में आईपीएल की तर्ज पर बीसीएल यानी कि बिहार क्रिकेट लीग का आयोजन किया गया है. बिहार में इस तरीके का बड़ा आयोजन कभी नहीं हुआ. जिस तरीके से आईपीएल में ऑक्शन होते हैं, मैच होते हैं, उसी तरीके से बिहार क्रिकेट लीग में सभी चीजें हो रही है. बिहार क्रिकेट लीग का आगाज भी हो चुका है. पूर्व क्रिकेटर कपिल देव ने इसकी शुरुआत की.

ये भी पढ़ें- देश में पहली बार सोमवार से हो रहा संग्रहालय बिनाले, बिहार म्यूजियम करेगा मेजबानी

बीसीएल से बिहार के लोगों में खुशी
इस बड़े आयोजन से बिहार के खिलाड़ियों के साथ-साथ बिहार के लोगों में भी काफी खुशी है कि बिहार में क्रिकेट के प्रति सभी का ध्यान गया है और चीजें सुधर रही है. लेकिन, बिहार में खेल के बारे में अगर बात करें तो देखने को मिला है कि घोषणा हो जाती हैं, कार्य भी होता है, लेकिन फिर उसके बाद सभी चीजें ठप हो जाती है.

खेल मंत्री आलोक रंजन झा EXCLUSIVE

जर्जर स्थिति में मोइन-उल-हक स्टेडियम
जिसका सबसे बड़ा उदाहरण राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित मोइन-उल-हक स्टेडियम है. बिहार का एकमात्र इंटरनेशनल स्टेडियम मोइन-उल-हक है, जिसमें 1996 में विश्वकप के मैच खेले गए थे. 25 हजार दर्शकों के बैठने की भी व्यवस्था थी. लेकिन, आज स्थिति ऐसी जर्जर है कि कोई दर्शक बैठकर मैच नहीं देख सकते है. इन सभी मामले पर जब हमने बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन झा से खास बातचीत की.

''बिहार में काफी बड़ा आयोजन हुआ है. सभी के लिए काफी खुशी की बात है. ये ऐसा आयोजन हुआ है जिसमें 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव भी शामिल हुए और प्रतिदिन एक इंटरनेशनल खिलाड़ी भी शामिल होंगे. जिससे खिलाड़ियों का तो मनोबल बढ़ेगा. साथ ही कई नई चीजें भी सीखने को मिलेगी''- आलोक रंजन झा, मंत्री, कला संस्कृति एवं युवा विभाग

'बिहार में क्रिकेट का नया आगाज'
मंत्री आलोक रंजन झा ने कहा कि बिहार में क्रिकेट के लिए एक नया आगाज हुआ है और ये सिलसिला जारी रहेगा रुकने वाला नहीं है. उन्होंने ये भी माना कि कुछ कमियां बिहार में जरूर है. लेकिन जो भी कमी है उसे बिहार सरकार और कला संस्कृति एवं युवा विभाग दूर करेगा, ताकि खिलाड़ियों को उचित सुविधा मिल सके और बिहार में इस तरीके के बड़े-बड़े आयोजन हो सके.

ये भी पढ़ें- गौरवशाली अतीत को हासिल करने के पथ पर बिहार, अब भी कई चुनौतियां हैं बाकी

'मोइन-उल-हक स्टेडियम का होगा कायाकल्प'
उन्होंने मोइन-उल-हक स्टेडियम की दुर्दशा पर कहा कि सरकार उस पर तेजी से कार्य कर रही है. बहुत जल्द मोइन-उल-हक स्टेडियम का कायाकल्प किया जाएगा. उसे फिर से पहले से भी ज्यादा बेहतर बनाया जाएगा. सरकार लगातार कार्यरत है और हमारा उद्देश्य है कि बिहार के किसी भी खिलाड़ी को कभी सुविधाओं का अभाव नहीं हो और यहां हर उचित सुविधा उपलब्ध हो, ताकि बड़े-बड़े आयोजन यहां हो सके.

'बिहार में खेल विश्वविद्यालय की होगी स्थापना'
वहीं, उन्होंने बताया कि सरकार बिहार में खेल के माहौल को और बेहतर करने के लिए खेल विश्वविद्यालय भी बनाने जा रही है. इसके लिए भी कार्य चल रहा है. हमारा सिर्फ एक ही प्रयास है कि खिलाड़ियों को हर उचित सुविधा मिले ताकि वह बेहतर कर सकें और बिहार का नाम से भारत ही नहीं, बल्कि विश्व में रोशन करें.

पटना: बिहार में आईपीएल की तर्ज पर बीसीएल यानी कि बिहार क्रिकेट लीग का आयोजन किया गया है. बिहार में इस तरीके का बड़ा आयोजन कभी नहीं हुआ. जिस तरीके से आईपीएल में ऑक्शन होते हैं, मैच होते हैं, उसी तरीके से बिहार क्रिकेट लीग में सभी चीजें हो रही है. बिहार क्रिकेट लीग का आगाज भी हो चुका है. पूर्व क्रिकेटर कपिल देव ने इसकी शुरुआत की.

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बीसीएल से बिहार के लोगों में खुशी
इस बड़े आयोजन से बिहार के खिलाड़ियों के साथ-साथ बिहार के लोगों में भी काफी खुशी है कि बिहार में क्रिकेट के प्रति सभी का ध्यान गया है और चीजें सुधर रही है. लेकिन, बिहार में खेल के बारे में अगर बात करें तो देखने को मिला है कि घोषणा हो जाती हैं, कार्य भी होता है, लेकिन फिर उसके बाद सभी चीजें ठप हो जाती है.

खेल मंत्री आलोक रंजन झा EXCLUSIVE

जर्जर स्थिति में मोइन-उल-हक स्टेडियम
जिसका सबसे बड़ा उदाहरण राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित मोइन-उल-हक स्टेडियम है. बिहार का एकमात्र इंटरनेशनल स्टेडियम मोइन-उल-हक है, जिसमें 1996 में विश्वकप के मैच खेले गए थे. 25 हजार दर्शकों के बैठने की भी व्यवस्था थी. लेकिन, आज स्थिति ऐसी जर्जर है कि कोई दर्शक बैठकर मैच नहीं देख सकते है. इन सभी मामले पर जब हमने बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री आलोक रंजन झा से खास बातचीत की.

''बिहार में काफी बड़ा आयोजन हुआ है. सभी के लिए काफी खुशी की बात है. ये ऐसा आयोजन हुआ है जिसमें 1983 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव भी शामिल हुए और प्रतिदिन एक इंटरनेशनल खिलाड़ी भी शामिल होंगे. जिससे खिलाड़ियों का तो मनोबल बढ़ेगा. साथ ही कई नई चीजें भी सीखने को मिलेगी''- आलोक रंजन झा, मंत्री, कला संस्कृति एवं युवा विभाग

'बिहार में क्रिकेट का नया आगाज'
मंत्री आलोक रंजन झा ने कहा कि बिहार में क्रिकेट के लिए एक नया आगाज हुआ है और ये सिलसिला जारी रहेगा रुकने वाला नहीं है. उन्होंने ये भी माना कि कुछ कमियां बिहार में जरूर है. लेकिन जो भी कमी है उसे बिहार सरकार और कला संस्कृति एवं युवा विभाग दूर करेगा, ताकि खिलाड़ियों को उचित सुविधा मिल सके और बिहार में इस तरीके के बड़े-बड़े आयोजन हो सके.

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'मोइन-उल-हक स्टेडियम का होगा कायाकल्प'
उन्होंने मोइन-उल-हक स्टेडियम की दुर्दशा पर कहा कि सरकार उस पर तेजी से कार्य कर रही है. बहुत जल्द मोइन-उल-हक स्टेडियम का कायाकल्प किया जाएगा. उसे फिर से पहले से भी ज्यादा बेहतर बनाया जाएगा. सरकार लगातार कार्यरत है और हमारा उद्देश्य है कि बिहार के किसी भी खिलाड़ी को कभी सुविधाओं का अभाव नहीं हो और यहां हर उचित सुविधा उपलब्ध हो, ताकि बड़े-बड़े आयोजन यहां हो सके.

'बिहार में खेल विश्वविद्यालय की होगी स्थापना'
वहीं, उन्होंने बताया कि सरकार बिहार में खेल के माहौल को और बेहतर करने के लिए खेल विश्वविद्यालय भी बनाने जा रही है. इसके लिए भी कार्य चल रहा है. हमारा सिर्फ एक ही प्रयास है कि खिलाड़ियों को हर उचित सुविधा मिले ताकि वह बेहतर कर सकें और बिहार का नाम से भारत ही नहीं, बल्कि विश्व में रोशन करें.

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