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एजुकेशनल टूर में अब नहीं चलेगी मनमानी, सरकार ने जारी किए ये दिशा निर्देश - सरकारी स्कूल के बच्चों का शैक्षणिक भ्रमण

बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चे अक्सर शैक्षणिक भ्रमण पर जाते हैं. इस दौरान कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं. शैक्षणिक भ्रमण में स्कूलों की मनमानी से परेशान शिक्षा विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके अनुसार ही अब स्कूलों के बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण कराना होगा.

नई गाइडलाइंस की छाया प्रति
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Published : Nov 2, 2019, 1:43 PM IST

पटनाः शिक्षा विभाग ने एजुकेशन टूर को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है. जिसके मुताबिक स्कूली बच्चों का एजुकेशन टूर अब स्कूल से ज्यादा दूर वाले जिलों में नहीं हो पाएगा. नई गाइडलाइंस में बताया गया है कि सरकारी स्कूल के बच्चे उन्हीं जिलों तक घूमने के लिए जाएंगे, जहां पहुंचने में 4 घंटे से ज्यादा का समय ना लगे.

1 दिन का होगा शैक्षणिक भ्रमण
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए गाइडलाइंस में स्पष्ट कहा गया है कि 1 दिन में ही शैक्षणिक भ्रमण को पूरा करना होगा. शैक्षणिक भ्रमण 12 घंटे से ज्यादा कर नहीं होगा. सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक ही भ्रमण चलेगा. किसी भी कीमत पर रात में भ्रमण नहीं करना है.

टूर में दो नोडल शिक्षक जरूर रहेंगे
एजुकेशन टूर के लिए दो नोडल शिक्षक साथ में रहेंगे. इनमें एक पुरुष और एक महिला शिक्षक होंगे. एजुकेशन टूर का निर्धारण कम से कम 1 हफ्ते पहले करना होगा. टूर के दौरान जिन चीजों की जरूरत है उनका बजट विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार बनाना होगा. जिस वाहन से सफर करना है उस वाहन की खिड़कियों के शीशे और सीट अच्छी होनी चाहिए, बस में प्राथमिक उपचार की पूरी तरह सुविधा होनी चाहिए.

टूर के दौरान नोट्स तैयार करेंगे बच्चे
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया कि बस में अग्निशमन यंत्र और पीने के पानी की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. बस में ड्राइवर के अलावा कम से कम एक स्टाफ और होना चाहिए. बच्चों को एजुकेशन टूर की जानकारी कम से कम 3 दिन पहले देनी होगी. जिन बच्चों को एजुकेशन टूर पर ले जाया जाएगा वह टूर के दौरान नोट तैयार करेंगे और अपना अनुभव लिखेंगे. स्कूल में होने वाले चेतना सत्र में बच्चे अपना अनुभव दूसरे बच्चों से शेयर करेंगे.

पटनाः शिक्षा विभाग ने एजुकेशन टूर को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है. जिसके मुताबिक स्कूली बच्चों का एजुकेशन टूर अब स्कूल से ज्यादा दूर वाले जिलों में नहीं हो पाएगा. नई गाइडलाइंस में बताया गया है कि सरकारी स्कूल के बच्चे उन्हीं जिलों तक घूमने के लिए जाएंगे, जहां पहुंचने में 4 घंटे से ज्यादा का समय ना लगे.

1 दिन का होगा शैक्षणिक भ्रमण
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए गाइडलाइंस में स्पष्ट कहा गया है कि 1 दिन में ही शैक्षणिक भ्रमण को पूरा करना होगा. शैक्षणिक भ्रमण 12 घंटे से ज्यादा कर नहीं होगा. सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक ही भ्रमण चलेगा. किसी भी कीमत पर रात में भ्रमण नहीं करना है.

टूर में दो नोडल शिक्षक जरूर रहेंगे
एजुकेशन टूर के लिए दो नोडल शिक्षक साथ में रहेंगे. इनमें एक पुरुष और एक महिला शिक्षक होंगे. एजुकेशन टूर का निर्धारण कम से कम 1 हफ्ते पहले करना होगा. टूर के दौरान जिन चीजों की जरूरत है उनका बजट विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार बनाना होगा. जिस वाहन से सफर करना है उस वाहन की खिड़कियों के शीशे और सीट अच्छी होनी चाहिए, बस में प्राथमिक उपचार की पूरी तरह सुविधा होनी चाहिए.

टूर के दौरान नोट्स तैयार करेंगे बच्चे
गाइडलाइंस में यह भी कहा गया कि बस में अग्निशमन यंत्र और पीने के पानी की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. बस में ड्राइवर के अलावा कम से कम एक स्टाफ और होना चाहिए. बच्चों को एजुकेशन टूर की जानकारी कम से कम 3 दिन पहले देनी होगी. जिन बच्चों को एजुकेशन टूर पर ले जाया जाएगा वह टूर के दौरान नोट तैयार करेंगे और अपना अनुभव लिखेंगे. स्कूल में होने वाले चेतना सत्र में बच्चे अपना अनुभव दूसरे बच्चों से शेयर करेंगे.

Intro:बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चे अक्सर शैक्षणिक भ्रमण पर जाते हैं इस दौरान कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। शैक्षणिक भ्रमण में स्कूलों की मनमानी से परेशान शिक्षा विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनके तहत अब स्कूलों को बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण कराना होगा।



Body:शिक्षा विभाग ने जो नई गाइडलाइंस जारी की है उनके मुताबिक स्कूली बच्चों का एजुकेशन टूर अब अपने स्कूल से ज्यादा दूर वाले जिलों में नहीं हो पाएगा। अगर पटना का कोई सरकारी स्कूल है तो स्कूली बच्चे उन्हें जिलों तक जा पाएंगे जहां पहुंचने में 4 घंटे से ज्यादा का समय ना लगे।
बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए गाइडलाइंस में स्पष्ट किया गया है कि 1 दिन में ही शैक्षणिक भ्रमण को पूरा करना होगा। शैक्षणिक भ्रमण 12 घंटे से ज्यादा कर नहीं होगा। सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक ही भ्रमण चलेगा। किसी भी कीमत पर रात में भ्रमण नहीं करना है।
एजुकेशन टूर के लिए दो नोडल शिक्षक साथ में रहेंगे। इनमें एक पुरुष और एक महिला शिक्षक होंगे। एजुकेशन टूर का निर्धारण कम से कम 1 हफ्ते पहले करना होगा। टूर के दौरान जिन चीजों की जरूरत है उनका बजट विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार बनाना होगा। जिस वाहन से सफर करना है उस वाहन की खिड़कियों के शीशे और सीट अच्छी होनी चाहिए, बस में प्राथमिक उपचार की पूरी तरह सुविधा होनी चाहिए और अग्निशमन यंत्र और पीने के पानी की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। बस में ड्राइवर के अलावा कम से कम एक स्टाफ और होना चाहिए।
बच्चों को एजुकेशन टूर की जानकारी कम से कम 3 दिन पहले देनी होगी। जिन बच्चों को एजुकेशन टूर पर ले जाया जाएगा वह टूर के दौरान नोट तैयार करेंगे और अपना अनुभव लिखेंगे। स्कूल में होने वाले चेतना सत्र में अपने अनुभव बच्चे दूसरे बच्चों से शेयर करेंगे।


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