पटना: बिहार सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई दावे करती है. पिछले 5 वर्षों में राज्य के सभी जिलों में अस्पताल भवन निर्माण के नाम पर अरबों रुपए खर्च किए गए हैं. लेकिन भवनों के स्थिति को देख स्वास्थ्य महकमा की उदासीनता और लापरवाही साफ झलकती है.
राजधानी पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में पिछले कई वर्षों से यह भवन उद्घाटन की बाट जोह रहा है. इस भवन के निर्माण में करीब 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. लेकिन जिस भवन में दांत और त्वचा के मरीजों का इलाज होना था, वो कबाड़खाना में तब्दील हो गया है.
दांत और त्वचा रोगी का होता इलाज
बता दें कि 4 मंजिला इस भवन में सिर्फ दांत और त्वचा के मरीजों का इलाज होना था. लक्ष्य रखा गया था कि करीब 500 मरीज का इलाजा यहां रोज हो सकेगा. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण ये लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.
स्वास्थ्य मंत्री को उद्घाटन करने की फुरसत नहीं
इस अस्पताल भवन में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बैठने के साथ ही तमाम मशीनरी संसाधनों की खरीद भी हो चुकी है. सभी रूम में एसी, पंखे और बल्ब तक लगे हुए हैं. लेकिन आज तक स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को फुर्सत नहीं हुई कि इस भवन का उद्घाटन कर आम जनता के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जा सके.
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इलाज शरू होने से मरीजों को मिलती राहत
हालांकि गर्दनीबाग अस्पताल के प्रशासन और कर्मी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. लेकिन माना जा रहा है कि अगर इस भवन में इलाज शुरू हो जाता तो मरीजों को बड़ी राहत होती.
दवाईयां हो रही है खराब
बता दें कि इस भवन का उद्घाटन नहीं होने की वजह से यहां पर रखी हुई दवाईयां खराब हो रही है. दर्जनों व्हीलचेयर, गैस सिलेंडर और अन्य सामग्रियां इस्तेमाल नहीं होने की वजह से खराब हो रही है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग इन सभी चीजों से अनजान बना हुआ है.