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5 करोड़ की लागत से बना गर्दनीबाग अस्पताल का नया भवन बना कबाड़खाना - mangal pamdey health minister

गर्दनीबाग अस्पताल में करीब 5 करोड़ रुपये की लागत से बने नए भवन का उद्घाटन नहीं हो पाया है. ये भवन अब कबाड़खाना बनता जा रहा है. यह भवन उद्घाटन की बाट जोह रहा है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पास उद्घाटन करने का फुर्सत ही नही है.

new building of gardanibagh hospital become junkyard
new building of gardanibagh hospital become junkyard
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Published : Feb 7, 2021, 7:28 PM IST

Updated : Feb 7, 2021, 10:43 PM IST

पटना: बिहार सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई दावे करती है. पिछले 5 वर्षों में राज्य के सभी जिलों में अस्पताल भवन निर्माण के नाम पर अरबों रुपए खर्च किए गए हैं. लेकिन भवनों के स्थिति को देख स्वास्थ्य महकमा की उदासीनता और लापरवाही साफ झलकती है.

new building of gardanibagh hospital become junkyard
दांत और त्वचा का होना था इलाज

राजधानी पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में पिछले कई वर्षों से यह भवन उद्घाटन की बाट जोह रहा है. इस भवन के निर्माण में करीब 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. लेकिन जिस भवन में दांत और त्वचा के मरीजों का इलाज होना था, वो कबाड़खाना में तब्दील हो गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दांत और त्वचा रोगी का होता इलाज
बता दें कि 4 मंजिला इस भवन में सिर्फ दांत और त्वचा के मरीजों का इलाज होना था. लक्ष्य रखा गया था कि करीब 500 मरीज का इलाजा यहां रोज हो सकेगा. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण ये लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.

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बर्बाद हो रहे उपकरण

स्वास्थ्य मंत्री को उद्घाटन करने की फुरसत नहीं
इस अस्पताल भवन में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बैठने के साथ ही तमाम मशीनरी संसाधनों की खरीद भी हो चुकी है. सभी रूम में एसी, पंखे और बल्ब तक लगे हुए हैं. लेकिन आज तक स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को फुर्सत नहीं हुई कि इस भवन का उद्घाटन कर आम जनता के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जा सके.

new building of gardanibagh hospital become junkyard
बेकार हो रहे व्हील चेयर

ये भी पढ़ें- बिहार में बन रहे इंटरनेशनल स्तर के दो क्रिकेट स्टेडियम, हो सकेंगे बड़े मैच: मंगल पांडेय

इलाज शरू होने से मरीजों को मिलती राहत
हालांकि गर्दनीबाग अस्पताल के प्रशासन और कर्मी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. लेकिन माना जा रहा है कि अगर इस भवन में इलाज शुरू हो जाता तो मरीजों को बड़ी राहत होती.

new building of gardanibagh hospital become junkyard
ऐसे होती है पैसों की बर्बादी

दवाईयां हो रही है खराब
बता दें कि इस भवन का उद्घाटन नहीं होने की वजह से यहां पर रखी हुई दवाईयां खराब हो रही है. दर्जनों व्हीलचेयर, गैस सिलेंडर और अन्य सामग्रियां इस्तेमाल नहीं होने की वजह से खराब हो रही है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग इन सभी चीजों से अनजान बना हुआ है.

पटना: बिहार सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई दावे करती है. पिछले 5 वर्षों में राज्य के सभी जिलों में अस्पताल भवन निर्माण के नाम पर अरबों रुपए खर्च किए गए हैं. लेकिन भवनों के स्थिति को देख स्वास्थ्य महकमा की उदासीनता और लापरवाही साफ झलकती है.

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दांत और त्वचा का होना था इलाज

राजधानी पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में पिछले कई वर्षों से यह भवन उद्घाटन की बाट जोह रहा है. इस भवन के निर्माण में करीब 5 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. लेकिन जिस भवन में दांत और त्वचा के मरीजों का इलाज होना था, वो कबाड़खाना में तब्दील हो गया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दांत और त्वचा रोगी का होता इलाज
बता दें कि 4 मंजिला इस भवन में सिर्फ दांत और त्वचा के मरीजों का इलाज होना था. लक्ष्य रखा गया था कि करीब 500 मरीज का इलाजा यहां रोज हो सकेगा. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण ये लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.

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बर्बाद हो रहे उपकरण

स्वास्थ्य मंत्री को उद्घाटन करने की फुरसत नहीं
इस अस्पताल भवन में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के बैठने के साथ ही तमाम मशीनरी संसाधनों की खरीद भी हो चुकी है. सभी रूम में एसी, पंखे और बल्ब तक लगे हुए हैं. लेकिन आज तक स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को फुर्सत नहीं हुई कि इस भवन का उद्घाटन कर आम जनता के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जा सके.

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बेकार हो रहे व्हील चेयर

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इलाज शरू होने से मरीजों को मिलती राहत
हालांकि गर्दनीबाग अस्पताल के प्रशासन और कर्मी इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं. लेकिन माना जा रहा है कि अगर इस भवन में इलाज शुरू हो जाता तो मरीजों को बड़ी राहत होती.

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ऐसे होती है पैसों की बर्बादी

दवाईयां हो रही है खराब
बता दें कि इस भवन का उद्घाटन नहीं होने की वजह से यहां पर रखी हुई दवाईयां खराब हो रही है. दर्जनों व्हीलचेयर, गैस सिलेंडर और अन्य सामग्रियां इस्तेमाल नहीं होने की वजह से खराब हो रही है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग इन सभी चीजों से अनजान बना हुआ है.

Last Updated : Feb 7, 2021, 10:43 PM IST
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