पटनाः दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में महाराष्ट्र सरकार, पुलिस और सामना अखबार के रवैये से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. अभिनेता के परिजनों का आरोप है कि वहां की पुलिस और सरकार सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि मामले में गवाहों को भी धमकाया जा रहा है.
सुशांत सिंह मामले की सच्चाई
सुशांत के परिजन और बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि हमें इस बात का संदेह है कि वहां सबूतों को नष्ट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गवाहों को डराया-धमकाया जा रहा है. विधायक ने कहा कि मेरी मांग है कि वहां गवाहों को सरकार सुरक्षा दे ताकि सुशांत सिंह मामले में सच्चाई सामने आ पाए.
'क्यों हो रही घबराहट ?'
बीजेपी विधायक ने कहा कि सामना एक प्रतिष्ठत अखबार है, लेकिन इस मामले में वो पार्टी का एजेंडा चला रही है. जिससे उसकी छवि धूमिल हो रही है. उन्होंने कहा कि कुछ सफेदपोश सीबीआई जांच को लेकर लोग घबराहट में हैं. नीरज कुमार बबलू ने कहा कि अगर वे लोग दोषी नहीं है तो उन्हें घबराहट क्यों हो रही है?
शिवसेना का मुखपत्र
नीरज कुमार बबलू ने कहा कि पूरा देश चाहता है कि सीबीआई जांच हो. उन्होंने कहा कि तभी एक्टर के आत्महत्या मामले की सच्चाई सामने आएगी. बता दें कि सामना शिवसेना का मुखपत्र है और सांसद संजय राउत इसके संपादक हैं.
'सुशांत और उनके पिता के रिश्तों पर टिप्पणी'
संजय राउत ने अखबार के एक कॉलम में सुशांत और उनके पिता के रिश्तों में खटास को लेकर लिखा था. उन्होंने इसमें अभिनेता के पिता की दूसरी शादी का भी जिक्र किया था. इसके बाद से कई राजनीतिक दल के नेताओं ने इसपर आपत्ति जताई थी.