पटना: कोरोना महामारी का शैक्षणिक व्यवस्था पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है. इसे फिर से सुचारू रूप से जारी रखने के लिए एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी बदलाव करने की जरूरत है. ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन एजुकेशन और डिजिटल एजुकेशन पर ध्यान देने की बात कही जा रही है.
पटना विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा ने कहा कि कोरोना ने पूरे एजुकेशन सिस्टम को पूरी तरह से अव्यवस्थित कर दिया है. अभी तक जो हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर थे, जो हमारे पढ़ाने के पैटर्न थे, पढ़ाने का ढंग था और जो क्लासरूम का एजुकेशन सिस्टम था. उन सब पर पुनर्विचार की जा रही है. अब हमें क्लासरूम एजुकेशन से डिजिटल एजुकेशन की तरफ शिफ्ट करना पड़ेगा.
'सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुरू होगा क्लास'
इसके अलावे कर्नल मनोज मिश्रा ने कहा कि यदि क्लासरूम एजुकेशन शुरू होगा तो वो अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होगा. पहले जहां बच्चे साथ-साथ बैठा करते थे और फॉर्मल एजुकेशन के साथ कुछ इनफॉर्मल वार्तालाप भी होते थे, चर्चाएं होती थी, शायद अब वह सब ना हो पाए. उन्होंने कहा कि क्लास में बच्चे कम होंगे और हो सकता है कि दो या तीन शिफ्ट में कॉलेज में क्लासेज चलाए जाने की जरूरत पड़े.
'एजुकेशन पैटर्न में चेंज की संभावना'
रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण एजुकेशन पैटर्न में चेंज की संभावना है. वहीं, डिजिटल एजुकेशन के लिए टीचर्स और प्रोफेसर्स को डिजिटली ट्रेंड करने की भी जरूरत पड़ेगी. अभी के शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाने में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि वो चॉक एंड डस्टर से थोड़े कंफर्टेबल रहे हैं.