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अतिपिछड़ा और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित : सुशील मोदी

बोचहां विधानसभा उपचुनाव में हार और 24 एमएलसी सीटों के चुनाव पर संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पाने को लेकर बिहार बीजेपी में बेचैनी बढ़ गई है. बिहार बीजेपी के नेता लगातार ये कह रहे हैं कि हार की समीक्षा (NDA to review its defeat) की जाएगी. ये जानने की कोशिश की जाएगी कि जनादेश किन कारणों से खिसका है. अतिपिछड़ा और सवर्ण समाज के एक खास वर्ग क्यों बीजेपी से छिटका है? बीजेपी से राज्यसभा सांसद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इसी मसले पर ट्वीट कर आईना दिखाने का काम किया है. पढ़ें पूरी खबर-

NDA to review its defeat
NDA to review its defeat
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Published : Apr 22, 2022, 7:48 AM IST

Updated : Apr 22, 2022, 11:43 AM IST

पटना : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील (Rajya Sabha MP Sushil Modi) कुमार मोदी ने गुरुवार को इशारों ही इशारों में अपनी ही पार्टी को आईना दिखाया है. उन्होंने कहा कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों (Bihar MLC Election 2022) पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा के बोचहां उपचुनाव (Bochaha by election) में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है. उन्होंने कहा कि एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियां दूर की जा सकें.

ये भी पढ़ें- सुशील मोदी का दावा- केंद्रीय कर के रूप में बिहार को 91 हजार करोड़ से अधिक की राशि मिली

'सवर्ण वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था, मंथन करेंगे' : मोदी ने कहा कि बोचहां विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए के विधायकों, मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था. पूरी ताकत लगायी गई थी. सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की. इसके बावजूद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था. इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा.

  • वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था।
    गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था' : 'वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था. गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था.'- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

  • बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा के बोचहा उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है।
    एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियांँ दूर की जा सकें।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'तालमेल की समीक्षा होनी चाहिए' : भाजपा नेता ने कहा कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की बोचहा सीट पर उपचुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें.

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पटना : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील (Rajya Sabha MP Sushil Modi) कुमार मोदी ने गुरुवार को इशारों ही इशारों में अपनी ही पार्टी को आईना दिखाया है. उन्होंने कहा कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों (Bihar MLC Election 2022) पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा के बोचहां उपचुनाव (Bochaha by election) में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है. उन्होंने कहा कि एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियां दूर की जा सकें.

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'सवर्ण वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था, मंथन करेंगे' : मोदी ने कहा कि बोचहां विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए के विधायकों, मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था. पूरी ताकत लगायी गई थी. सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की. इसके बावजूद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था. इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा.

  • वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था।
    गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था।

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'हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था' : 'वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था. गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था.'- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद

  • बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा के बोचहा उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है।
    एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियांँ दूर की जा सकें।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) April 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'तालमेल की समीक्षा होनी चाहिए' : भाजपा नेता ने कहा कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की बोचहा सीट पर उपचुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें.

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Last Updated : Apr 22, 2022, 11:43 AM IST
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