पटना: लोकतंत्र में भीड़ तंत्र चुनावी राजनीति का हिस्सा है राजनीतिक दल चुनाव से पहले बड़ी रैली कर यह संदेश देने की कोशिश करते हैं कि हमारी ताकत ज्यादा है मिशन 2019 से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में बड़ी रैली कर विरोधियों को अपनी ताकत का एहसास कराया.
रैली से सत्ता परिवर्तन
27 अक्टूबर 2013 को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुंकार रैली हुई थी, और उस दौरान सीरियल ब्लास्ट भी हुए थे, हुंकार रैली में बड़ी तादाद में लोग आए थे, और रैली के बाद ही लोगों को सत्ता परिवर्तन के संकेत मिलने लगे थे.
यूपीए की रैली से बड़ी संकल्प रैली
2019 चुनाव की घोषणा से पहले कांग्रेस पार्टी ने भी रैली किया लंबे समय के बाद रैली में जुटी भी कांग्रेस के लिए उत्साहवर्धन करने वाला था कांग्रेस की रैली के ठीक 1 महीने बाद यूपीए ने भी रैली का आयोजन किया राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नेताओं द्वारा दावे किए जा रहे थे कि अब तक की सबसे बड़ी रैली संकल्प रैली साबित होने वाली है.
हुंकार रैली में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ा था लेकिन इस बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की रैली ने हुंकार रैली के रिकॉर्ड को तोड़ दिया और संकल्प रैली ने भीड़ के मायने में हूंकार रैली को पीछे छोड़ दिया.