पटना: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरएस लेकर जेडीयू का दामन थामा था, लेकिन कहीं ना कहीं वह दोबारा खुद ठगा महसूस कर रहे हैं. वीआरएस लेने के बाद उम्मीद जता रहे थे कि बक्सर या शाहपुर सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन पार्टी की तरफ से उन्हें टिकट नहीं दिया गया.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस लेने के बाद सबसे बड़ी गलती जदयू ज्वाइन करके की थी. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का डीजीपी के पद पर 5 महीने का कार्यकाल बचा था. एनडीए के दोनों घटक दल बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर गुप्तेश्वर पांडे को धोखा देने का काम किया है. इस बात का आभास पहले से हम लोगों को था.
गुप्तेश्वर पांडेय की नौकरी के 5 महीने बचे थे, वो कुर्सी त्याग कर आए थे, लेकिन उन्हें धोखा देने का काम किया गया है. ऐसा कोई सगा नहीं जिसे NDA ने ठगा नहीं
-मृत्युंजय तिवारी , प्रवक्ता, आरजेडी
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के साथ हुआ धोखा
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तंज कसते हुए कहा कि जेडीयू पार्टी मतलबी है. पहले जनता का उत्पीड़न होता था लेकिन अब नेताओं का ही उत्पीड़न किया जा रहा है. मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आरजेडी में कार्यकर्ताओं और नेताओं की फौज है. यह निर्णय पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को लेना है कि धोखा खाने के बाद वह अब किस दल का रुख करते हैं. एनडीए की नीयत में खोट है. राजग लोगों को प्रलोभन देकर पार्टी में लाती है. उसके बाद उन्हें फंसा कर छोड़ देती है.
सुशांत सिंह केस में चर्चा में थे पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय
सुशांत सिंह मामले को लेकर पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे चर्चा में बने रहे, कयास लगाए जाने लगे कि जेडीयू में शामिल होने के बाद उन्हें टिकट मिलना तय है. लेकिन, इस उलटफेर के बाद गुप्तेश्वर पांडेय की हालत 'माया मिली न राम' वाली हो गई है.