पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए महागठबंधन के घटक दल हर दांव आजमा रहे हैं. शराबबंदी कानून को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने शराबबंदी कानून की समीक्षा की बात कह कर नई बहस छेड़ दी है.
...तो शराबबंदी कानून की होगी समीक्षा
शराबबंदी कानून को लेकर बिहार में बहस शुरू हो गई है. महागठबंधन नेता लगातार शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने घोषणा पत्र में कहा है कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी तो सरकार कानून की समीक्षा करेगी. जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पार्टी की सोच पर सवाल खड़े किए हैं.
'कांग्रेस शराब के ठेकेदार'
एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि शराबबंदी बिहार में पूरी तरह फेल है. होम डिलीवरी की जा रही है. संगठित व्यवसाय गैर कानूनी तौर पर चल रहे हैं. गरीबों को सताया जा रहा है और समर्थवान बच जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारी सरकार बने तो इस कानून की समीक्षा की जाएगी.
शराबबंदी से सामाजिक परिवर्तन- बीजेपी
भाजपा प्रवक्ता डॉ. राम सागर जी महाराज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राजनीतिक रोटियां सेक रही हैं. बिहार के लोगों से उसे लेना-देना नहीं है. कांग्रेस पार्टी दलालों और धंधेबाजो के साथ है, जबकि शराबबंदी से बिहार में सामाजिक परिवर्तन हुए हैं.