पटना: शारदीय नवरात्रि का समापन कल देर रात मां दुर्गा की विदाई के साथ संपन्न हुआ. इस दौरान राजधानी पटना के मारूफगंज स्थित बड़ी देवी जी और महारजगंज स्थित छोटी देवी जी का भी विधि-विधान से विसर्जन किया गया. विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं ने सदियों से चली आ रही परंपरा दो बहनों का खोइच्छा मिलन व आरती पटना सिटी स्थित अशोक राजपथ पर किया. इनकी अंतिम झलक पाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे और घंटो माता का इंतजार किया.
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खोइछा मिलन की क्या है मान्यता: कहा जाता है कि मारूफगंज स्थित बड़ी देवी बड़ी बहन हैं जबकि महाराजगंज देवी छोटी बहन हैं. विजयदशमी के दिन पटनासिटी के बेलवरगंज में मारूफगंज देवी और महाराजगंज देवी का खोइछा मिलन होता है, यहां पर दोनों देवियां जुटती हैं. उनके खोइछा की अदला-बदली होती है. यह दृश्य अत्यंत ही अलौकिक होता है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. कहा जाता है कि यह दृश्य देखना सबके सौभाग्य में नहीं होता, जो लोग इस दृश्य को देख पाते हैं वह अपने आप को बहुत ही सौभाग्यशाली मानते हैं.
लाखों की संख्या में जुटती है भीड़: गौरतलब है कि मारूफगंज बड़ी देवी जी और महाराजगंज बड़ी देवी जी का खोइच्छा मिलन व आरती, सेवा समिति की आठवीं पीढ़ी कर ही है. इस विहंगम नजारा को देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और माता के मिलन का यादगार पल अपने कमरे में कैद करते हैं ताकि एक वर्ष बाद फिर यह यादगार पल देखने को मिले. आयोजन समिति की ओर से बड़ी देवी जी मारूफगंज एवं महाराजगंज छोटी देवी जी का खोइछा मिलन देख श्रद्धालुओं का दिल भावुक और आंखे नम हो जाती हैं.