पटना: भारत युवाओं का देश है और देश के विकास में युवाओं का योगदान अहम होता है. ऐसे में युवाओं को प्रोत्साहित करने और उनमें समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के लिए भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय युवा पुरस्कार हर साल दिया जाता है. बीते दो-तीन वर्षों से यह कोरोना के कारण बंद था लेकिन साल 2023 से इसे एक बार फिर से शुरू किया जा रहा है. कर्नाटक के हुबली में 12 से 16 जनवरी तक चलने वाले राष्ट्रीय युवा महोत्सव में सामाजिक क्षेत्रों में बेहतर करने वाले युवाओं को व्यक्तिगत कोटि और सामूहिक कोटि में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा. (national youth award to Arunesh Kumar) (national youth festival in karnataka)
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पटना के अरुणेश कुमार को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार: राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इसी महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों में सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली युवाओं को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा. बिहार से साल 2015 के बाद पहली बार राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए चयन हुआ है. साल 2019-20 में उत्कृष्ट सामाजिक कार्य के लिए पटना के आदित्य पुरी के रहने वाले अरुणेश कुमार का व्यक्तिगत कोटि में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए चयन किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार व्यक्तिगत कोटि में कुल 19 युवाओं को पूरे देश भर से राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है जिसमें बिहार से इकलौते अरुणेश कुमार हैं जो 24 वर्ष के हैं. अरुणेश ने रूरल डेवलपमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की है और वर्तमान में पटना ट्रेनिंग कॉलेज से b.ed कर रहे हैं.
कर्नाटक में मिलेगा सम्मान: अरुणेश को यह पुरस्कार कोरोना संक्रमण के पहले लहर के दौरान लॉकडाउन के समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर अधिक से अधिक लोगों को मदद पहुंचाने, रक्तदान के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने, पर्यावरण और वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में किए गए सामाजिक कार्य और एनिमल केयर क्षेत्र में किए गए उनके कार्यों को लेकर भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की ओर से दिया जा रहा है. राष्ट्रीय युवा महोत्सव में 11 जनवरी से 16 जनवरी तक राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए चयनित सभी युवाओं को उपस्थित रहना है और इसके लिए उन्हें कर्नाटक के हुबली में आमंत्रित किया गया है. युवा मंत्रालय की ओर से दिन तय किया जाएगा कि राष्ट्रीय युवा महोत्सव के दौरान किस दिन सभी युवाओं को सम्मानित किया जाएगा.
"मैंने कोरोना के समय लोगों की काफी मदद की. जब भी किसी को ब्लड की जरूरत होती है हमारी संस्था उसकी मदद करती है. बिहार में सामाजिक कार्य करने वालों की कमी नहीं है लेकिन राष्ट्रीय फलक पर बिहार के लोगों का प्रतिनिधित्व कम इसलिए होता है क्योंकि जब राष्ट्रीय फलक पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट करने वाले लोगों के प्रोफाइल मांगे जाते हैं तो यहां की अधिकारी उसे जल्दी क्लीयरेंस नहीं करते हैं और हस्ताक्षर नहीं करते."- अरुणेश कुमार, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित
बिहार को राष्ट्रीय फलक पर उचित प्रतिनिधित्व के लिए अपील: अरुणेश ने ईटीवी भारत के माध्यम से प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों से विनम्र आग्रह करते हुए कहा कि जब भी राष्ट्रीय पुरस्कार की बात आए तो आप वैसे बच्चे जो आपके पास अनुशंसा के लिए आते हैं, अटेस्टेड कराने आते हैं या डॉक्यूमेंटेशन से जुड़ी अन्य कार्यों के लिए आते हैं तो कृपया कर उन्हें मदद जरूर करें. ताकि बिहार को राष्ट्रीय फलक पर उचित प्रतिनिधित्व मिले. वहीं प्रदेश के युवा अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए कार्य करें लेकिन साथ साथ समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को भी समझे. जहां आपको लगे कि समाज को आपकी जरूरत है वहां पर अपना योगदान जरूर दें.
2014 से ही सामाजिक कार्य से जुड़े हैं अरुणेश: ईटीवी भारत से खास बातचीत में अरुणेश कुमार ने कहा कि वह साल 2014 से ही सामाजिक कार्य से जुड़े हुए हैं और परिवार का भी इसमें उन्हें पूरा सहयोग मिला है. अरुणेश ने बताया कि उनकी स्कूली शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर में हुई है और उन्हें बचपन से ही समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारियों का ज्ञान दिया गया है. यही कारण है कि 2014 में जब उन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा दे दी उसके बाद खाली समय में उन्हें सोशल वर्क करने का मन किया. उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने ठंड के मौसम में गरीबों के बीच कंबल और गर्म कपड़े बांटकर सामाजिक कार्यों की शुरुआत की. फिर धीरे-धीरे अन्य सामाजिक कार्यों में वह जुड़ गए.
"सोशल मीडिया का उपयोग कर लोगों की मदद करना शुरू किया जैसे किसी को रक्त की आवश्यकता है तो उसके लिए रक्तदान करवाना. 18 वर्ष की आयु के पहले से रक्तदान के अभियान में जुड़ा हूं. 18 वर्ष पूरे होते ही अपना पहला रक्तदान किया और अब तक 24 वर्ष की आयु तक 19 बार रक्तदान कर चुका हूं. जिस दिन सुबह राष्ट्रीय युवा पुरस्कार के लिए चयनित होने का मंत्रालय से मेल प्राप्त हुआ उसके ठीक एक रोज पहले शाम में एक जरूरतमंद को पटना एम्स में जाकर रक्तदान करके रक्त उपलब्ध करवाया था. उसने पूरे मन से ढेरों दुआएं दी थी."- अरुणेश कुमार, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित
'ब्लड सेवा परिवार करता है जरूरतमंदों की मदद': अरुणेश कुमार ने कहा कि साल 2019 में उन्होंने ट्विटर पर ब्लड सेवा परिवार बनाया. इसके माध्यम से उन्होंने जरूरतमंद लोगों को ब्लड उपलब्ध कराना शुरू किया. इस प्लेटफार्म के माध्यम से वह जरूरतमंद लोगों को जरूरी दवाइयां भी उपलब्ध कराते थे. इसी बीच साल 2020 की शुरुआत में कोरोना आ गया और पहली बार लॉकडाउन लागू हुआ जिससे समाज में एक अलग सी स्थिति पैदा हो गयी. उस समय वह दिल्ली में थे और एक कमरे में वह भी बंद थे. कई लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए और खाने-पीने की आफत आ गई. ऐसे में विभिन्न सरकारी और सामाजिक क्षेत्रों के नंबरों को इकट्ठा करके एक बंद कमरे से कोआर्डिनेशन का काम शुरू किया है. जिन लोगों को राशन पानी और दवाई की.
सुझावों को PMO ने माना महत्वपूर्ण: अरुणेश ने बताया कि लॉकडाउन में ढील मिलते वह पटना पहुंचे और फिर पटना में उन्होंने कोरोना मरीजों तक जरूरत का सामान पहुंचाया. जिनके घरों में लोगों की कोरोना से जान गई उनके अंतिम संस्कार करवाने में भी मदद की. इसमें मेरे साथ साथ और बहुत से लोग जुड़े थे जो सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं. इसके अलावा पर्यावरण से भी मुझे काफी प्रेम है. वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर भारत सरकार की स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से एक सर्टिफिकेट कोर्स भी किया है. वह विभिन्न सामाजिक बिंदुओं पर पीएमओ से सीधा संवाद करते हैं. जो शिकायत रहती है वह शिकायत भी करते हैं और जो कुछ सुझाव देने रहते हैं वह सुझाव भी देते हैं. दर्जनों बार उनके सुझावों पर पीएमओ से उन्हें पत्र भी आया है कि उनके सुझाव काफी महत्वपूर्ण है.
सुझावों पर आगे काम करने का आश्वासन: अरुणेश ने बताया कि हरित कौशल विकास कार्यक्रम जिसके लिए सरकार का 80 करोड़ का बजट है, वह सही से काम नहीं कर रहा था. इसके लिए सरकार ने सुझाव मांगे थे और इस पर उन्होंने जो 15 सुझाव भेजे उस के संदर्भ में उन्हें पत्र प्राप्त हुआ कि आने वाले दिनों में विचार करके हरित कौशल विकास कार्यक्रम में इसे समाहित करने का प्रयास किया जाएगा. अरुणेश ने बताया कि इसके अलावा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पीएमओ को जो सुझाव भरे पत्र लिखे थे. इस पर पीएमओ से उन्हें पत्र आया कि उनके सुझाव को नोट किया गया है और उनके सुझाव महत्वपूर्ण है जिस पर आगे काम किया जाएगा.