पटना: बिहार विधानमंडल ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) लागू करने वाला देश का पहला विधानमंडल बना. इसके बाद इसे पूरी तरह पेपरलेस करने की तैयारी जोरों पर चल रही है. हालांकि, इसके लिए सबसे पहले तमाम सदस्यों को जागरूक और तैयार किया जा रहा है.
बिहार विधान परिषद की अगर बात करें, तो पिछले बजट सत्र में बड़ी संख्या में सदस्यों ने अपने सवाल ऑनलाइन भेजे और उसका फीडबैक भी उन्हें ऑनलाइन ही दिया गया. ईटीवी भारत से खास बातचीत में बिहार विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारून रशीद ने बताया कि बजट सत्र में नेशनल ई-विधान यानी नेवा का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया. परिषद के सदस्यों ने इसमें विशेष रुचि भी दिखाई है. ऐसे 14 सदस्य रहे, जिन्होंने नेवा सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए 72 तारांकित प्रश्न सचिवालय को भेजे.
विधानमंडल में ऑनलाइन सवाल-जवाब
वहीं, बिहार सरकार के लगभग सभी विभागों ने इस ऑनलाइन सिस्टम पर सकारात्मक रवैया दिखाया और 196 तारांकित प्रश्नों का ऑनलाइन उत्तर दिया गया. कार्यकारी सभापति ने बताया कि बजट सत्र में सभी ध्यानाकर्षण नेवा के माध्यम से ऑनलाइन भेजे गए, जो काफी उत्साहवर्धक रहा है. अगले सत्र में भी अल्प सूचित प्रश्न, तारांकित प्रश्न, ध्यानाकर्षण और निवेदन सहित सदस्यों से प्रार्थना सूचनाएं भी नेवा के माध्यम से विभाग को भेजी जाएंगी और उनका ऑनलाइन उत्तर प्राप्त किया जाएगा.
पेपरलेस होगा बिहार विधानमंडल
झारखंड में विधानसभा का नया भवन बना है, जहां सभी सदस्यों को उनकी टेबल पर ही एलईडी स्क्रीन के जरिए ऑनलाइन प्रश्न देखने और उनका उत्तर प्राप्त करने की सुविधा दी गई है. लेकिन बिहार विधान परिषद में जगह की कमी होने के कारण इसे लागू करने में परेशानी हो रही है. फिर भी सभी सदस्यों को पहले जागरूक किया जा रहा है और उसके बाद पूरे विधान मंडल भवन को ऑनलाइन कर दिया जाएगा. यानी बिहार विधानमंडल भी आने वाले समय में पूरी तरह पेपर लेस हो जाएगा.