पटना: बिहार समेत देशभर के करीब एक लाख 23 हजार स्कूलों में आज नेशनल अचीवमेंट सर्वे ( National Achievement Survey ) कराया गया है. इसके जरिए बच्चों का लर्निंग आउटपुट और शिक्षक और प्रिंसिपल के पढ़ाने के तौर तरीकों के बारे में भी पूरी जानकारी मिल पाएगी. वहीं, स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं का भी आकलन होगा. सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा में सुधार के प्रयास केंद्र सरकार की ओर से किए जाएंगे. पटना के एक स्कूल ( School ) में अचीवमेंट सर्वे में शामिल ऑब्जर्वर से पटना के संवाददाता ने बात की.
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पटना के दयानंद हाई स्कूल में नेशनल अचीवमेंट सर्वे के लिए प्रतिनियुक्त ऑब्जर्वर विनीता यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि केंद्र सरकार ने स्कूली बच्चों के शिक्षा का स्तर जांचने के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण का आयोजन किया है. क्लास 3, 5, 8 और 10 के बच्चों का लर्निंग लेवल जांचने के लिए जिम्मेदारी सीबीएसई (CBSE) को दी गई थी. दयानंद हाई स्कूल में कक्षा 10 के बच्चों का सैंपल सर्वे लिया गया है. उन्होंने बताया कि बच्चों के साथ शिक्षकों और प्रधानाध्यापक का भी असेसमेंट किया गया. इसके अलावा स्कूल में उपलब्ध संसाधनों की भी पूरी जानकारी इस रिपोर्ट के जरिए केंद्र सरकार को मिलेगी.
बता दें कि नेशनल अचीवमेंट सर्वे यानी राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में इस वर्ष 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 733 जिलों में 1.23 लाख स्कूल भाग ले रहे हैं. एनसीईआरटी ने छात्रों के सीखने के परिणाम और उनकी क्षमता का आकलन करने के लिए एक असेसमेंट स्ट्रक्चर तैयार किया है. नेशनल लेवल पर इस सर्वे की जिम्मेदारी सीबीएसई को दी गई है. इस सर्वेक्षण के जरिए छात्रों के सीखने के नतीजे के आधार पर राष्ट्रीय मानक तय करने में आसानी होगी.
नेशनल अचीवमेंट सर्वे में भाग लेने वाले दयानंद हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक सत्येंद्र नारायण सिंह ने बताया कि इस सर्वे के जरिए ना सिर्फ बच्चों के बारे में बल्कि शिक्षकों और प्रधानाध्यापक के टीचिंग एबिलिटी की भी जांच की गई है. इसके अलावा स्कूल में उपलब्ध संसाधनों के बारे में भी इस सर्वे में पूरी जानकारी ली गई है. इससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार में मदद मिलेगी.
इस बारे में पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि अंतरिम रिपोर्ट के मुताबिक पटना के 190 से ज्यादा स्कूलों ने इस सर्वे में भाग लिया है. कुछ स्कूलों के बारे में जानकारी है कि वह बंद हो चुके हैं क्योंकि यह सर्वे वर्ष 2019-20 के यू डाइस रिपोर्ट के आधार पर कंडक्ट किया गया है. उन्होंने बताया कि इस सर्वे से बच्चों का लर्निंग आउटपुट पता चल पाएगा और उसके बाद यह जानकारी मिल पाएगी कि बिहार के कक्षा तीन में पढ़ने वाले बच्चे को जो पढ़ाई कराई जा रही है तो उसका लर्निंग आउटपुट यूपी के क्लास 3 में पढ़ने वाले बच्चे की तुलना में कैसा है. बता दें कि बिहार के करीब 5700 स्कूलों समेत देशभर के करीब सवा लाख स्कूल इस उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 में भाग ले रहे हैं.
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