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बिहार में भी चीन को बड़ा झटका, गांधी सेतु के समानांतर पुल निर्माण को लेकर चीनी कंपनियों का टेंडर रद्द

महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले पुल का जिम्मा जिन कंपनियों को दिया गया था उसमें 2 चीन की भी कंपनियां थी. दोनों देशों के संबंधों को देखते हुए सरकार ने सारे कॉन्ट्रेक्ट खत्म कर दिए हैं.

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Published : Jun 28, 2020, 5:37 PM IST

Updated : Jun 29, 2020, 7:54 AM IST

नंद किशोर यादव
नंद किशोर यादव

पटना: भारत-चीन सीमा पर तनातनी के बीच केंद्र सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ कई करार रद्द कर दिए हैं. बिहार में भी इसका असर दिख रहा है. सरकार ने पटना में गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले पुल के लिए चीनी कंपनियों से कॉन्ट्रेक्ट छीन लिया है.

पिछले दिनों भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद देशवासियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. हर तरफ चाइनीज सामानों के बहिष्कार की आवाज उठ रही है.

'मान-सम्मान से कभी समझौता नहीं'

पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने बताया कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले पुल के चीन की कंपनियों को दिए गए कॉन्ट्रेक्ट को खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि हम अपने देश के मान-सम्मान से कभी समझौता नहीं कर सकते हैं. देश की ओर बुरी नजर डालने वाले चीन को अब जवाब दिया जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

31 जुलाई तक फानइल हो जाएगा टेंडर
नंद किशोर यादव ने कहा कि देश किसी भी कीमत पर चीन के सामान और उनकी एजेंसियों से समझौता नहीं कर सकता है. 31 जुलाई तक इस पुल का टेंडर दूसरी एजेंसी को मिलेगा. उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के समानांतर पुल का कॉन्ट्रेक्ट 7 एजेंसियों ने मिलकर लिया था. इसमें से 2 एजेंसी चीन की है, इसलिए सरकार ने टेंडर रद्द कर दिया है. बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा पर हुई तनातनी के बाद से व्यापारिक और व्यवहारिक रिश्तों में दरार देखने को मिल रही है.

2961 करोड़ की लागत से बनेगा पुल

प्रधानमंत्री पैकेज के तहत इस पुल का निर्माण होना है. 2015 में पीएम मोदी ने पैकेज की घोषणा की थी. 2961 करोड़ की लागत से महात्मा गांधी सेतु के समानांतर चार लेन के नए पुल का निर्माण होना है. 5.634 किलोमीटर लंबे पुल की शुरुआत पटना के जीरो माइल से होगी, जो हाजीपुर के रामाशीष चौक को जोड़ेगी. एप्रोच रोड के साथ इस प्रस्तावित पुल की लंबाई 14.5 किलोमीटर है. आधुनिक तकनीक से बनने वाले इस पुल में एक्स्ट्रा डोज केबल होगा, जिसका स्पैन 242 मीटर होगा.

patna
निर्माणाधीन पुल

सात कंपनियों ने डाला था टेंडर

सात कंपनियों दिलीप बिल्डकॉन एंड शांसी रोड ब्रिज ग्रुप कंपनी लिमिटेड, एस पी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्रा.लि., चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, गैमन इंजीनियर्स एंड कांट्रैक्टर्स प्रा.लि. और एबीएल जीजीएचबी ज्वाइंट वेंचर्स ने टेंडर डाला था. जिसे फिलहाल रद्द कर दिया गया है.

पटना: भारत-चीन सीमा पर तनातनी के बीच केंद्र सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ कई करार रद्द कर दिए हैं. बिहार में भी इसका असर दिख रहा है. सरकार ने पटना में गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले पुल के लिए चीनी कंपनियों से कॉन्ट्रेक्ट छीन लिया है.

पिछले दिनों भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद देशवासियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. हर तरफ चाइनीज सामानों के बहिष्कार की आवाज उठ रही है.

'मान-सम्मान से कभी समझौता नहीं'

पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने बताया कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनने वाले पुल के चीन की कंपनियों को दिए गए कॉन्ट्रेक्ट को खत्म कर दिया है. उन्होंने कहा कि हम अपने देश के मान-सम्मान से कभी समझौता नहीं कर सकते हैं. देश की ओर बुरी नजर डालने वाले चीन को अब जवाब दिया जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

31 जुलाई तक फानइल हो जाएगा टेंडर
नंद किशोर यादव ने कहा कि देश किसी भी कीमत पर चीन के सामान और उनकी एजेंसियों से समझौता नहीं कर सकता है. 31 जुलाई तक इस पुल का टेंडर दूसरी एजेंसी को मिलेगा. उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के समानांतर पुल का कॉन्ट्रेक्ट 7 एजेंसियों ने मिलकर लिया था. इसमें से 2 एजेंसी चीन की है, इसलिए सरकार ने टेंडर रद्द कर दिया है. बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा पर हुई तनातनी के बाद से व्यापारिक और व्यवहारिक रिश्तों में दरार देखने को मिल रही है.

2961 करोड़ की लागत से बनेगा पुल

प्रधानमंत्री पैकेज के तहत इस पुल का निर्माण होना है. 2015 में पीएम मोदी ने पैकेज की घोषणा की थी. 2961 करोड़ की लागत से महात्मा गांधी सेतु के समानांतर चार लेन के नए पुल का निर्माण होना है. 5.634 किलोमीटर लंबे पुल की शुरुआत पटना के जीरो माइल से होगी, जो हाजीपुर के रामाशीष चौक को जोड़ेगी. एप्रोच रोड के साथ इस प्रस्तावित पुल की लंबाई 14.5 किलोमीटर है. आधुनिक तकनीक से बनने वाले इस पुल में एक्स्ट्रा डोज केबल होगा, जिसका स्पैन 242 मीटर होगा.

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निर्माणाधीन पुल

सात कंपनियों ने डाला था टेंडर

सात कंपनियों दिलीप बिल्डकॉन एंड शांसी रोड ब्रिज ग्रुप कंपनी लिमिटेड, एस पी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्रा.लि., चाइना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड, एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, गैमन इंजीनियर्स एंड कांट्रैक्टर्स प्रा.लि. और एबीएल जीजीएचबी ज्वाइंट वेंचर्स ने टेंडर डाला था. जिसे फिलहाल रद्द कर दिया गया है.

Last Updated : Jun 29, 2020, 7:54 AM IST
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