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बिहार से ब्रिटेन भेजी गई मुजफ्फरपुर के किसानों की शाही लीची, मिला फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट - मुजफ्फरपुर की शाही लीची

भारत में बिहार की मुजफ्परपुर की लीची उत्पादन मामले में अव्वल है. शाही लीची का जियोग्राफिकल इंडिकेशन यानी जीआई टैग बिहार को मिला हुआ है. शाही लीची के निर्यात के लिए फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट यानी पादप-स्वच्छता प्रमाण पटना में बने प्रमाणन सुविधा से जारी किया गया. पढ़ें खबर

shahi litchi
शाही लीची
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Published : May 25, 2021, 7:07 PM IST

Updated : May 25, 2021, 8:12 PM IST

मुजफ्फरपुर/पटना: कोरोना महामारी के चलते बिहार समेत कई राज्यों में लगे लॉकडाउन का असर मुजफ्फरपुर के लीची उत्पादक किसानों पर भी पड़ रहा है. अपने स्वाद और खुशबू के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर की शाही लीची को बाजार में भेजने में परेशानी हो रही है, जिससे किसान निराश हैं.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर की शाही लीची पर फिर कोरोना का ग्रहण, लॉकडाउन के चलते बाजार मिलना मुश्किल

दूसरी ओर लीची के किसानों के लिए सुखद खबर भी है. बिहार की शाही लीची को फाइटोसैनिटरी सर्टिकिकेट मिला है. इससे शाही लीची को पूरी दुनिया में पहचान मिली है. अब शाही लीची को विदेशों में निर्मात करने में आसानी होगी. पहले लीची विदेश तो जाती थी, लेकिन नाम बिहार का नहीं होता था. निर्यातकों को फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता था. बता दें कि शाही लीची की पहली खेप सोमवार को ब्रिटेन एक्सपोर्ट की गई. शाही लीची का जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग बिहार को मिला हुआ है.

muzaffarpur shahi litchi
मुजफ्परपुर की शाही लीची.

क्या है फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट
कृषि उत्पादों को निर्यात करने के लिए फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. इससे तय होता है कि कृषि उत्पाद जिस देश में भेजा जा रहा है वह वहां के लोगों के सेहत के लिए ठीक है. इसमें कोई हानिकारक कीट-बैक्टीरिया आदि नहीं है. बिहार के पास पहले किसी कृषि उत्पाद को फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट देने का अधिकार नहीं था. निर्यातक यह सर्टिफिकेट मुंबई या कोलकाता से लेते थे. इसके चलते बिहार के उत्पाद को बंगाल या महाराष्ट्र के उत्पाद के रूप में निर्यात किया जाता था.

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शाही लीची अपने स्वाद और खुशबू के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है.

बिहार से पहला सर्टिफिकेट लीची को मिला
19 मार्च को केंद्र सरकार ने बिहार को सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार दिया. सर्टिफिकेट जारी करने के लिए दो कृषि अधिकारी नियुक्त किए गए. पहला सर्टिफिकेट शाही लीची को मिला. अब बिहार के उत्पाद को बिहार में ही फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट मिल जाएगा. इससे विदेशों में राज्य के उत्पाद ब्रांड के रूप में जाने जाएंगे और आयातक सीधे बिहार के निर्यातकों को ऑडर दे पाएंगे.

लीची के लिए अनुकूल है यहां की जलवायु
जर्दालु आम, कतरनी चावल और मगही पान के बाद साल 2018 में जीआई प्रमाणन प्राप्त करने वाला शाही लीची बिहार से चौथा कृषि उत्पाद है. शाही लीची के लिए जीआई पंजीकरण मुजफ्फरपुर स्थित लीची ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार को दिया गया है. बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, चंपारण, बेगूसराय जिले और आसपास के क्षेत्रों में शाही लीची की बागवानी के लिए अनुकूल जलवायु है. जीआई मिलने से इसकी इंटरनेशनल मार्केटिंग आसान हो गई है.

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शाही लीची की विदेशों में काफी मांग है.

जदयू ने बताया नीतीश की कामयाबी
शाही लीची को फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट मिलने को जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कामयाबी बताया है. जदयू के ट्विटर हैंडल से किए गए पोस्ट में बताया गया है कि नीतीश कुमार की मेहनत के चलते आज बिहार की शाही लीची की धूम मची है.

इस संबंध में जदयू नेता नीरज कुमार ने भी ट्वीट किया. अपने ट्वीट में नीरज ने लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि देश की हर थाली में बिहार का एक व्यंजन आवश्य हो. अब बिहारी लीची विश्व में पहचान बनाने जा रही है.

  • माननीय मुख्यमंत्री चाहते हैं कि देश की हर थाली में एक बिहारी व्यंजन अवश्य हो।

    अब विश्व में पहचान बनाने जा रही है बिहारी लीची! मीन मेख, छोटी सोच से नहीं, दूरदर्शी दृष्टिकोण से बढ़ रहा बिहारियत का मान! देश के गौरव बिहारी किसान! @NitishKumar pic.twitter.com/gniDUt7kPw

    — Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) May 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

यह भी पढ़ें- बोले मांझी- 'सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं'

मुजफ्फरपुर/पटना: कोरोना महामारी के चलते बिहार समेत कई राज्यों में लगे लॉकडाउन का असर मुजफ्फरपुर के लीची उत्पादक किसानों पर भी पड़ रहा है. अपने स्वाद और खुशबू के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध मुजफ्फरपुर की शाही लीची को बाजार में भेजने में परेशानी हो रही है, जिससे किसान निराश हैं.

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दूसरी ओर लीची के किसानों के लिए सुखद खबर भी है. बिहार की शाही लीची को फाइटोसैनिटरी सर्टिकिकेट मिला है. इससे शाही लीची को पूरी दुनिया में पहचान मिली है. अब शाही लीची को विदेशों में निर्मात करने में आसानी होगी. पहले लीची विदेश तो जाती थी, लेकिन नाम बिहार का नहीं होता था. निर्यातकों को फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता था. बता दें कि शाही लीची की पहली खेप सोमवार को ब्रिटेन एक्सपोर्ट की गई. शाही लीची का जियोग्राफिकल इंडिकेशन टैग बिहार को मिला हुआ है.

muzaffarpur shahi litchi
मुजफ्परपुर की शाही लीची.

क्या है फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट
कृषि उत्पादों को निर्यात करने के लिए फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. इससे तय होता है कि कृषि उत्पाद जिस देश में भेजा जा रहा है वह वहां के लोगों के सेहत के लिए ठीक है. इसमें कोई हानिकारक कीट-बैक्टीरिया आदि नहीं है. बिहार के पास पहले किसी कृषि उत्पाद को फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट देने का अधिकार नहीं था. निर्यातक यह सर्टिफिकेट मुंबई या कोलकाता से लेते थे. इसके चलते बिहार के उत्पाद को बंगाल या महाराष्ट्र के उत्पाद के रूप में निर्यात किया जाता था.

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शाही लीची अपने स्वाद और खुशबू के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है.

बिहार से पहला सर्टिफिकेट लीची को मिला
19 मार्च को केंद्र सरकार ने बिहार को सर्टिफिकेट जारी करने का अधिकार दिया. सर्टिफिकेट जारी करने के लिए दो कृषि अधिकारी नियुक्त किए गए. पहला सर्टिफिकेट शाही लीची को मिला. अब बिहार के उत्पाद को बिहार में ही फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट मिल जाएगा. इससे विदेशों में राज्य के उत्पाद ब्रांड के रूप में जाने जाएंगे और आयातक सीधे बिहार के निर्यातकों को ऑडर दे पाएंगे.

लीची के लिए अनुकूल है यहां की जलवायु
जर्दालु आम, कतरनी चावल और मगही पान के बाद साल 2018 में जीआई प्रमाणन प्राप्त करने वाला शाही लीची बिहार से चौथा कृषि उत्पाद है. शाही लीची के लिए जीआई पंजीकरण मुजफ्फरपुर स्थित लीची ग्रोअर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार को दिया गया है. बिहार के मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, चंपारण, बेगूसराय जिले और आसपास के क्षेत्रों में शाही लीची की बागवानी के लिए अनुकूल जलवायु है. जीआई मिलने से इसकी इंटरनेशनल मार्केटिंग आसान हो गई है.

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शाही लीची की विदेशों में काफी मांग है.

जदयू ने बताया नीतीश की कामयाबी
शाही लीची को फाइटोसैनिटरी सर्टिफिकेट मिलने को जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कामयाबी बताया है. जदयू के ट्विटर हैंडल से किए गए पोस्ट में बताया गया है कि नीतीश कुमार की मेहनत के चलते आज बिहार की शाही लीची की धूम मची है.

इस संबंध में जदयू नेता नीरज कुमार ने भी ट्वीट किया. अपने ट्वीट में नीरज ने लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि देश की हर थाली में बिहार का एक व्यंजन आवश्य हो. अब बिहारी लीची विश्व में पहचान बनाने जा रही है.

  • माननीय मुख्यमंत्री चाहते हैं कि देश की हर थाली में एक बिहारी व्यंजन अवश्य हो।

    अब विश्व में पहचान बनाने जा रही है बिहारी लीची! मीन मेख, छोटी सोच से नहीं, दूरदर्शी दृष्टिकोण से बढ़ रहा बिहारियत का मान! देश के गौरव बिहारी किसान! @NitishKumar pic.twitter.com/gniDUt7kPw

    — Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) May 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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Last Updated : May 25, 2021, 8:12 PM IST
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