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तीन तलाक बिल पास होने पर पीड़ित महिलाओं ने मनाया जश्न, कहा- अब कोई डर नहीं - bihar muslim woman

तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि इस मामले में तीन साल से ज्यादा सजा मिले. कानून का विरोध करने वाले आज नहीं तो कल जरूर समझेंगे. अब मुस्लिम महिलाएं इसके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज करायेंगी.

तीन तलाक पर पीड़ित महिलाओं की प्रतिक्रिया
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Published : Aug 1, 2019, 9:06 AM IST

पटना: तीन तलाक पर कानून बनने के बाद मुस्लिम महिलाओं में खुशी का माहौल है. महिलाओं ने बीजेपी दफ्तर में खुशी का इजहार करते हुए एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाया और मिठाईयां बांटी. महिलाओं ने इस कानून का स्वागत करते हुए केंन्द्र की मोदी सरकार को धन्यवाद दिया.

sumi parveen triple talaq victim woman
सुमी परवीन

धमकी देते हुए शौहर ने तलाक दे दिया
तीन तलाक का दंश झेल रही पटना की सुमी परवीन की आंखे नम हो जाती हैं. चेहरे पर एक उदासी और आवाज में भारीपन आ जाता है. परवीन अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहती हैं कि मेरा शौहर बात-बात पर लड़ाई-झगड़ा करता था. एक दिन यूं ही धमकी देते हुए तीन तलाक दे दिया.

muslis woman celebrating in bjp office
बीजेपी दफ्तर में मिठाई बांटती मुस्लिम महिलाएं

तीन साल नहीं बल्कि उम्र भर की सजा मिले
आज हमें शौहर से अलग हुए छह साल हो गए हैं. इस कानून से हमें आस जगी है. सिर्फ तीन साल की ही सजा नहीं होनी चाहिए, बल्कि जिन्दगी भर की सजा मिले. सुमी इस कानून के पास हो जाने पर कहती हैं कि अब मामला भी दर्ज करायेंगी. कानून पास होने पर सुमी के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी. अपने भावों को व्यक्त करते हुए वो काफी प्रसन्न थी. दरअसल पटना की रहने वाली सुमी परवीन का निकाह मुरादाबाद के हुसैन से हुआ था. तीन बच्चों की मां सुमी को पति ने तीन तलाक दे दिया. सुमी मुरादाबाद से वापस अपने मायके पटना में आकर रह रही है.

muslim women statement on triple talaq
तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिला

विरोध करने वाले बाद में समझेंगे
वहीं, तीन तलाक से पीड़ित दूसरी मुस्लिम महिला ने बताया कि इससे महिलाओं को बल मिलेगा. इस कानून के कारण महिलाएं अच्छे से जीवन जी पायेंगी. अब तक जो डर था वो निकल गया है. इस के विरोध में उतरे लोगों पर उन्होंने कहा कि जिसको जो करना है करें. हम महिलाओं के लिए अच्छा हुआ है. जो आज नहीं समझ रहे हैं वो बाद में जरूर समझेंगे.

तीन तलाक कानून पर जश्न मनाती मुस्लिम महिलाएं

महिलाओं में जगी न्याय की आस
गौरतलब है कि अब पुरुष एक ही बार में तलाक नहीं दे सकते. दोनों सदनों से तीन तलाक बिल पारित होने के बाद पीड़ित महिलाओं को न्याय की आस जगी है. सुमी जैसी महिलाएं तीन तलाक का दंश आज तक झेल रही हैं.

पटना: तीन तलाक पर कानून बनने के बाद मुस्लिम महिलाओं में खुशी का माहौल है. महिलाओं ने बीजेपी दफ्तर में खुशी का इजहार करते हुए एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाया और मिठाईयां बांटी. महिलाओं ने इस कानून का स्वागत करते हुए केंन्द्र की मोदी सरकार को धन्यवाद दिया.

sumi parveen triple talaq victim woman
सुमी परवीन

धमकी देते हुए शौहर ने तलाक दे दिया
तीन तलाक का दंश झेल रही पटना की सुमी परवीन की आंखे नम हो जाती हैं. चेहरे पर एक उदासी और आवाज में भारीपन आ जाता है. परवीन अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहती हैं कि मेरा शौहर बात-बात पर लड़ाई-झगड़ा करता था. एक दिन यूं ही धमकी देते हुए तीन तलाक दे दिया.

muslis woman celebrating in bjp office
बीजेपी दफ्तर में मिठाई बांटती मुस्लिम महिलाएं

तीन साल नहीं बल्कि उम्र भर की सजा मिले
आज हमें शौहर से अलग हुए छह साल हो गए हैं. इस कानून से हमें आस जगी है. सिर्फ तीन साल की ही सजा नहीं होनी चाहिए, बल्कि जिन्दगी भर की सजा मिले. सुमी इस कानून के पास हो जाने पर कहती हैं कि अब मामला भी दर्ज करायेंगी. कानून पास होने पर सुमी के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी. अपने भावों को व्यक्त करते हुए वो काफी प्रसन्न थी. दरअसल पटना की रहने वाली सुमी परवीन का निकाह मुरादाबाद के हुसैन से हुआ था. तीन बच्चों की मां सुमी को पति ने तीन तलाक दे दिया. सुमी मुरादाबाद से वापस अपने मायके पटना में आकर रह रही है.

muslim women statement on triple talaq
तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिला

विरोध करने वाले बाद में समझेंगे
वहीं, तीन तलाक से पीड़ित दूसरी मुस्लिम महिला ने बताया कि इससे महिलाओं को बल मिलेगा. इस कानून के कारण महिलाएं अच्छे से जीवन जी पायेंगी. अब तक जो डर था वो निकल गया है. इस के विरोध में उतरे लोगों पर उन्होंने कहा कि जिसको जो करना है करें. हम महिलाओं के लिए अच्छा हुआ है. जो आज नहीं समझ रहे हैं वो बाद में जरूर समझेंगे.

तीन तलाक कानून पर जश्न मनाती मुस्लिम महिलाएं

महिलाओं में जगी न्याय की आस
गौरतलब है कि अब पुरुष एक ही बार में तलाक नहीं दे सकते. दोनों सदनों से तीन तलाक बिल पारित होने के बाद पीड़ित महिलाओं को न्याय की आस जगी है. सुमी जैसी महिलाएं तीन तलाक का दंश आज तक झेल रही हैं.

Intro:तीन तलाक पर कानून बनने के बाद मुस्लिम महिलाओं को पुरुष एक ही बार में तलाक नहीं दे सकते लेकिन जिन महिलाओं को पहले एक ही झटके में तलाक दिया जा चुका है आज वह खुश हैं और उन्हें भी न्याय मिलने की आस जगी है महिलाएं उम्मीद कर रही है कि सरकार उन्हें हर्जाना दिलाने की दिशा में भी प्रयास करेगी


Body:पटना के रहने वाली सुमी परवीन का विवाह शादी हुसैन से हुआ था सुमी अपने पति के साथ मुरादाबाद में रहती थी इनके तीन बच्चे भी थे सुमी के पति ने इसलिए सुमी को तीन तलाक कह दिया कि दूसरे किसी लड़की से उसका दोस्ताना संबंध हो गया उसके पति ने महिला को एक ही बार में तीन तलाक कह दिया । साडे 6 साल पहले ही सुनी का तलाक हो चुका है और अब तीन बच्चों के सहारे पहाड़ जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है सुमी अपने तीन बच्चों के साथ पटना अपने माता-पिता के पास आ गई


Conclusion:आज जब दोनों सदनों से तीन तलाक बिल पारित किया जा चुका है तब वैसी स्थिति में पीड़ित महिलाओं को न्याय की आस जगी है सुमी भी वैसी महिलाओं में से एक है जिसे तीन तलाक का दंश आज तक झेलना पड़ रहा है सुमी चाहती है कि उसके पति को भी कड़ी से कड़ी सजा मिले और सरकार हम जैसे पीड़ित महिलाओं को हर्जाना दिलाने की दिशा में भी प्रयास करें
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