पटना: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) की सुगबुगाहट होते ही अपराधियों की बंदूकें गरजने लगी थी. पहले से लेकर ग्यारहवें चरण तक के चुनाव में हो हंगामा की कई खबरें सामने आई. पंचायत चुनाव संपन्न हो चुका है, पुलिस शांतिपूर्ण इलेक्शन के लाख दावे करे लेकिन हकीकत कुछ और ही है. चुनाव परिणाम के बाद बिहार में अपराधियों (Bihar Crime News) ने अब तक चार नवनिर्वाचित मुखिया की हत्या कर दी है.
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चार मुखिया की हत्या से दूसरे जनप्रतिनिधियों में भी भय का महौल व्याप्त है. हालांकि पहले की तुलना में घटनाओं में कमी आई है. फिर भी जनप्रतिनिधि की हत्या होना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. पुलिस मुख्यालय लगातार यह दावा कर रहा है कि, किसी भी सूरत में अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा.
एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि, पंचायत चुनाव लगभग 3 महीना चला है और ग्यारहवें चरण में लगभग छोटी-मोटी घटनाओं को छोड़ दीजिए तो चुनाव शांतिपूर्ण और भयमुक्त संपन्न हुआ है. उन्होंने बताया कि, राजनीतिक प्रतिद्वंदी, पुरानी दुश्मनी जैसे कारणों के कारण आपराधिक तत्वों के द्वारा कुछ घटनाओं को अंजाम दिया गया है.
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"सभी जिले के डीएम और एसपी से रिपोर्ट ली जाएगी कि, इस तरह के कितने मामले दर्ज हुए हैं और स्पीड अनुसंधान के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस मामले को गंभीरता से देखते हुए स्पीडी अनुसंधान किया जाएगा. साथ ही जेल में रहते हुए आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ भी ट्रायल चलाया जाएगा."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
बिहार में पंचायत चुनाव के बाद लगातार हो रहे जनप्रतिनिधियों की हत्या को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने ईटीवी भारत से टेलिफोनिक बातचीत के दौरान बताया कि, जिलों के पुलिस अधीक्षक और डीएम को निर्देश दिया जाएगा कि, निर्वाचित मुखिया को सुरक्षा मुहैया करवाया जाए. इसके अलावे जो हारे हुए मुखिया हैं, उनपर खास नजर रखी जाएगी.
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पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो, चुनाव संपन्न हो चुका है और जिन क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं घटित हुई हैं वहां के डीएम एसपी से रिपोर्ट मंगवाया जाएगा. किन कारणों से इस तरह की घटनाएं घटित हुई हैं, जानकारी ली जाएगी.
आंकड़ों पर नजर डालें तो, नवंबर 2021 से अब तक कुल 4 मुखिया की हत्या हो चुकी है. 14 दिसंबर 2021 को पटना जिला के मुखिया नीरज कुमार (Mukhiya Shot Dead In Patna) की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. 11 दिसंबर 2021 को बाढ़ जिला के मुखिया रंजन कुमार उर्फ गोरेलाल की गोली मारकर हत्या अपराधियों ने कर दी थी.
4 दिसंबर 2021 को जमुई जिले के दरखा पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया प्रकाश महतो की हत्या (Mukhiya Shot dead in jamui) कर दी गई. वहीं 14 नवंबर 2021 को आरा जिले के भोजपुर में दूसरी बार मुखिया बने संजय सिंह को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया. यही नहीं नौबतपुर के लोदीपुर में नवनिर्वाचित वार्ड सदस्य संजय वर्मा की भी गोलीमार हत्या कर दी गई थी. धनरूआ प्रखंड में चुनाव प्रचार में डीजे बजाने को लेकर हुए विवाद में पब्लिक और पुलिस के बीच में भिड़ंत हुई थी, जिसमें दोनों तरफ से फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई थी. बख्तियारपुर के सालिमपुर के रूपसपुर महाजी में चुनावी रंजिश के कारण अरविंद सिंह की हत्या कर दी गई थी.
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बिहार में कुल 8387 पंचायत हैं. अगर जनप्रतिनिधि मुखिया अपनी सुरक्षा की मांग करते हैं तो पुलिस को परेशानी हो सकती है, क्योंकि अगर मुखिया को दो-दो सुरक्षा भी मुहैया करवानी पड़ी तो कुल 16774 जवानों को सुरक्षा में लगाना पड़ सकता है. जिसका अतिरिक्त बोझ बिहार सरकार पर पड़ेगा. हालांकि अब तक मुखिया को सुरक्षा के दृष्टिकोण से सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई जाती है.
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