पटनाः नगर निगम के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर काम ठप कर दिया. वहीं नगर निगम के अधिकारियों के साथ इनकी वार्ता भी जारी है. कर्मचारी संघ के आह्वान पर लगभग 5000 दैनिक सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं.
'5000 दैनिक सफाई कर्मी है हड़ताल पर'
राजधानी में सफाई व्यवस्था चरमराने वाली है क्योंकि अपनी मांगों को लेकर पटना नगर निगम के करीब 5000 दैनिक सफाई कर्मी हड़ताल पर हैं. नगर निगम मुख्यालय पर यह सफाई कर्मी धरना पर बैठे हुए हैं. संघ के महासचिव नंद किशोर दास ने कहा कि निगम प्रशासन कर्मियों की हित की अनदेखी कर रहा है. कई बार मांगों को लेकर संघ और निगम प्रशासन के बीच वार्ता हुई, पर हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला. इस हड़ताल के लिए पूरी तरह से निगम प्रशासन जिम्मेदार है.
पांच महत्वपूर्ण मांगें इस प्रकार हैं :-
1.आजीवन परिवारिक पेंशन लागू किया जाए.
2.दैनिक मजदूरों का न्यूनतम वेतन ₹600 प्रतिदिन हो.
3.कर्मियों के लिए राज्य सरकार से अनुमोदित न्यूनतम वेतन ₹18000 करें.
4.नियमित कर्मियों के लिए पुनरीक्षित वेतनमान लागू हो.
5.महीने के 5 तारीख तक वेतन का भुगतान हो.
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'हड़ताल पूरी तरह है अवैध'
हमने जब नगर आयुक्त अमित कुमार पांडे से बात की तो उन्होंने कहा कि इन लोगों की हड़ताल पूरी तरह अवैध है. हमने इनकी कुछ मांगों को भी मान लिया है. हालांकि अगले माह से शुरू हो रहे दशहरा पूजा, दिपावली और छठ को देखते हुए शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित न हो इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी कर रहे हैं.
'सफाई कर्मी की मांग 18 हजार वेतन'
नगर निगम के सफाई कर्मी दीपक कुमार ने बताया कि हम लोगों का वेतन आज के दिन में बहुत ही कम है. जो भी वेतन मिलता है उसमें हम लोगों का गुजारा नहीं हो पाता है. इसके अलावा नगर निगम समय पर हम लोगों को वेतन भी नहीं देता है. हम अपने नेता के आह्वान पर आज से सारा काम छोड़ चुके हैं. हम लोगों की मांग है कि हमें हर माह 18 हजार वेतन दिया जाए.
'कर्मियों के हड़ताल से सफाई व्यवस्था बाधित'
बता दें कि इससे पहले भी पिछले साल भी मजदूर यूनियन हड़ताल पर गए हुए थे. इससे कर्मियों को कोई फायदा तो नहीं हुआ बल्कि उल्टे शहर में सफाई व्यवस्था बाधित हो गई. नंद किशोर दास ने 21 सूत्री मांगों को लेकर निगम प्रशासन पर लगातार दबाव बना रहे हैं. हालांकि निगम ने इनके कुछ शर्तों को मान लिया है. लेकिन अभी भी निगम प्रशासन और मजदूर यूनियन में बात बनती हुई नहीं दिख रही है. अभी भी वार्ता जारी है. अब देखना है कि आज के इस वार्ता में क्या नतीजा निकलता है. क्या नगर निगम इन सफाई मजदूरों के शर्तों को मान लेता है या फिर यह मजदूर हड़ताल पर ही रहते हैं.