पटनाः नगर निगम शहरवासियों से हर साल होल्डिंग टैक्स के माध्यम से 45 करोड़ रुपये वसूलता है. ताकि उन्हें मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाया जा सके. लेकिन शहरवासियों का दावा है कि हम टैक्स तो दे रहे हैं. लेकिन जो हमें निगम द्वारा सुविधा मिलनी चाहिए वह मिल नहीं पा रही है.
हर साल निगम को 43 करोड़ रुपये होल्डिंग टैक्स
पटना नगर निगम में 2.40 लाख लोग हर साल 43 करोड़ रुपये होल्डिंग टैक्स भरते हैं. जिसमें 43,241 व्यवसायी और 1,96,759 लाख आवासीय हैं. नवंबर 2020 तक 1.57 लाख लोगों से लगभग 40 करोड़ रुपये टैक्स की वसूली हो चुकी है. 1995 से निगम लगातार होल्डिंग टैक्स वसूलती आ रही है.
हर साल लगभग 43 करोड. रुपये वसूलने के बाद भी निगम नगरवासियों को सही तरीके से कोई सुविधा नहीं दे रही है. लोगों का कहना है कि टैक्स देने के बावजूद भी उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रही है. हम शहर में इसलिए रहते हैं. ताकि हमें हर तरह से सुविधा उपलब्ध हो सके उसके लिए हम निगम को पैसा भी देते हैं. लेकिन हमें निगम द्वारा कुछ उपलब्ध नहीं हो पाता है.
शहरवासियों में सुविधा नहीं मिलने से नाराजगी
शहरवासियों से हर साल जो टैक्स का पैसा जमा होता है उसे निगम विकास के कार्यों में लगाता है. शहरवासियों को मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाती है. निगम प्रशासन का दावा है कि सीमित संसाधन के बावजूद भी हम शहरवासियों को सड़क, पानी, बिजली, कचड़ा उठाओ से लेकर सफाई की पूरी व्यवस्था दे रहे हैं.
निगम के पास इनकम का जरिया मात्र होल्डिंग टैक्स है, जिसके सही समय पर नहीं मिलने की वजह से नागरिक सुविधाओं में थोड़ी बहुत कमी आ जा रही है.
कचरा उठाने में लापरवाही
घरों से कचरा उठाने के नाम पर हर महीने 30रुपये लेने का प्रावधान बनाया गया है. सालाना 360 रुपये लेने की निगम द्वारा योजना बनाई गई है. इसके बावजूद भी कचरा उठाने में लापरवाही होती है, मुख्य सड़कों पर हर दिन कचरा उठाने का कार्य तो होता है. लेकिन लिंक सड़कों पर सप्ताह में एक या 2 दिन ही कचरा उठ पाता है.
नियमित नहीं होती है फाॉगिंग
शहर के वार्डो में बीमारी ना हो, इसके लिए रोस्टर के माध्यम से नगर निगम ने हर दिन गली मोहल्ले में फागिंग कराने के लिए नियम बनाया था. लेकिन अभी ना के बराबर फागिंग दिख रही है. डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.
घरों तक जलापूर्ति पहुंचाने में लापरवाही
शहरवासियों को शुद्ध पानी मिले इसके लिए नगर निगम पाइप के जरिए लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने की योजना है. घरों तक कनेक्शन भी दिया गया है. वन टाइम 1,214 रुपये लिये जाते हैं. टैक्स भरने के बावजूद भी जर्जर पुराने पाइप से गंदे पानी लोगों के घरों तक पहुंचते हैं.
बहरहाल सबके अपने-अपने दावे हैं. पब्लिक निगम को दोष देती है तो निगम नगर विकास विभाग पर दोष मढ़ने लगता है. लेकिन इन सबके बीच कोई पिसता है तो वह है आम जनता.