पटना: स्मार्ट सिटी लिमिटेड की बहुप्रतिक्षित परियोजना इंटेलिजेंट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना का कार्य बुधवार से शुरु हो गया. पटना नगर निगम क्षेत्र में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण इस परियोजना के अंतर्गत सभी कचरा गाड़ियों पर स्मार्ट चिप, घरों-दुकानों पर विशेष क्यूआर टैग और कंट्रोल रूम की सुविधा शहरवासियों को दी जाएगी. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य को मजबूदी प्रदान करने के उद्येश्य से पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने ‘इंटेलिजेंट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट’ परियोजना को लॉन्च किया है. यह बहुस्तरीय परियोजना है जिसके लिए कई कार्य किए जाएंगे.
गाड़ियों पर लगाई जाएगी जीपीएस चिप
फ्लीट मैनेजमेंट में पटना नगर निगम की सभी गाड़ियों पर जीपीएस चिप लगाई जाएगी जिससे किसी भी वक्त उनका लोकेशन ट्रैक किया जा सकता है. पटना नगर निगम क्षेत्रांतर्गत करीब साढे तीन लाख संपत्ति है. इन सभी की दीवार पर विशेष क्यूआर टैग लगाया जाएगा. इसी टैग के माध्यम से घरों से कूड़ा उठाव की जानकारी उक्त संपत्ति के मालिक और पटना नगर निगम के कंट्रोल रूम को प्राप्त होगी.
परियोजना के अंतर्गत करीब साढ़े तीन लाख विशेष टैग लगाए जाएंगे. मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम परियोजना के अंतर्गत पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से एक डाटा सेंटर, कंट्रोल रूम और मॉनिटरिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी. पटना नगर निगम के सभी अंचल कार्यालयों में एक-एक मॉनिटरिंग स्टेशन और मुख्यालय में कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जाएगी. इनके जरिए प्रत्येक वार्ड में कूड़ा उठाव, गाड़ियों की लोकेशन और कर्मचारियों की उपस्थिति की रियल टाइम जानकारी प्राप्त होगी.
कर्मचारियों की डिजिटल उपस्थिति होगी दर्ज
बायोमेट्रिक अटेंडेंस में परियोजना के अंतर्गत पटना नगर निगम की ओर से चिन्हित स्थानों पर कर्मचारियों की डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही ऐप के निर्माण परियोजना के अंतर्गत एक ऐप का निर्माण किया जाएगा. जिसके माध्यम से वे कचरा गाड़ियों के लोकेशन, कचरा शुल्क भुगतान, वार्ड के सफाई निरीक्षक और ड्राइवर से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. ऐप के माध्यम से वे अपनी शिकायत और फीडबैक भी दे सकेंगे. मोबाइल पर कचरा उठाव की जानकारी: परियोजना के अंतर्गत पटना नगर निगम अंतर्गत सभी घरों और प्रतिष्ठानों की दीवार पर क्यूआर कोड हार्ड टैग लगाया जाएगा.
साथ ही वार्ड के सफाई निरीक्षकों को क्यूआर कोड रीडर अथवा स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाएगा. घर से कचरा उठाने के उपरांत उस घर की दीवार पर लगे क्यूआर टैग को निरीक्षक द्वारा स्कैन किया जाएगा. कोड स्कैनिंग की प्रक्रिया पूर्ण होते ही उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर फौरन कचरा उठा लिए जाने का एसएमएस जाएगा. साथ ही एक लिंक भी भेजा जाएगा जिस पर वह अपना फीडबैक या शिकायत भेज सकते हैं.
कचरा उठाव में होगी आसानी
वहीं, अगर उनके घर से कचरा का उठाव किए बिना ही निरीक्षक की ओर से कोड को स्कैन किया गया होगा तो इसकी शिकायत फौरन कंट्रोल रूप को प्राप्त होगी. कचरा गाड़ी की लोकेशन ट्रैकिंग आमतौर पर हर गली में कचरा गाड़ी के पहुंचने का वक्त सुनिश्चित है. लेकिन रास्ते में जाम या किसी स्थान पर कचरा उठाव में अतिरिक्त समय लग जाने पर अन्य घरों तक कचरा गाड़ी के पहुंचने में देरी होती है तो ऐसी स्थिति में लोगों को काफी परेशानी होती है.
इस समस्या के निदान के लिए एक ऐप का निर्माण किया जाएगा .जिसके माध्यम से वे अपने वार्ड हेतु संचालित कचरा गाड़ी का रियल टाइम लोकेशन जान सकेंगे. ग्रीवांस रिड्रेसल परियोजना के अंतर्गत बनने वाले कंट्रोल रूम, मॉनिटरिंग सेंटर पर ग्रीवांस रिड्रेसल की भी व्यवस्था की जाएगी. जहां ऐप, हेल्पलाइन नंबर, सोशल मीडिया से प्राप्त हुई आम जन की शिकायतों को रजिस्टर किया जाएगा. आम जन को ऐप अथवा फोन के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने एवं उसके शिकायत पर की गई कार्रवाई की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी.
13 करोड़ की लागत से पूरी होगी परियोजना
टेकइंफी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बीच इस परियोजना के लिए करार किया गया है. इस परियोजना पर करीब 13 करोड़ रुपये खर्च होंगे. दिसंबर तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित है. बुधवार को पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मैनेजर राजीव कुमार और टेकइंफी एजेंसी के विशेषज्ञों ने शहर के विभिन्न कूड़ा प्वॉइंट्स और घरों का सर्वे कार्य शुरू किया गया. मंगलवार को पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सह नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा की उपस्थिति में टेकइंफी यह कार्य किया गया. इस अवसर पर श्री देवेन्द्र प्रसाद तिवारी, कार्यपालक पदाधिकारी सह अपर नगर आयुक्त, श्री सुधीर कुमार साहू, मुख्य महाप्रबंधक, श्री परविंद सिंह, मैनेजर श्री राजीव कुमार और एजेन्सी के प्रतिनिधि मौजूद रहे.