पटनाः बिहार के पटना में मुखिया संघ (Mukhiya Sangh meeting in Patna) ने अपने अधिकारों की मांग की. इसको लेकर पूरे बिहार से पहुंचे प्रतिनिधियों की बैठक हुई. जिसमें मुखिया महासंघ ने जिले के अधिकारियों के कार्य को लेकर नाराजगी जताई. कहा कि अधिकारी पंचायत प्रतिनिधि के अधिकारों का हनन कर रहे हैं. गांव की जो समस्या है उसे जाने बिना ही अधिकारी अपना काम कर देते हैं और प्रतिनिधि को पता भी नहीं चलता है. इससे साफ है कि प्रतिनिधि को मिले अधिकार का कोई मतबल नहीं है.
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अधिकारी पर मनमानी का आरोपः दरअसल, सोमवार को पटना के दरोगा राय भवन में बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ की बैठक हुई. जिसमें बिहार के सैकड़ों पंचायत के मुखिया शामिल हुए. मुखिया संघ के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार में कटौती कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में अधिकारी लगातार मनमानी कर रहे हैं. एसी कमरे में बैठकर पंचायत प्रतिनिधि के अधिकार में कटौती कर रहे हैं, जो कहीं से उचित नहीं है.
अधिकार में कटौती नहीं करेंः मिथिलेश ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पंचायती राज व्यवस्था को अगर बिहार में लागू करना है तो फिर हम लोगों के अधिकार में कटौती क्यों की जा रही है? हमलोग बैठक के माध्यम से सरकार को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि मुखिया का जो अधिकार है उसमें कटौती नहीं करें. जो अधिकारी जिले में बैठकर ऐसा कर रहे हैं उसपर सरकार कारवाई करे.
"जो अधिकारी जिले में या प्रखंड में बैठकर उनके अधिकार को कम करने की कोशिश कर रहे हैं सरकार उन्हें भी दंडित करने का काम करें. पंचायती राज व्यवस्था के तहत प्रतिनिधि को मिले अधिकार में कोई कटौती नहीं की जाए." - मिथिलेश कुमार, अध्यक्ष, मुखिया संघ
शराबबंदी को लेकर चले जागरूकता अभियानः अध्यक्ष ने शराबबंदी को लेकर कहा कि इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए. इस कानून में परिवर्तन होना जरूरी है, जिससे जो लोग गड़बड़ी नहीं करते हैं वह न फंसे. हम लोग समय पर सरकार को सहायता करते रहते हैं. लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाकर कानून के फायदे को समझाएं. पंचायत प्रतिनिधि को जो जिम्मेवारी मिली है, उसे निभाने का काम करते रहे हैं.