पटनाः बिहार सरकार में मंत्री और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) ने सोमवार की शाम हम प्रमुख जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) के आवास पर उनसे मुलाकात की. काफी देर तक दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई. मुलाकात करने के बाद मुकेश सहनी ने मीडिया को बताया कि मांझी जी हमारे अभिभावक हैं और उनसे मुलाकात तो अक्सर होती रहती है. वहीं वीआईपी चीफ (VIP Chief) ने कहा कि उन्हें एनडीए (NDA) से कोई नाराजगी नहीं है.
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"जीतन राम मांझी हमारे अभिभावक हैं और उनसे हमारा मुलाकात करना लगा ही रहता है. वाराणसी में हमारे साथ घटी घटना पर मांझी जी ने शोक व्यक्त किया है. इसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देने आए थे. हमने यूपी चुनाव को लेकर भी उनसे बात की है और साथ में चाय पीया है. छोटा आदमी छोटा आदमी के साथ ही रहेगा तो आगे सर्वाइव कर सकेगा. बड़े आदमी के पीछे हम कहां मारे फिरेंगे. हम लोग एनडीए के साथ हैं. इसमें भी छोटे दल हैं और छोटे दल वाले लोग आपस में ही मिल बैठकर बातें करेंगे तो आगे चल सकेंगे."- मुकेश सहनी, वीआईपी प्रमुख
बता दें कि वाराणसी एयरपोर्ट पर रोके जाने और फिर वहां से कोलकाता भेज दिए जाने, उनके कार्यकर्ताओं की यूपी पुलिस के द्वारा पिटाई और फूलन देवी की मूर्तियों की स्थापना में यूपी सरकार के द्वारा रोक लगाए जाने के बाद मुकेश सहनी व्याकुल हो गए हैं. पटना लौटते ही मुकेश सहनी ने एनडीए में सम्मान नहीं मिलने का आरोप लगाया.
आनन-फानन में सहनी ने पटना में सोमवार को प्रेस वार्ता बुलाई, जिसमें साफ-साफ कहा कि बिहार सरकार में हैं तो चार घटक दल लेकिन वीआईपी और हम पार्टी की चर्चा तक कहीं नहीं होती. एनडीए विधायक दल की बुलाई गई बैठक का बहिष्कार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बैठक का मतलब सबकी बातों को सुनना होता है.
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बता दें कि बिहार में अक्सर इन दोनों नेताओं को लेकर सरकार गिराने की बात को भी हवा मिलती रही है. हालांकि, दोनों ही नेताओं ने मीडिया के सामने मजबूती के साथ पूरे पांच साल सरकार चलने की बात कहते रहे हैं. वाराणसी एयरपोर्ट प्रकरण के बाद मुकेश सहनी ने प्रेसवार्ता में भी कह चुके हैं कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार अच्छे से चल रही है, लेकिन एनडीए का घटक दल होने के नाते उनकी बातों को भी सुनी जानी चाहिए.
हालांकि, अब तक लगाए गए कयासों के इतर न तो सहनी नाराजगी की बात स्वीकार कर रहे हैं और न ही किसी अन्य मुद्दे की. अब देखना होगा कि पल-पल बदलती बिहार की सियासत में क्या मोड़ आता है.