पटना: बिहार का एक मात्र अंतरराष्ट्रीय खेल मैदान मोइनुल हक स्टेडियम इन दिनों दुर्दशा का शिकार है. कुछ दिन पहले बिहार को रणजी ट्रॉफी में मान्यता मिलने के बाद यहां एक मैच हुआ था. उसके बाद इस स्टेडियम को कोई देखने वाला नहीं है. पहले यहां सीआरपीएफ का कैंप हुआ करता था, तो स्टेडियम की सुरक्षा हो जाती थी. लेकिन अब यहां किसी का आना जाना नहीं है. जिसके कारण यह स्टेडियम असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बनता जा रहा है.
खेल मंत्री को सौंपा ज्ञापन
स्टेडियम में लाइट नहीं जलने के कारण शाम होते ही यहां घुप्प अंधेरा हो जाता है. इसको देखते हुए बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने गुरुवार को खेल मंत्री मंगल पांडे से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. साथ ही स्टेडियम की बदहाली को लेकर उनका ध्यान भी आकृष्ट कराया है. इस मामले पर खेल मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि मृत्युंजय तिवारी राज्य के खेल और खिलाड़ियों के बारे में लगातार सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते रहे हैं.
'खेल और खिलाड़ियों के मुद्दों को मृत्युंजय तिवारी हमेशा ही उठाते रहे हैं. जिसको लेकर सरकार ने भी काम किया है. आज भी उन्होंने मोइनुल हक स्टेडियम की बदहाली को लेकर मुलाकात की है. जिसको लेकर हम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और स्टेडियम को विकसित करने पर विचार विमर्श भी करेंगे.' - मंगल पांडे, खेल मंत्री बिहार.
खिलाड़ियों के साथ करेंगे अनशन
वहीं खेल मंत्री को ज्ञापन सौंपने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष होने के नाते वो खिलाड़ियों और खेल मैदान का मुद्दा हमेशा ही उठाते रहते हैं. इसी क्रम में मोइनुल हक स्टेडियम की बदहाली को लेकर उन्होंने खेल मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराने उनके पास गए थे. इसको लेकर खेल मंत्री को उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा है. स्टेडियम की वस्तु स्थिति से उन्हें अवगत करवाया है. साथ ही बिहार की एक बटालियन को स्टेडियम में रखने की मांग की है. ताकि स्टेडियम की देखरेख हो सके. उन्होंने कहा कि सरकार यदि हमारी मांगों को नहीं मानती है तो हम 10 जनवरी के बाद खिलाड़ियों के साथ अनशन करेंगे.